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1st c. tile workshop found in Corsica

An excavation on the east coast of Corsica has uncovered the remains of a tile workshop dating to the 1st century A.D. Archaeologists from INRAP have been excavating the site on a small hill overlooking the Étang de Diane, a lagoon exiting to the Tyrrhenian Sea just north of Aleria, since July in advance of a real estate development.

Remains of an Early Iron Age pre-historic settlement is the first evidence of occupation the team unearthed. It was a good-sized village with about 50 structures, some of stone others of perishable materials from which only post holes remain. Archaeologists found abundant ceramics of local manufacture and several examples of Etruscan imports. (Etruscans founded the nearby town of Nicaea, while Aleria was founded by colonists from Phocaea in Ionia, Greece, in the 6th century B.C.) The excavation also revealed pits containing fragments of large stone tools (millstones, grinding wheels).

To the immediate south of the pre-historic site almost on top of the water, archaeologists found a full-fledged tile production workshop. Every stage of production took place here, starting with the decantation of the clay (when it is separated from water by allowing the clay particles to settle) in a large tile-lined basin. The tiles (architectural tegulae) were then fired in a kiln with a double-vaulted heating chamber. The kiln was inside a large masonry building with walls made of pebbles in lime mortar.

Next to the kiln building was another structure with thick walls supported by buttresses. Archaeologists believe it was the warehouse where the finished tiles were sorted and stored. A number of large pits dug outside the perimeter of the structure contained waste from the kiln and misfired and broken tiles.

On the outskirts of the tile workshop area, the excavation uncovered eight funerary structure. Most of them feature tile architecture (formwork lined with tiles or gable with tile roofs) with stone wedges for support. No bones survived due to the acidic soul, but one funerary urn was found that may contain cinerary remains. It is still filled with soil and due to its fragility will be excavated in laboratory conditions. A few pieces of pottery and glass balsamaria were found within the tile graves. They have not been conclusively dated yet, but given the connection to the tile workshop, the graves probably date to the same period.

The second round of excavations will continue into December, but after that the land, which is privately owned, will be returned to the developers. All the movable archaeology will be recovered and studied in the laboratory in early 2025. A multi-disciplinary team of experts (ceramologists, anthropologists, geomorphologists, palynologists, etc.) will analyze the archaeological materials and date the burials. 



* This article was originally published here

मॉडल तामी आनंदन, जिसने शक में BF की हत्या की:खून से लथपथ बॉयफ्रेंड का तड़पते हुए वीडियो बनाकर लीक किया, फिर हॉस्पिटल छोड़कर भागीं

मशहूर कहावत है- 'इस दुनिया में हर मर्ज का इलाज है, लेकिन शक और वहम का नहीं।' कई मायनों में ये कहावत एक दम सटीक बैठती है। आज अनसुनी दास्तान में हम आपको जो कहानी बताने जा रहे हैं, वो भी शक और वहम से होती हुई जुनून, सिरफिरेपन और कत्ल में तब्दील होती है। ज्यादा पुरानी बात नहीं हैं। 12 मार्च 2024 का दिन था। जगह थी मलेशिया और वक्त था सुबह 9 बजे का। मलेशिया के कुआला लंगट जिले की पुलिस के पास एक कॉल आया। कॉल करने वाली महिला ने अपना परिचय साइबर जाया हॉस्पिटल की स्टाफ मेंबर के रूप में दिया। महिला ने कहा कि आज सुबह करीब 7 बजे एक लड़की खून से लथपथ शख्स को अस्पताल लेकर आई थी। उस लड़के की हालत बेहद नाजुक थी। हाथ और जांघों में कई गहरे घाव थे, जिनसे लगातार बेताहाशा खून रिस रहा था। स्ट्रेचर पर लेटाने से पहले ही लड़का तड़पना शुरू कर देता है और उसकी सांसें धीमी पड़ने लगती हैं। लड़के को तुरंत ऑपरेशन थिएटर ले जाकर कुछ डॉक्टर्स उसके शरीर से बह रहा खून रोकने की कोशिश करते हैं, वहीं कुछ उसे CPR देने लगते हैं। 30 मिनट तक एक्सपर्ट डॉक्टर्स की टीम उस लड़के को बचाने की वो तमाम कोशिश करती है, जो की जानी चाहिए थी, लेकिन उनकी कोई तरकीब काम नहीं आ सकी। 30 मिनट की मशक्कत के बावजूद लड़के ने दम तोड़ दिया। इस बात की खबर देने जब नर्स ऑपरेशन थिएटर से निकली, तो देखा कि साथ आई लड़की वहां नहीं है। ये देखते ही अस्पताल की तरफ से पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस ने सबसे पहले मृतक का शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा और फिर जांच शुरू की। अच्छी बात ये हुई थी कि लड़की ने भागने से पहले एक एडमिशन फॉर्म भरा था, जिसमें लड़के का नाम गॉशिगन विनेश्वरन लिखा गया था। नाम के आधार पर पुलिस ने जांच आगे बढ़ाई। कुछ देर में लड़के की पूरी डिटेल्स पुलिस के सामने थीं। मरने वाला गॉशिगन पेशे से फोटोग्राफर था। पुलिस कत्ल की वजह समझ पाती उससे पहले ही सोशल मीडिया पर एक वीडियो सामने आया। वीडियो में गॉशिगन खून से लथपथ मदद और रहम की भीख मांग रहा था। उस लड़के के पास एक लड़की चाकू लिए खड़ी थी। वहीं वीडियो बना रहा शख्स भी कोई खास मदद नहीं कर रहा था। पुलिस के पास कई सवाल थे कि आखिर लड़के की ऐसी हालत किसने की थी? उस लड़के को लाने वाली लड़की फरार क्यों हुई? वीडियो में नजर आ रही लड़की कौन थी ? और वीडियो क्यों बनाई गई? इन सभी सवालों के जवाब आज जानिए अनसुनी दास्तान के 3 चैप्टर्स में- हॉस्पिटल फॉर्म में दर्ज हुए नाम की मदद से मलेशियन पुलिस ने गॉशिगन से जुड़ी जानकारी निकालना शुरू कर दिया। जांच में सामने आया कि जॉशिगन पेशे से एक फोटोग्राफर था। इतनी जानकारी जुटाने के बाद पुलिस ने गॉशिगन के परिवार का नंबर भी ढूंढ लिया। परिवार ने बताया कि गॉशिगन उनके साथ नहीं रहता था। उसका मॉडल तामी आनंदन से रिश्ता था और दोनों बीते कई महीनों से साथ ही रह रहे थे। जब गॉशिगन के दोस्तों से बात हुई तो उन्होंने भी यही कहा कि गॉशिगन के बारे में ज्यादा जानकारी उनकी गर्लफ्रेंड तामी से ली जाए। तामी आनंदन पेशे से एक मॉडल थीं। कई रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि तामी भारतीय मूल की हैं, लेकिन मलेशियाई न्यूज एजेंसी के मुताबिक तामी मलेशियन थीं। तामी ने मलेशिया में डॉक्टरी की पढ़ाई पूरी की थी, लेकिन उनका झुकाव हमेशा से मॉडलिंग की तरफ था। उन्होंने पहले पार्ट टाइम मॉडलिंग करियर की शुरुआत की, लेकिन फिर मॉडलिंग की दुनिया में अच्छी खासी पहचान मिलने के बाद उन्होंने डॉक्टरी छोड़ दी थी। इसी बीच पुलिस ने उस वीडियो की भी पड़ताल की, जो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। सामने आया कि उसमें नजर आ रही वो लड़की मॉडल तामी आनंदन ही हैं, जिनके साथ गॉशिगन का रिश्ता था। अब सवाल ये था कि तामी ने अपने बॉयफ्रेंड की ऐसी हालत क्यों की होगी। जब गॉशिगन के दोस्तों से उनके रिश्ते की किसी अनबन के बारे में पूछा गया तो हर किसी ने बस यही कहा कि दोनों साथ में काफी खुश थे। पुलिस ने ये मानते हुए जांच आगे बढ़ाई कि शायद वो तामी ही थीं जो गॉशिगन को अस्पताल लेकर पहुंची होंगी और फिर वहां हालत गंभीर होने पर वहां से भाग निकलीं। उनका फोन लगातार बंद जा रहा था तो पुलिस ने उनके पते पर रेड मारी, लेकिन वो वहां भी नहीं थीं। ऐसे में पुलिस की चालाकी काम आई। पुलिस ने सोचा कि अगर तामी ही वो लड़की थी जो गॉशिगन को छोड़कर गई, तो वो अस्पताल से ज्यादा दूर नहीं गई होगी। एक सर्च ऑपरेशन किया गया, जिसमें 4 घंटे की मशक्कत के बाद पुलिस को कामयाबी भी मिल गई। तामी की गिरफ्तारी अस्पताल के पास से ही हुई। जब तामी से गॉशिगन की हत्या के मामले में पूछताछ हुई तो वो साफ मुकर गईं। कई घंटों तक बार-बार बयान बदलकर गुमराह करने के बाद आखिरकार सख्ती होने पर तामी ने अपना जुर्म कबूल लिया। तामी के बयान के अनुसार, उसकी और गॉशिगन की पहली मुलाकात मलेशिया में एक मॉडलिंग इवेंट में हुई थी। उस इवेंट में गॉशिगन फोटोग्राफर था, जबकि तामी मॉडलिंग कर रही थीं। यहीं उनकी बातचीत शुरू हुई जो समय के साथ दोस्ती में बदल गई। तामी ने कई बार गॉशिगन के साथ काम किया था। साथ काम करते और समय बिताते हुए दोनों एक-दूसरे को पसंद करने लगे और फिर दोनों रिलेशनशिप में आ गए। तामी ने पुलिस को दिए बयान में बताया कि उनके बीच सब ठीक था। दोनों एक-दूसरे के बेहद करीब थे, लेकिन बीते कुछ महीनों से उन्हें शक होने लगा था कि गॉशिगन का दूसरी महिलाओं से भी रिश्ता है। दोनों की इस मामले में काफी बहस हुआ करती थी। तामी को लगने लगा कि गॉशिगन उनसे दूर जा रहे हैं और अब वो उनसे प्यार नहीं करते। गॉशिगन ने काम का हवाला देते हुए तामी को समय देना भी कम कर दिया था, जिससे उनके मन में शक का कीड़ा आ चुका था। उनके लिए तामी इतनी जुनूनी हो चुकी थीं कि वो किसी भी कीमत पर गॉशिगन को दूर होता नहीं देख पा रही थीं। 12 मार्च 2024 को जब तड़के सुबह गॉशिगन काम कर लौटा तो दोनों की फिर इसी बात पर बहस हो गई। इस बार तामी को अपने शक और वहम का हर जवाब चाहिए था, लेकिन गॉशिगन थकान से कोई भी जवाब देने में दिलचस्पी नहीं ले रहा था। इस बात से नाराज होकर तामी ने किचन में रखी चाकू उठा ली और उन पर सच बताने का दबाव डालने लगीं। जब गॉशिगन ने इसका विरोध किया तो तामी ने धारदार चाकू से उनकी कलाई काट दी। दर्द से कहराते हुए गॉशिगन उन्हें लगातार रोकने की कोशिश कर ही रहा था कि तामी ने एक के बाद एक कर उन पर चाकू से कई बार हमला कर दिया। इससे उसके हाथों और जांघों में कई चोटें आईं। गॉशिगन का खून बहता जा रहा था, लेकिन तामी तब भी नहीं रुकीं। इसी दौरान उनका एक दोस्त भी घर पहुंच गया। तामी के दबाव में ही उस लड़के ने गॉशिगन का खून से लथपथ हालत में वीडियो बनाया। रहम की भीख मांग रहे गॉशिगन पर एक समय बाद तामी को तरस आने लगा। ऐसे में उन्होंने उनके हाथ और पैर में पट्टी बांध दी। फिर जब खून बहना बंद नहीं हुआ तो वो घबराकर उसे हॉस्पिटल लेकर पहुंचीं। जब नजदीकी अस्पताल वाले ने संदिग्ध स्थिति लगने पर उन्हें एडमिट करने से इनकार कर दिया तो तामी उन्हें लेकर साइबर जाया हॉस्पिटल पहुंचीं। वो हॉस्पिटल तामी के घर से काफी दूर था, जिससे उन्हें पहुंचने में काफी देर हो गई। जब तक उनका इलाज शुरू हो सका, तब तक देर हो चुकी थी। कोर्ट में तामी के वकीलों ने ये दलील देते हुए उन्हें बचाने की कोशिश की कि उन्हें बायपोलर डिसऑर्डर है, हालांकि इस बात का उनकी मेडिकल रिपोर्ट्स में कोई सबूत नहीं था। हत्या के आरोप में जेल में बंद तामी का ट्रायल फिलहाल जारी है। ये भी सामने आया है कि तामी ने सोशल मीडिया पर सुर्खियां बटोरने के लिए गॉशिगन को मारने हुए वीडियो बनाकर खुद लीक किया था। ....................................................... इस तरह की ये अनसुनी दास्तानें भी पढ़िए टिकटॉकर महक बुखारी, जिसे दोहरे हत्याकांड में मिली उम्रकैद:मां के नाजायज रिश्ते से छुटकारा पाने के लिए कातिल बनीं, ब्लैकमेलिंग होने पर रची साजिश "मुझे बचाओ, वो लोग मेरा पीछा कर रहे हैं, मुझे मार डालेंगे।" 11 फरवरी 2022 को इंग्लैंड के लीसेस्टर शहर की पुलिस के पास देर रात एक कॉल आई, जिसमें एक शख्स चिल्ला-चिल्ला कर मदद की गुहार लगा रहा था। वो लगातार कह रहा था कि एक तेज रफ्तार कार उसकी कार का पीछा कर रही है। पुलिस मदद कर पाती, उससे पहले ही कॉल पर तेज चीखें सुनाई दीं और फिर शांति छा गई। कुछ देर बाद वो कॉल कट गई। पूरी खबर पढ़िए... मॉडल पूजा सिंह जिसका सिर कुचला गया: चाकू से 22 वार किए, 14000 से ज्यादा लोगों से पूछताछ, फिर इत्तफाक से हुआ हत्याकांड का खुलासा 31 जुलाई 2019 सुबह 5 बजे किसान मुनीराजू, बेंगलुरु के केम्पेगौड़ा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास सड़क पर टहलते हुए काम के लिए रवाना हुए। चलते-चलते उनकी नजर अचानक किनारे की तरफ पड़ी एक महिला की लाश पर पड़ी। करीब जाकर देखा तो मंजर दिल दहलाने वाला था। लाश का सिर बेरहमी से कुचला गया था, जिससे दिमाग के चिथड़े उड़ चुके थे। शरीर खून से लथपथ था। पूरी खबर पढ़िए...

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Malian singer detained in Belgium in child custody row

The 50-year-old is being held after being extradited from Italy, according to reports.

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Rupert Grint to pay £1.8m after losing tax battle

The former Harry Potter star is ordered to pay the sum after losing a tax appeal.

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Ritually bent sword from Bronze Age/Iron Age transition found in Denmark

Ritual deposits including a ritually bent sword have been discovered in a bog near Veksø northwest of Copenhagen, Denmark. The small cache of objects date to the transition from the Late Bronze Age to the Early Iron Age, around 500 B.C., and the sword actually incarnates the transition, being made of bronze with iron rivets.

They were discovered by Claus Falsby on his first outing with a metal detector. He contacted museum organization ROMU which manages archaeological responsibilities for central and western Zealand. ROMU archaeologists immediately went to the site and excavated it, discovering additional objects. In total, the cache now consisted of the bronze sword with iron rivets in the handle sinuously bent into a s-curve, two small bronze axes (known as celts), two or three large ankle bangles called vulrings, a fragment of a large fibula and an object of unknown purpose.

Then Claus Falsby and his metal detector went back a few days later and got incredibly lucky again. Just 230 feet away from his original find, he discovered a large bronze necklace with a herringbone design that is only the second example of its kind ever found in Denmark. This type of neck ring is believed to have been manufactured on the Baltic coast of what is now Poland and it likely wound up in Veksø through trade.

Located about 12 miles from the Danish capital, Veksø is on a hill surrounded by peat bogs that archaeologists believe were lakes in the Nordic Bronze Age (ca. 1750-500 B.C.). Some exceptional archaeological finds from the Early and Middle Bronze Age have been found around Veksø, including an iconic pair of horned helmets dating to around 1000 B.C., but Late Bronze Age artifacts are much more rare.

“This is what I would describe as a very rare find. From the first and middle part of the Bronze Age, we have a great many of these deposit finds, where bronze objects appear in the bogs. But we don’t know that many from the last part of the Bronze Age. The sacrificial tradition, which has been so visible and dominant, and which relates a lot to the society that has existed throughout the Bronze Age, it is in retreat here at the end of the Bronze Age,” says Emil Winther Struve, who is an archaeologist at ROMU and has responsibility for archaeological excavations in Egedal Municipality.

Despite the drastic cultural changes occurring in the transition between the eras, the Egedal find is evidence that the elite continued the traditions that had been so much more popular hundreds of years earlier. They were still able to afford incredibly expensive materials and objects and were still willing to destroy them and sacrifice them for religious purposes.

The objects from the new find have not yet been examined and analyzed. But Emil Winther Struve can conclude something. Among other things, when they have been put in the bog as a sacrifice. The bronze sword with iron rivets, with the two materials in the same object, is almost a physical manifestation of the transition from the Bronze Age to the Iron Age. It is possible that the sword’s iron rivets constitute the earliest known iron find in Denmark. This means that the objects were laid down around 500 BC, i.e. just over 2,500 years ago. At the same time, the design of the sword suggests that it was not produced in Denmark, but probably imported from the south. Specifically, north of the Alps, where the Hallstatt culture at the end of the Bronze Age grew and became dominant in Europe.

“Their swords are shaped in a completely different way than before, perhaps because they are used differently. Earlier swords were flimsy and were perhaps used for stabbing. But now they become rougher, more solid and have a different weight, so you can use them more violently and to chop with. The Hallstatt culture, which spreads relatively quickly, has a warrior ideal and an aggressive structuring that requires conquest, war and conflict. The sword may have a picture on it,” says Emil Winther Struve.

The objects are now at the National Museum where they are undergoing conservation and analysis.



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कुशा कपिला को तलाक के अनाउंसमेंट का मिला था अल्टीमेटम:एक्ट्रेस बोलीं- हमें दो दिन का समय दिया था, तीसरे दिन खबर बाहर आ जाती

सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर और एक्ट्रेस कुशा कपिला ने 2017 में जोरावर अहलूवालिया से शादी की थी। लेकिन शादी के छह साल बाद, 2023 में दोनों का तलाक हो गया। अब कुशा ने एक पॉडकास्ट में अपने तलाक के बारे में बात की है। उन्होंने कहा कि 2023 में उन्हें अपने पति जोरावर अहलूवालिया से तलाक की खबर सबको बतानी पड़ी, क्योंकि एक मीडिया कंपनी को इसके बारे में पता चल गया था। उस कंपनी ने उन्हें दो दिन का समय दिया था’ कुशा कपिला ने मोमेंट ऑफ साइलेंस पॉडकास्ट में कहा, ‘हमें यह खबर बतानी पड़ी, क्योंकि एक मीडिया कंपनी को हमारे तलाक के बारे में पता चल गया था। उस कंपनी ने हमें दो दिन का समय देते हुए कहा था कि अगर हमने इसका ऐलान नहीं किया, तो वह तीसरे दिन खुद ही खबर प्रकाशित कर देंगे।’ कुशा कपिला ने बताया कि उन्होंने अपनी तलाक की खबर को पर्सनल रखने की पूरी कोशिश की। लेकिन शायद यह खबर तब लीक हुई होगी, जब किसी ने उन्हें कोर्ट में देख लिया होगा। उन्होंने यह भी माना कि मीडिया कंपनी अपनी जिम्मेदारी निभा रही थी, क्योंकि उन्हें जो जानकारी मिली, उन्होंने उस पर काम किया। कुशा कपिला ने कहा, ‘भले ही मैं और जोरावर अलग हो गए हैं, लेकिन हमारा रिश्ता आज भी मजबूत है। इतना ही नहीं, हम दोनों के बीच एक-दूसरे के प्रति सम्मान और रिश्ते का आदर अब भी करते हैं।’ कुशा इन फिल्मों में आ चुकी हैं नजर बता दें, कुशा कपिला थैंक यू फॉर कमिंग, सूखे, सेल्फी और प्लान ए प्लान बी जैसी फिल्मों में नजर आ चुकी हैं।

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Gregg Wallace 'fascinated by my sex life and made lesbian jokes'

A number of workers across a range of shows have approached BBC News with claims about the TV presenter.

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Gregg Wallace 'fascinated by my sex life and made lesbian jokes'

A number of workers across a range of shows have approached BBC News with claims about the TV presenter.

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Nationally important Bronze Age hoard recovered from looters

A late Bronze Age (ca. 950–780/740 B.C.) hoard of national importance found near Gryfino in Poland’s West Pomeranian Voivodeship has been rescued by authorities after it was illegally excavated. Anonymous individuals sent pictures of the objects to each other before they were emailed to the Provincial Conservator of Monuments in Szczecin who then called the police. The police tracked down the people trading the pictures and while they denied being the looters, they did know that the objects had been hidden near the headquarters of the Gryfino Region History Enthusiasts Society. The association then handed over the treasure to the Provincial Office for the Protection of Monuments in Szczecin.

The hoard contains more than 100 objects, 73 of them remarkably large. It includes more than 30 bronze neck rings, weapons, shield bosses, jewelry, phalerae (metal discs) from horse harnesses, silver spikes, the handle of a vessel, sickles and spearheads. Three of the objects are of national importance, unique on the archaeological record of Poland: a brooch made of circular hoops with decorated sheet-metal domes, a long pin and the axe which were not locally made and came to Gryfino from southcentral Europe, probably the Alpine region. The axe socket contains remnants of wood from the haft, which will give archaeologists the opportunity to radiocarbon date the axe head and determine what kind of wood it was mounted to.

The finder or finders used a metal detector but Polish law regulates their use to prevent exactly this kind of shenanigan, and the looters obviously did not have the necessary permits to conduct a metal detector search. That in itself is an indictable offense, but to add insult to injury, it’s clear from the photographs that they destroyed at least one clay container in which the treasure had been buried 3,000 or so years ago and ran roughshod over the archaeological context, acts punishably by a term of up to eight years in prison.

Authorities have appealed to the looter/s to right the wrong they’ve done by telling archaeologists the precise location of the find so they can investigate it. They want to know if there was just one pot containing the hoard, of it was a cinerary urn with the objects as grave goods. If the objects were funerary furnishings, there could be more of them, and there could be neighboring graves. It’s essential that the context of the find be professionally explored to answer questions about this highly significant find.

The hoard is currently at the National Museum in Szczecin where it will be studied further and conserved. After initial research is completed, the objects will be exhibited at the museum.



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‘लंबे समय तक पापा ने बेरोजगारी भी झेली’:अनन्या पांडे बोलीं- घर के बाहर कोई उन्हें देखने नहीं आता था, मैंने उनसे बहुत कुछ सीखा

अनन्या पांडे का अपने पिता चंकी पांडे के साथ बहुत अच्छा बॉन्ड है। दोनों अक्सर एक-दूसरे के साथ मस्ती करते हुए नजर आते हैं। हाल ही में एक्ट्रेस ने अपने पिता से जुड़ा एक किस्सा साझा किया है। उन्होंने कहा कि उनका जन्म उस समय हुआ जब उनके पिता के करियर में काफी उतार-चढ़ाव का दौर चल रहा था। उस समय उन्होंने यह समझा कि सफलता और असफलता दोनों ही जीवन का एक हिस्सा हैं। राज शमानी के पॉडकास्ट पर अनन्या पांडे ने बातचीत करते हुए कहा, 'जब मैं पैदा हुई, तब मेरे पिता एक मुश्किल दौर से गुजर रहे थे। वह 80 और 90 के दशक में बड़े एक्टर थे। लेकिन इसके बाद उन्होंने अलग-अलग तरह के काम करने शुरू कर दिए। कई बार ऐसा होता था, जब उनके पास काम नहीं होता था और वह घर पर ही बैठे रहते थे। बचपन में शायद मैं एक या दो बार ही फिल्म के सेट पर उनके साथ गई थी। उस समय वह बहुत व्यस्त नहीं होते थे। लोग हमारे घर के बाहर उन्हें देखने के लिए भी नहीं आते थे।' अनन्या पांडे ने कहा, 'अगर मुझे अपने पिता से कुछ सीखना हो, तो मैं उनके जैसे बदलाव को स्वीकार करने और अलग-अलग प्रकार के किरदार निभाना चाहूंगी। उन्होंने हर तरह के रोल किए हैं, जैसे लीड रोल, छोटे रोल और निगेटिव रोल। उन्होंने हर भाषा में फिल्में की हैं। हमेशा बदलाव के लिए खुले रहे हैं, जो मुझे बहुत अच्छा लगता है।' अनन्या पांडे ने आगे कहा, 'हमारी पीढ़ी के एक्टर्स हर तरह का काम करना चाहते हैं। इस पर मेरे पिता और मेरा कभी-कभी झगड़ा हो जाता है। वह मुझे बड़े मसाला फिल्मों में देखना चाहते हैं। जैसे उन्होंने की हैं। लेकिन मैं कहती हूं नहीं। मुझे छोटी फिल्म में बड़ा रोल करना ज्यादा अच्छा लगता है, बजाय बड़ी फिल्म में छोटा रोल करने के। लेकिन अब उनका नजरिया बदल रहा है।' बता दें, अनन्या पांडे के वर्क फ्रंट की बात करें तो वह जल्द ही फिल्म शंकरा में नजर आने वाली हैं। इस फिल्म में उनके साथ अक्षय कुमार और आर माधवन भी लीड रोल में होंगे।

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सिर्फ लीड एक्टर्स की कास्टिंग करते हैं डायरेक्टर:राज कुमार के साथ काम नहीं करना चाहते थे नाना, डायरेक्टर मेहुल ने नफरत को दोस्ती में बदला

अक्सर ऐसा कहा जाता है कि डायरेक्टर का काम सिर्फ कट बोलना होता है, लेकिन उसकी जिम्मेदारी इससे बहुत ज्यादा होती है। फिल्म के बनने से लेकर फिल्म की रिलीज तक, डायरेक्टर को अलग-अलग डिपार्टमेंट में काम करना पड़ता है। एक डायरेक्टर को राइटिंग, एडिटिंग, फोटोग्राफी समेत सभी चीजों की नॉलेज होनी बहुत जरूरी है। इसीलिए डायरेक्टर को कैप्टन ऑफ द शिप कहना गलत नहीं होगा। रील टु रियल के इस एपिसोड में हम फिल्म मेकिंग में डायरेक्टर के रोल को समझेंगे। इसके लिए हमने डायरेक्टर तुषार हीरानंदानी और मेहुल कुमार से बात की। तुषार ने राजकुमार राव की हालिया फिल्म श्रीकांत का डायरेक्शन किया है। वहीं मेहुल कुमार तिरंगा, क्रांतिवीर, मृत्युदाता जैसी फिल्मों के लिए जाने जाते हैं। फिल्म बनाने के लिए डायरेक्टर को सही स्क्रिप्ट का चुनाव करना जरूरी फिल्म की मेकिंग तभी शुरू हो सकती है, जब डायरेक्टर के पास एक बहुत अच्छी कहानी (स्क्रिप्ट) हो। उस कहानी के सब्जेक्ट में बहुत नयापन होना चाहिए। कहानी के चुनाव में डायरेक्टर को बिल्कुल भी जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए। एक फिल्म को बनाने में 2-3 साल का समय लग जाता है। ऐसे में मेकर्स को ध्यान रखना चाहिए कि फिल्म की कहानी आने वाले 2-3 साल या उसके बाद भी लोगों के लिए नई और हटकर हो। फिल्म के लीड एक्टर्स का चुनाव डायरेक्टर्स करते हैं, साइड एक्टर्स के चुनाव की जिम्मेदारी कास्टिंग डायरेक्टर पर फिल्मों के लिए एक्टर्स की कास्टिंग में भी डायरेक्टर्स का इन्वॉल्वमेंट होता है। इस बारे में तुषार कहते हैं, ‘एक्टर्स की कास्टिंग में मेरी पूरी भागीदारी रहती है। फिल्म या किसी वेब सीरीज की जो मेन कास्टिंग होती है, वो मैं कास्टिंग डायरेक्टर के साथ मिलकर करता हूं, लेकिन जो साइड एक्टर्स या बैकग्राउंड एक्टर्स की कास्टिंग होती है, उसकी पूरी जिम्मेदारी कास्टिंग डायरेक्टर पर ही होती है। जैसे कि फिल्म श्रीकांत में मेन लीड के अलावा पूरी कास्टिंग अभिमन्यू ने की थी। उन्होंने बेहतर कास्टिंग की थी। फिल्म में बहुत नए चेहरे देखने को मिले हैं, लेकिन सभी ने अच्छा काम किया। फिल्म के लिए सभी लोगों की कास्टिंग, डायरेक्टर अकेले नहीं कर सकता है। उसे बाकी चीजों पर ध्यान देना पड़ता है। ऐसे में हमें कास्टिंग डायरेक्टर पर भरोसा करना ही पड़ता है।’ किस दिन कब और कहां शूटिंग होगी, यह भी डायरेक्टर करते हैं डिसाइड अगर किसी फिल्म की शूटिंग बिना प्रॉपर प्लानिंग के शुरू होती है, तो नुकसान हमेशा होता है। फिल्म बॉक्स ऑफिस पर रिकॉर्ड तोड़ कमाई कर सके, इसके लिए प्री-प्रोडक्शन का काम बेहतरीन ढंग से होना चाहिए। मान लीजिए, अगर फिल्म की शूटिंग किसी आउटडोर लोकेशन पर करनी है, तो सबसे पहले डायरेक्टर बाकी लोगों के साथ मिलकर आउटडोर का पूरा चार्ट बनाता है। आउटडोर शूट में कितने शॉट हैं, कितने गाने हैं, यह सभी चीजें चार्ट में लिखी होती हैं। इस चार्ट में हर सीन के हिसाब से कपड़ों की भी डिटेलिंग होती है। बाकी शूटिंग से जुड़ी हर छोटी-बड़ी चीज का लेखा-जोखा उस चार्ट में रहता है। इस बारे में तुषार ने कहा, ‘किसी फिल्म की शूटिंग बिना प्रॉपर तैयारी के बिल्कुल शुरू नहीं हो सकती है। जैसे कि मैं शूटिंग शुरू होने से एक महीने पहले ही अपनी पूरी टीम के साथ बैठकर स्क्रिप्ट को पूरा रिवाइज कर लेता हूं। ताकि सबको पता हो कि किस दिन कौन सा शॉट फिल्माना है या पहला और लास्ट शॉट क्या होगा।' प्रोड्यूसर के साथ मिलकर ही डायरेक्टर को करना चाहिए काम मेहुल कुमार ने बताया कि फिल्म की शूटिंग शुरू होने से पहले डायरेक्टर और प्रोड्यूसर के बीच एक एग्रीमेंट होता है। इस एग्रीमेंट में फीस से संबंधित सभी चीजें लिखी होती हैं। इसके बाद प्रोड्यूसर और डायरेक्टर एक फैमिली की तरह काम करते हैं। उन्होंने आगे कहा कि फिल्म मेकिंग में डायरेक्टर और प्रोड्यूसर का एक साथ मिलकर काम करना जरूरी होता है। फिल्म के शेड्यूल के हिसाब से डायरेक्टर को मिलती है फीस मेहुल ने फीस डिस्ट्रीब्यूशन पर भी बात की। उन्होंने एक उदाहरण के जरिए समझाते हुए कहा, मान लीजिए फिल्म की शूटिंग 6 शेड्यूल में पूरी हो रही है, तो इन 6 शेड्यूल में थोड़ा-थोड़ा करके प्रोड्यूसर, डायरेक्टर की फीस का भुगतान करते हैं। फिर बचा हुआ पेमेंट फिल्म की रिलीज से पहले डायरेक्टर को दे दिया जाता है। हालांकि प्रोड्यूसर और डायरेक्टर के बीच पैसे के लेन-देन का तरीका प्रोजेक्ट टु प्रोजेक्ट वैरी करता है। कई बार तो प्रोड्यूसर शुरुआत में डायरेक्टर को फीस दे देते हैं। वहीं, कभी-कभार फिल्म की शूटिंग खत्म हो जाने के बाद डायरेक्टर को फीस मिलती है। गोविंदा ने शूट करने से मना किया तो डायरेक्टर मेहुल ने फिल्म को बंद होने से बचाया फिल्म ‘आसमान से ऊंचा’ में गोविंदा ने काम किया था। फिल्म का लास्ट एक्शन सीक्वेंस कश्मीर में फिल्माना था। ठंड बहुत ज्यादा थी और शूटिंग की डेट भी आगे बढ़ गई थी, इसलिए गोविंदा कश्मीर में रुकने के लिए तैयार नहीं थे। फिल्म के डायरेक्टर मेहुल ने उनसे बहुत रिक्वेस्ट की, लेकिन वो नहीं माने। मेहुल फिल्म को अधूरा छोड़ते तो बहुत नुकसान होता। ऐसे में उन्होंने एक तरकीब निकाली। उन्होंने उस एक्शन सीक्वेंस की शूटिंग गोविंदा के बॉडी डबल के साथ कर ली। वहीं सीन के जो क्लोजअप शॉट थे, वो उन्होंने गोविंदा के साथ मुंबई स्थित फिल्मसिटी में फिल्माए। यह डायरेक्टर मेहुल की ही समझदारी थी कि फिल्म को बर्बाद होने से उन्होंने बचा लिया। मेहुल ने आगे कहा- उस सीन को हमने इस तरह से फिल्माया है कि आज भी लोगों का मालूम नहीं चलता है कि सीन के कुछ हिस्से की शूटिंग फिल्मसिटी में हुई है। राज कुमार के साथ काम नहीं करना चाहते थे नाना फिल्म 'तिरंगा' नाना के करियर की अहम फिल्म साबित हुई थी जो कि 1993 में रिलीज हुई थी। इसमें उन्होंने इंस्पेक्टर वागले का रोल प्ले किया था। उनकी कास्टिंग पर फिल्म के डायरेक्टर मेहुल कुमार ने कहा, 'इंस्पेक्टर वागले के रोल के लिए मेरी पहली चॉइस रजनीकांत थे। उन्हें कहानी भी पसंद आई थी, लेकिन उन्होंने फिल्म करने से मना कर दिया। उन्होंने कहा- सब्जेक्ट अच्छा है, मेरा कैरेक्टर भी पावरफुल है, मेरा नाम भी रखा है, पर राजकुमार के साथ काम करने को लेकर मेरा मन न बोल रहा है। इसके बाद नसीरुद्दीन शाह को अप्रोच किया गया, तब उन्होंने मना करते हुए कहा- मेहुल जी, राज साहब के साथ मेरी नहीं जमेगी। इसके बाद नाना को ऑफर दिया गया, उन्होंने कहानी सुनते ही फिल्म के लिए हामी भर दी, लेकिन उन्होंने कहा कि अगर राज जी फिल्म में इंटरफियर करेंगे तो मैं शूटिंग छोड़ कर चला जाऊंगा। नाना की कास्टिंग की बात मैंने राज जी को फोन करके बताई। इस पर उन्होंने कहा- वह तो बदतमीजी करता है। सेट पर गाली-गलौज कर लेता है। उसके साथ तो गड़बड़ हो जाएगी। खैर, अगर बात ओके हो गई है, तब चलो फिल्म करते हैं। इस कास्टिंग पर इंडस्ट्री से जुड़े एक नामी-गिरामी प्रोड्यूसर-डायरेक्टर ने मुहूर्त के दिन ही चिंता जताते हुए कहा कि भगवान करे कि तुम्हारा तिरंगा लहराए। मुझे तो चिंता हो रही है कि तुमने एक ईस्ट और दूसरे वेस्ट को कास्ट करके छह महीने में फिल्म बनाने का फैसला लिया है। शुरुआत में राजकुमार और नाना पाटेकर शॉट देने के बाद अलग-अलग जा बैठते थे, लेकिन ‘पी ले पी ले ओ मेरे राजा…’ गाना पिक्चराइज होने के बाद दोनों की दोस्ती हो गई। इसके बाद तो क्लाइमैक्स फिल्माने तक दोनों में अच्छी दोस्ती हो गई। रिलीज के बाद फिल्म भी सुपरहिट रही।' डायरेक्टर ने फिल्म में नाना को पहनाए थे पुराने कपड़े मेहुल की फिल्म क्रांतिवीर में भी नाना पाटेकर ने काम किया था। इस फिल्म का किस्सा सुनाते हुए डायरेक्टर ने कहा- आज के समय में एक्टर्स खुद ही कपड़े सिलेक्ट करते हैं, पहले ऐसा नहीं होता था। फिल्म क्रांतिवीर में नाना का लुक थोड़ा फकीरों वाला था। ऐसे में मैंने नाना से कहा कि तुम फिल्म में अपने सारे पुराने कपड़े पहनना, जिसे प्रेस भी नहीं किया जाएगा। उसके बदले मैं नए कपड़े बनवाकर दिला दूंगा। मेरी इस डिमांड को उन्होंने खुशी-खुशी मान लिया था। हमेशा सेट पर लेट पहुंचने वाले शत्रुघ्न सिन्हा, मेहुल के कहने पर टाइम से शूटिंग पर पहुंचे इंडस्ट्री में यह किस्सा बहुत मशहूर था कि शत्रुघ्न सिन्हा कभी भी समय पर शूटिंग के लिए नहीं आते थे। इस बारे में मेहुल ने कहा- फिल्म नाइंसाफी में उन्होंने मेरे साथ काम किया था। एक दिन फिल्म के प्रोड्यूसर ने कहा कि सभी लोग वक्त पर आते हैं, तो सिन्हा साहब क्यों नहीं आते। मैंने इसका कोई जवाब नहीं दिया। एक दिन मौका देखते ही मैं सिन्हा साहब से मिलने चला गया। मैंने उनसे कहा कि सेट पर ऐसी बातें होती हैं कि आप वक्त पर नहीं आते हैं। लोग ऐसा कहें, ये अच्छा तो नहीं है। इसी वजह से कल आपका शूट सुबह 11 बजे रहेगा, तो प्लीज आ जाइएगा। उन्होंने मेरा कहना मान लिया। जब मैंने यह बात प्रोडक्शन टीम को बताई तो हर कोई हैरान था। सबका कहना था कि वो वक्त पर नहीं आएंगे, लेकिन जब अगले दिन सुबह 10:30 बजे सिन्हा साहब सेट पर पहुंचे तो हर कोई दंग था। हालांकि बाद में सिन्हा साहब ने मुझसे कहा था कि एक दिन का तो ठीक था, लेकिन हर दिन ऐसे शूटिंग मत रखना। ................................................................................. बॉलीवुड से जुड़ी यह खबर भी पढ़ें... सलीम खान@89 बदनामी न हो इसलिए दूसरी शादी की:सलमान की फीस जमा नहीं कर पाए तो खुद को दी सजा हिंदी सिनेमा के मशहूर राइटर सलीम खान का आज 89वां बर्थडे है। मध्य प्रदेश के इंदौर में जन्मे सलीम खान पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ के रिश्तों की वजह से हमेशा चर्चा में रहे हैं। पढ़ें पूरी खबर...

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Lib Dem leader Ed Davey in bid for Christmas No 1

The party leader has teamed up with the Bath Philharmonia's Young Carers' Choir to release a charity single.

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Dedication to Hadrian Olympios found in Turkey

A marble block with a dedication to the emperor Hadrian has been discovered at the ancient city of Blaundos in western Turkey. The inscription translates to “Savior and founding emperor Hadrianoi Olympios” and likely dates to latter years of Hadrian’s reign (132-138 A.D.).

Blaundos was founded around 280 B.C. as a military colony for Macedonian soldiers in the army of the Seleucid Empire, the Greco-Macedonian Hellenistic state formed by Alexander the Great’s general and successors, Seleucus. The rulers of the Seleucid dynasty made a point of seeding their territories with military colonies, spreading Greek culture and ensuring quick access to seasoned soldiers throughout the empire, which at its peak stretched from the Aegean Sea to what is now Pakistan.

The city was built over a pre-existing fortress at the summit of a high hill surrounded by the Great Uşak-Ulubey Canyon with only a single entrance, making it almost impossible to attack by surprise and easy to defend. It was incorporated into the Roman Empire’s Asia province in 133 B.C. Blaundos reached its greatest prosperity in the 1st century A.D., bouncing back stronger than ever from an earthquake that struck in 60 A.D. Many of the buildings discovered at the archaeological site dates to this period, although new construction continued well into the 4th century. After centuries of neglect and dwindling population, Blaundos was abandoned in the 12th century.

The site was rediscovered in the 1830s, but professional excavations only began in 1995. Since 2018, the Blaundos Archaeological Excavation Project has been excavating the ancient city year-round, uncovering the remains of a Hellenistic city gate, temples, a public bath, a stadium and other structures. This year’s excavation explored the Temple of Demeter, an Ionic temple built around 50 A.D. on the southern side of the city.

The inscribed marble block was unearthed from a colonnaded street running east-west in front of the temple. It is 31.5 inches high and 13.8 inches wide and could be an altar or a statue base. It was found next to a line of four column bases on the side of the street.

Hadrian Olympios was an epithet used in Greek cities after Hadrian completed the Temple of Olympian Zeus (aka the Olympieion) in Athens in 132 A.D. Hadrian was a huge devotee of Greek culture and instituted an official program of Panhellenism (advocating for a united Greece) starting in 125 A.D. He encouraged the creation of the Panhellenion, a regional leagues of Greek cities, and instituted/revived games and sacrifices. The program culminated with the opening of the Olympieion 638 years after construction had begun under the last tyrant of Athens, Hippias.

After Hadrian dedicated the new/old temple, he adopted “Panhellenios” as one of his titles and Athens raised numerous statues of him, including one colossus behind the Olympieion. The remains of more than 90 altars dedicated to Hadrian have been found in Athens alone, and Greek cities everywhere erected their own statues and altars to the philhellenic emperor. The epithet “Olympios” was far more popular than “Panhellenios,” associating the emperor with the king of the gods and mirroring the imperial cult with the traditional Olympian pantheon. In fact, Hadrian Olympios became the most frequently used name for the emperor in the entire Greek world.



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Charli XCX to headline Parklife 2025

The star will join a swathe of artists at the two-day music festival next summer in Manchester.

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How Iran Won the West

How Iran Won the West JamesHoare

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‘पहली हिट फिल्म के बावूजद नहीं मिला कोई काम’:अल्लू अर्जुन बोले- एक साल तक किसी ने नहीं पूछा, डूबते करियर को सुकुमार ने संभाला

अल्लू अर्जुन और रश्मिका मंदाना की फिल्म 'पुष्पा-2' जल्द ही रिलीज होने वाली है। इसी बीच, चेन्नई में फिल्म का प्री-रिलीज इवेंट रखा गया, जिसमें अल्लू अर्जुन ने अपनी फिल्मी करियर के शुरुआती दिनों के बारे में बात की। एक्टर ने कहा कि पहली फिल्म हिट तो थी, लेकिन एक साल तक किसी ने उन्हें किसी भी फिल्म के लिए कास्ट नहीं किया। अल्लू अर्जुन ने कहा, 'मैंने मुख्य अभिनेता के तौर पर अपना डेब्यू गंगोत्री फिल्म से किया था। यह फिल्म तो हिट साबित हुई, लेकिन मैं बतौर अभिनेता कुछ खास नहीं कर पाया। इतना ही नहीं, मुझे अगले एक साल तक कोई काम नहीं मिला। कोई भी मेरे साथ काम करने के लिए तैयार नहीं था। फिर एक नए निर्देशक ने मुझे आर्या फिल्म का ऑफर दिया, जिसके बाद से मेरी जिंदगी बदल गई और मैंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।’ अल्लू अर्जुन ने डायरेक्टर सुकुमार के साथ अपने रिश्ते के बारे में बात की। एक्टर ने कहा, 'अगर मैं अपने करियर को देखूं और उस एक व्यक्ति के बारे में सोचूं, जिसने मेरी जिंदगी में सबसे ज्यादा असर डाला है, तो वह सुकुमार होंगे। वह अभी भी पोस्ट-प्रोडक्शन में व्यस्त हैं। उनका न होना, उनके होने से ज्यादा असरदार है। मुझे तुम्हारी बहुत याद आ रही है, सुक्कू। हम सभी इस रास्ते में साथ हैं।' इवेंट में लॉन्च हुआ किसिक सॉन्ग इवेंट के दौरान मेकर्स ने पुष्पा 2 का एक खास डांस नंबर किसिक लॉन्च किया, जिसमें पहली बार श्री लीला को अल्लू अर्जुन के साथ देखा गया। 2021 की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म थी ‘पुष्पा: द राइज’ 2021 में रिलीज हुई ‘पुष्पा: द राइज’ साल की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली भारतीय फिल्म थी। सभी वर्जन मिलाकर इस फिल्म ने लाइफ टाइम इंडिया में 313 और वर्ल्डवाइड 350 करोड़ रुपए का बिजनेस किया था। यह सबसे ज्यादा कमाई करने वाली तेलुगु फिल्मों की लिस्ट में छठे नंबर पर है। फिल्म पुष्पा-2, 5 दिसंबर को रिलीज होगी। ---------------------- इससे जुड़ी खबर पढ़ें पुष्पा 2 का ट्रेलर रिलीज:पहले पार्ट से ज्यादा खतरनाक रोल में दिखे अल्लू अर्जुन मोस्ट अवेटेड फिल्म पुष्पा 2 का ट्रेलर रिलीज हो गया है। लगभग 3 मिनट के इस ट्रेलर में अल्लू अर्जुन का खूंखार अवतार देखने को मिला है। फिल्म में अल्लू के अलावा रश्मिका मंदाना, फहाद फासिल भी लीड रोल में हैं। सुकुमार द्वारा निर्देशित और मैथरी मूवी मेकर्स द्वारा निर्मित यह फिल्म 5 दिसंबर को रिलीज होगी। पूरी खबर पढ़ें...

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सामंथा रुथ प्रभु ने एक्स-हसबैंड पर कसा तंज!:बोलीं- महंगे तोहफे भेजना पैसों की बर्बादी थी; एक्ट्रेस सोशल मीडिया पर हुईं ट्रोल

साउथ एक्ट्रेस सामंथा रुथ प्रभु इन दिनों अपनी नई स्पाई-एक्शन सीरीज 'सिटाडेल: हनी बनी' को लेकर सुर्खियों में हैं। इसी बीच एक्ट्रेस का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें उन्होंने कहा कि अपने एक्स को महंगे तोहफे भेजने का उन्हें काफी दुख होता है। हालांकि, सामंथा ने किसी का नाम नहीं लिया, लेकिन सोशल मीडिया पर यूजर्स इसे उनके एक्स-पति नागा चैतन्य से जोड़कर देख रहे हैं। दरअसल, हाल ही में अमेजन प्राइम वीडियो ने दोनों स्टार का एक मजेदार वीडियो शेयर किया है। इस वीडियो में वरुण धवन और सामंथा साथ में रैपिड फायर करते नजर आ रहे हैं। इसी दौरान वरुण ने सामंथा से सवाल किया कि ऐसी कौन सी चीज है, जिस पर आपने सबसे ज्यादा पैसे खर्च किए और वह यूजलेस थी। इस सवाल का जवाब देते हुए एक्ट्रेस ने कहा कि अपने एक्स के महंगे तोहफों पर, हालांकि वरुण ने कीमत जानने की भी कोशिश की, लेकिन एक्ट्रेस ने बात ही टाल दी। एक्ट्रेस सोशल मीडिया पर हुईं ट्रोल सामंथा रुथ प्रभु का यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। कई एक्ट्रेस को उनके इस जवाब के लिए ट्रोल कर रहे हैं, तो कुछ लोग उनका सपोर्ट करते हुए भी नजर आ रहे हैं। 2021 में हुआ था सामंथा और नागा चैतन्य का तलाक सामंथा ने साल 2017 में साउथ सुपरस्टार नागार्जुन के बेटे नागा चैतन्य से शादी की थी। लेकिन 2021 में उनका तलाक हो गया। इसके बाद सामंथा ने काफी हेल्थ इशूज भी झेले। वहीं, 8 अगस्त को हुई नागा-शोभिता की सगाई नागा चैतन्य और शोभिता धुलिपाला ने चार दिन पहले 8 अगस्त को सगाई की है। दोनों ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर इस प्राइवेट सेरेमनी की कुछ तस्वीरें शेयर की हैं। ------------------ इससे जुड़ी खबर पढ़िए नागा चैतन्य-शोभिता के वेडिंग कार्ड की पहली झलक:4 दिसंबर को हैदराबाद में लेंगे सात फेरे नागा चैतन्य और शोभिता धुलिपाला के वेडिंग कार्ड की पहली झलक सामने आई है। कार्ड के मुताबिक, दोनों इसी साल 4 दिसंबर को सात फेरे लेंगे। शादी के फंक्शन हैदराबाद स्थित अन्नपूर्णा स्टूडियो में होंगे। पूरी खबर पढ़ें...

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Elton John album on hold because he 'can't see'

He says he "can't see anything, I can't read anything, I can't watch anything" after an eye infection.

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First Viking pommel cap of its kind found in the Netherlands

A 10th century pommel cap from a Viking sword of the Mammen style discovered in Frisia is the first of its kind found in the Netherlands. It was discovered in May of this year by metal detectorist Sander Visser who found it less than eight inches under the soil of a farm near Witmarsum. He recognized it as a pommel cap and reported it to heritage authorities.

Characterized by double contour lines forming full-bodied animals in profile and foliate elements that interlace with asymmetrical s-shaped tendrils, the Mammen style is named after a highly decorated iron axe head with silver inlay found in a Viking grave in Mammen, Denmark. We know from dendrochronological analysis of the preserved wood in the burial chamber that the Mammen grave dates to the winter of 970-971 A.D. That was the peak of the short-lived decorative style, which arose in the middle of the 10th century and fell out of use in the early 11th century.

The pommel cap is made of copper alloy with traces of gilding still visible on the intricately carved surface. It is decorated with the profiles of wild boar heads on each side. Wild boars were symbols of war and courage in Viking decorative arts. The Norse goddess Freya had a boar named Hildesvini, meaning “Battle Swine,” which she rode like a charger into battle.

The discovery of this Viking artefact in Friesland underlines the role the area played as a link in the Viking networks. Dr Nelleke IJssennagger-van der Pluijm, director of the Fryske Akademy and an expert on Frisia and the Viking world, says: “This extraordinary find shows that there is still a lot to discover about the Viking Age in Frisia, an area larger than presentday Friesland, about which we have learned a lot through research in recent years. Because this beautiful pommel cap is the first of its kind to be found in the Netherlands, it enriches our understanding of the contacts between Frisia and the Viking world in Scandinavia and the British Isles, and adds a new dimension to our historical knowledge.”

With support from the Netherlands Organisation for Scientific Research (NWO), Dr Diana Spiekhout, curator of Middle Ages and Mound Culture at the Fries Museum, has long been researching swords from early medieval Frisia that once included the Dutch coastal region, the area around Utrecht and the German East Frisian coast.

Swords were much more than just weapons during the early medieval period in northern and north-western Europe. People attributed human characteristics to them and they could have important symbolic value. “You could call these ‘epic’ swords,” says Diana Spiekhout. Swords with a formidable reputation were passed down for generations within elite networks, with successive owners sometimes adding ornate decorations or replacing parts. Evidence of this way of treating swords has been found in Frisia, but mainly up to the eighth century. Any decorations added later than this were usually standardised.

The Fryske Akademy and the Fries Museum are collaborating to study the pommel cap, examining it in relation to other Frisian archaeological finds from the era and the networks of trade and cultural exchange that brought the object to the Netherlands. In April of 2025, the pommel cap will make its public debut at the National Museum of Antiquities in Leiden as part of it Above ground level. Archaeological finds 2000-20 exhibition. It will move permanently to the Fries Museum next fall.



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Chappell Roan and Ezra Collective on BBC Sound of 2025 list

The list has a track record of picking music's next big things, from Adele to The Last Dinner Party.

from BBC News https://ift.tt/mpX1tL8

Kate Nash says OnlyFans will earn more than tour

The singer is selling photos of her bottom on the platform because "touring makes losses not profits".

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The Aztec skull whistle sounded like people screaming

A new study by researchers at the University of Zurich published in the journal Communications Psychology has found that the scream-like sounds of the Aztec skull whistle have a terrifying effect on human listeners today, reflected in their brain activity.

Aztec skull whistles were petite (3-5 cm) clay skulls with tubular stems often found at burial and human sacrifice sites dating to between 1250 and 1521. Archaeologists hypothesize that the skull iconography represents Ehecatl, the Aztec God of the Wind, who collected bones of previous eras in the underworld and created humankind with them. They may also refer to Mictlantecuhtli, Aztec god of the underworld, and the screaming sound they generated may have prepared the sacrifice victim for their descent into the underworld, perhaps the fifth level which is filled with painful, howling winds. Another hypothesis is that the instrument was simply mimicking human screams as a component of the sacrifice ritual.

Researchers sought to understand the possible symbolism of the skull whistle by studying its effect of the sounds they produce on human listeners. The study collected sound recordings from skull whistles excavated from temple precincts in Mexico City. They also made high-resolution CT scans of examples from the collection of the Ethnological Museum in Berlin that they then used to create 3D digital reconstructions of the originals as well as accurate, playable replicas. The digital models revealed new details on how the whistles generated sound.

Air was blown into a mouthpiece connected to an airduct that constricted at the far end where it connected to the interior of the skull. The rounded back of the skull was a counterpressure chamber where the air circulated before heading out a collision chamber to the bell and the whistle opening under the “jaw” of the skull.

The models revealed a unique internal construction of two opposing sound chambers that create physical air turbulence as the source of the screeching sound. “The whistles have a very unique construction, and we don’t know of any comparable musical instrument from other pre-Columbian cultures or from other historical and contemporary contexts,” says [University of Zurich neuroscience professor Sascha] Frühholz.

When test subjects heard the sound recordings of the death whistles, they identified them as human screams.

The Aztec death whistle sounds were also played to human listeners while their brains were being recorded. Brain regions belonging to the affective neural system responded strongly to the sound, again confirming its daunting nature. But the team also observed brain activity in regions that associate sounds with symbolic meaning. This suggests a “hybrid” nature of these death whistle sounds, combining a basic psychoaffective influence on listeners with more elaborate mental processes of sound symbolism, signifying the iconographic nature.

Music has always had strong emotional impact on human listeners in both contemporary and ancient cultures, hence its use in ritual religious and mythological contexts. Aztec communities may have specifically capitalized on the frightening and symbolic nature of the death whistle sound to influence the audience in their ritual procedures, based on the knowledge of how the sound affects modern humans. “Unfortunately, we could not perform our psychological and neuroscientific experiments with humans from ancient Aztec cultures. But the basic mechanisms of affective response to scary sounds are common to humans from all historical contexts,” says Frühholz.

Original skull whistle sound clip:

Replica skull whistle played with high air pressure:

Replica skull whistle played with high air pressure



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Singer absolutely terrified of Diddy, lawyer says

Sean Combs had a "vicious temper" and threatened Dawn Richard with violence, her lawyer claims.

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Singer absolutely terrified of Diddy, lawyer says

Sean Combs had a "vicious temper" and threatened Dawn Richard with violence, her lawyer claims.

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सलीम खान@89 बदनामी न हो इसलिए दूसरी शादी की:सलमान की फीस जमा नहीं कर पाए तो खुद को दी सजा

हिंदी सिनेमा के मशहूर राइटर सलीम खान का आज 89वां बर्थडे है। मध्य प्रदेश के इंदौर में जन्मे सलीम खान पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ के रिश्तों की वजह से हमेशा चर्चा में रहे हैं। आज बर्थडे के मौके पर जानते हैं, सलीम खान के 9 स्पेशल रिश्तों के बारे में… रिश्ता- 1- 9 की उम्र में मां और 14 की उम्र में पिता का साया उठा एक बच्चे के लिए मां सबसे अहम होती है, लेकिन सलीम कम उम्र में ही मां के प्यार से महरूम हो गए थे। दरअसल, जब सलीम 4 साल के थे, तभी मां को ट्यूबरकुलोसिस (टीबी) हो गया। इस कारण सलीम और उनके भाई को मां से दूर रहने के लिए कहा गया। मां से जुड़ा एक किस्सा सुनाते हुए सलीम ने नीलेश मिस्रा को दिए इंटरव्यू में कहा था- हम में से कोई मां के पास नहीं जा सकता था। एक दिन मैं घर के बाहर खेल रहा था। वो दूर बैठे मुझे देख रही थीं। तभी पास खड़ी औरत से उन्होंने पूछा- यह बच्चा किसका है। औरत ने बताया कि मैं उनका ही बेटा हूं। उन्होंने मुझे अपने थोड़ा पास बुलाया, निहारा और फिर वापस भेज दिया। जब मैं 9 साल का था, तब वो दुनिया से चल बसीं। जब मां को टीबी हुआ था, तभी से पिता हमारी हर इच्छा पूरी करते थे। हालांकि मैं उनसे डरता बहुत था। यही वजह थी कि मैंने फैसला किया कि मैं अपने बच्चों का दोस्त बन कर रहूंगा, ताकि वो मुझसे न डरें। जब मैं 14 साल का हुआ तो 1950 में पिता भी गुजर गए। रिश्ता-2- भाई के तानों ने मुंबई में संघर्ष करने के लिए प्रेरित किया मां-बाप के गुजर जाने के बाद सलीम खान की लाइफ में उनके सिर्फ बड़े भाई ही बचे थे। शुरुआत में बड़े भाई ने अपनी सारी जिम्मेदारी निभाई। सलीम के पिता DIG रैंक के पुलिस ऑफिसर थे। उनकी मौत के बाद यह नौकरी बड़े बेटे को मिल गई। बड़े भाई ने यह नौकरी कर सलीम की परवरिश की। जब वो कॉलेज में थे, तब ही उनके भाई ने उन्हें कार दिला दी थी, जबकि उस जमाने में कार होना काफी बड़ी बात हुआ करती थी। हालांकि जब सलीम को मुंबई आकर हीरो बनने का ऑफर मिला तो बड़े भाई का रवैया पूरी तरह से बदल गया। दरअसल, फिल्मों का ऑफर मिलते ही सलीम ने मुंबई जाने का मन बना लिया था, लेकिन उनके भाई का कहना था कि वो कुछ समय में ही वापस इंदौर आ जाएंगे। अगर वापस नहीं आएंगे तो हर महीने पैसे की डिमांड जरूर करेंगे। भाई की इन बातों से सलीम को बहुत दुख पहुंचा था। सलीम खान मुंबई तो पहुंच गए, लेकिन उन्हें न उस शहर की जानकारी थी, न इंडस्ट्री की। इस कारण उन्हें बहुत धक्के खाने पड़े। जब वे डायरेक्टर के. अमरनाथ के पास पहुंचे तो उन्हें फिल्म बारात में साइड हीरो का रोल मिल गया। उन्हें पहले ही हजार रुपए साइनिंग अमाउंट के दिए जा चुके थे। इसके अलावा उन्हें हर महीने के 400 रुपए दिए गए। फिल्म नहीं चल सकी और सलीम खान को भी कोई खास पहचान नहीं मिली। फिल्म से मिले पैसे भी खत्म होने लगे। हालात से थक-हार कर उन्होंने मुंबई छोड़ने का मन बना लिया, लेकिन तभी उन्हें भाई का ताना याद आया। इस कारण उन्होंने संघर्ष जारी रखना ही बेहतर समझा। पहली फिल्म फ्लॉप हो जाने के बाद सलीम फिल्मों में छोटे-मोटे रोल करके गुजारा कर रहे थे। फिर उन्होंने लेखन का काम शुरू किया। यह वो काम था, जो सलीम इंदौर में बहुत किया करते थे। रिश्ता-3- इंदौर में दोस्तों के मसीहा थे सलीम, प्रेम पत्र लिखकर कई रिश्ते बनाए इंदौर में सलीम अपने दोस्तों के लव लेटर लिखा करते थे। लिखावट और अल्फाज इतने अच्छे होते थे कि हर दोस्त की बात बन जाया करती थी। सीरीज 'एंग्री यंग मैन' में सलीम ने कहा था- मेरे दोस्त अपनी गर्लफ्रेंड के लिए लव लेटर मुझसे ही लिखवाते थे। उस वक्त तक मुझे एहसास नहीं था कि मैं लिख भी सकता हूं। जब मैं मुंबई आ गया तो इंदौर के दोस्त कहते थे कि तुम हमें बर्बाद करके मुंबई चले गए। रिश्ता-4-एक गलफहमी की वजह से जावेद अख्तर से रिश्ता टूटा दीप्तकीर्ति चौधरी की किताब ‘रिटन बाय सलीम-जावेद’ के मुताबिक, सलीम-जावेद की जोड़ी की लिखी फिल्म जंजीर से ही अमिताभ बच्चन स्टार बने थे। जब सालों बाद उसी जोड़ी ने अमिताभ बच्चन को अपनी लिखी फिल्म मिस्टर इंडिया में काम करने को कहा, तो उन्होंने साफ इनकार कर दिया। अमिताभ ने कहा- मैं हीरो हूं, लोग मुझे देखने आते हैं, मेरी आवाज सुनने कौन आएगा। अमिताभ के इनकार से सलीम-जावेद बेहद नाराज हुए। जावेद अख्तर ने फैसला कर लिया कि अब अमिताभ बच्चन के साथ काम नहीं किया जाएगा, हालांकि सलीम साहब इस फैसले पर राजी नहीं थे। कुछ दिनों बाद जावेद साहब, अमिताभ बच्चन के घर पर हुई होली पार्टी में पहुंचे और उनसे कहा कि सलीम खान उनके साथ कभी काम नहीं करना चाहते। इस गलतफहमी की वजह से जोड़ी के कामकाजी रिश्ते बिगड़ गए और दोनों ने फिर कभी साथ काम नहीं किया। 1982 में आखिरकार दोनों की हिट जोड़ी टूट गई। हालांकि दोस्ती आज भी बरकरार है। दोनों की दोस्ती का किस्सा यह भी है कि करियर की शुरुआत में जावेद हनी ईरानी से शादी नहीं करना चाहते थे। वे अपने करियर पर पूरा फोकस करना चाहते थे। ऐसे में उन्होंने सलीम को हनी के घर रिश्ता खत्म करने के लिए भेजा। दोस्त की बात मान कर सलीम जब हनी के घर पहुंचे तो उन्होंने जावेद की बहुत बुराई की। हालांकि उनकी यह कोशिश धरी की धरी रह गई। 1972 में जावेद अख्तर ने हनी ईरानी से शादी कर ली। यह किस्सा जावेद साहब और सलीम खान ने सीरीज एंग्री यंग मैन में सुनाया था। रिश्ता-5- सुशीला के पड़ोसी थे सलीम, चंद दिनों की मुलाकात के बाद शादी करने का फैसला किया मुंबई में शुरुआती दिनों में सलीम खान वर्ली स्थित मरीना हाइट्स में अपने एक दोस्त के घर रहते थे। पड़ोस में सुशीला चरक भी रहती थीं। सलीम हट्टे-कट्टे थे। उन्हें पंजा लड़ाने में कोई जल्दी हरा नहीं सकता था। देखते ही देखते इन्हीं आदतों की वजह से कॉलोनी में उनकी पॉपुलैरिटी बढ़ गई थी। इसी पॉपुलैरिटी के चलते सलीम और सुशीला में बातचीत शुरू हो गई। दोनों परिवार की नजरों से दूर चोरी-छिपे मिला करते थे। इस तरह मुलाकात के कुछ दिनों बाद सलीम ने सुशीला से कहा- हमारा इस तरह मिलना मुझे पसंद नहीं है। मैं तुम्हारे परिवार वालों से मिलना चाहता हूं और हमारा रिश्ता फिक्स करना चाहता हूं। सुशीला ने भी उनके इस प्रस्ताव पर हामी भर दी और परिवार वालों से उन्हें मिलाने का इंतजाम कर दिया। जब सलीम, सुशीला के घर पहुंचे तो वे भरा-पूरा परिवार देख कर घबरा गए। हालांकि उन्होंने जैसे-तैसे बातें शुरू कीं। सुशीला के पिता को सलीम बहुत पंसद थे, लेकिन वो इंटर-कास्ट मैरिज के खिलाफ थे। इस बात पर सलीम ने कहा था- हमारे बीच हजारों परेशानियां हो जाएंगी, लेकिन कभी धर्म आड़े नहीं आएगा। उनकी इसी बात पर सुशीला के परिवार वाले शादी के लिए राजी हो गए। रिश्ता- 6- बदनामी न हो इसलिए दूसरी शादी की एक वक्त ऐसा था कि एक्ट्रेस और डांसर हेलेन के पास काम नहीं था। वे आर्थिक परेशानियों में घिरी हुई थीं। तब सलीम खान ने उनकी मदद की थी। हालांकि दोनों को साथ देखे जाने पर लोगों ने अफेयर का नाम दे दिया। सलीम नहीं चाहते थे कि हेलेन के कैरेक्टर पर कोई सवाल उठाए। यही वजह रही कि उन्होंने हेलेन को दूसरी पत्नी बनाने का फैसला कर लिया, लेकिन उनके इस फैसले से सलीम और उनकी पहली पत्नी के बीच बहुत दूरियां आ गई थीं। इस किस्से का जिक्र सलीम ने नीलेश मिस्रा को दिए इंटरव्यू में किया था। वहीं, जूम को दिए एक इंटरव्यू में इस बारे में सलीम ने कहा था, 'हेलेन से दूसरी शादी का फैसला मैंने इसलिए नहीं लिया था कि मैं अपनी पहली शादी से परेशान था या उस शादी को खत्म करना चाहता था। मैंने हेलेन से शादी का फैसला एकदम से नहीं लिया था। इसमें लंबा टाइम लगा था। हेलेन मुझे पसंद करती थीं, लेकिन मेरे मन में उनके लिए ऐसी कोई फीलिंग नहीं थी। मैंने सलमा को इस बारे में सबसे पहले बताया था कि हेलेन मेरी जिंदगी में हैं। मैंने ऐसा इसलिए किया क्योंकि मैं नहीं चाहता था कि उन्हें किसी गॉसिप मैगजीन से या किसी और के जरिए हमारे रिश्ते के बारे में पता चले।' सलीम खान ने आगे कहा, 'जब मैंने उन्हें बताया तो लाजिमी है कि वो इस बात से खुश नहीं थीं क्योंकि ये कोई अच्छी चीज नहीं थी जो कि मैं करने जा रहा था। बेशक, हमारे बीच में इसके बाद दिक्कतें हुईं। कुछ समय बाद सबने इस बात को स्वीकार कर लिया था।' सलीम खान ने इंटरव्यू में सलमा खान की तारीफ करते हुए कहा था कि उन्होंने पूरी स्थिति को बेहतर तरीके से हैंडल किया था और वो इस बात के लिए हमेशा उनके शुक्रगुजार रहेंगे। रिश्ता- 7- सड़क किनारे मां के शव के पास रोती बच्ची को गोद लिया सलीम खान के 5 बच्चे हैं- तीन बेटे सलमान खान, अरबाज खान, सोहेल और दो बेटियां अर्पिता और अलवीरा। सलीम खान की दूसरी बेटी अर्पिता खान उनकी सगी बेटी नहीं हैं। दरअसल सलीम एक दिन मॉर्निंग वॉक पर निकले थे। तभी सड़क किनारे एक बच्ची अपनी मां के लाश से सटे रो रही थी। उस बच्ची का दुख सलीम से देखा नहीं गया और वो उसे लेकर घर आ गए। सलीम और उनकी दूसरी पत्नी हेलेन की कोई संतान नहीं थी। ऐसे में उन्होंने उस बच्ची को लीगली गोद ले लिया। ये बच्ची कोई और नहीं बल्कि अर्पिता खान हैं, जिनमें सलमान खान की जान बसती है। रिश्ता- 8- सलमान की बाकी बच्चों से तुलना नहीं करते हैं सलीम सलीम खान के सभी बच्चों में बड़े बेटे सलमान खान ज्यादा सक्सेसफुल हैं। सलमान के साथ अपनी बॉन्डिंग में सलीम खान ने The Invincibles Series के इंटरव्यू में कहा था- जब मैंने सलमान की पहली फिल्म देखी थी, तभी मुझे विश्वास हो गया था कि एक दिन यह बहुत बड़ा एक्टर बनेगा। सलमान के करियर में मेरा बस इतना सा योगदान है कि मैंने उसे समय-समय पर सही चुनाव की सलाह दी है। हालांकि मैंने अपनी राय कभी थोपने की कोशिश नहीं की है। यही काम मैंने बाकी बच्चों के साथ भी किया। दूसरी सबसे अहम बात कि मैंने यह कंपैरिजन भी नहीं किया है कि सलमान बाकी बच्चों की तुलना में ज्यादा सक्सेसफुल है। मुझे बाकी बच्चों की मेहनत दिखती है। मुझे विश्वास है कि सभी अच्छा काम कर रहे हैं और आगे भी करेंगे। सलमान की फीस न भर पाने पर खुद को दी सजा सलीम अपने बच्चों को हमेशा प्रोटेक्ट करते हैं। जब-जब सलमान मुसीबत में आए हैं, सलीम ने एक पिता की जिम्मेदारी बहुत अच्छे तरीके से निभाई है। सलमान खान ने पिता सलीम से जुड़ा एक किस्सा कपिल शर्मा शो में सुनाया था। उन्होंने कहा था कि एक वक्त ऐसा आया था कि उनके परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत खराब थी। सलीम खान के पास इतने पैसे भी नहीं थे कि वे सलमान की स्कूल फीस भर सकें। एक दिन सलीम बेटे के स्कूल पहुंचे तो देखा सलमान क्लास के बाहर हाथ ऊपर करके खड़े हैं। बेटे की यह हालत देख वो सीधे प्रिंसिपल के पास गए। वजह पूछे जाने पर प्रिंसिपल ने कहा- आपके बेटे की फीस नहीं जमा हुई है, इस वजह से उसे सजा मिली है। जवाब में सलीम ने कहा- अगर बेटे की फीस जमा नहीं है, तो यह गलती मेरी है। मुझे सजा मिलनी चाहिए। प्रिंसिपल से यह बात कहने के बाद सलीम बाहर जाकर उसी जगह पर खड़े हो गए, जहां उनके बेटे को खड़ा किया गया था। सलमान खान जेल में बंद थे, तो सलीम पानी भी नहीं पी पाते थे काले हिरण मामले में सलमान खान को 18 दिनों तक जेल में रहना पड़ा था। इस बारे में बात करते हुए सलीम खान ने कहा था- कोई भी पेरेंट बेटे को जेल में बंद नहीं देख सकता है। जब वो जेल में बंद था, तब हम लोग पानी भी नहीं पी पाते थे। AC में सोना भी नागवारा था, क्योंकि जेल में न तो AC था, न पंखा। पानी की व्यवस्था भी खराब थी। इन दिनों सलमान खान काले हिरण मामले की वजह से लॉरेंस गैंग के निशाने पर हैं। कुछ समय पहले सलीम खान को भी लॉरेंस गैंग से धमकियां मिली थीं। लगातार मिल रहीं धमकियों और सलमान के पक्ष में सलीम खान ने कुछ समय पहले एक इंटरव्यू दिया था। उन्होंने कहा था कि उनके बेटे सलमान ने कभी काले हिरण का शिकार नहीं किया। उनकी माफी की कोई वजह ही नहीं है। लगातार धमकियां मिलती रहीं, इससे हमारी आजादी छिन गई। बॉलीवुड से जुड़ी यह खबर भी पढ़ें... टिकटॉकर महक बुखारी, जिसे दोहरे हत्याकांड में मिली उम्रकैद:मां के नाजायज रिश्ते से छुटकारा पाने के लिए कातिल बनीं, ब्लैकमेलिंग होने पर रची साजिश अनसुनी दास्तान के 4 चैप्टर्स में पढ़िए नाजायज रिश्ते, ब्लैकमेलिंग, बदले और हत्या की सिलसिलेवार कहानी... पढ़ें पूरी खबर

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Never-before-exhibited portrait by Caravaggio to go on public display

A privately-owned portrait by Baroque master Caravaggio is going on public display for the first time at the National Galleries of Ancient Art in Rome. The Portrait of Monsignor Maffeo Barberini, created around 1599, will be exhibited in the palace built by its subject after he was elected Pope Urban VIII in 1623.

Art historian Roberto Longhi first published the portrait as an autograph work by Caravaggio in 1963. His research found that the painting was in the Barberini family collection from the time it was painted until around 1935 when much of the great collection was dispersed. It has been in a private collection in Florence for decades and has never been loaned to a museum or shown to the public. The owners are so secretive that they literally refused to answer calls or open the door to Caravaggio experts. People who have written books and papers on Caravaggio and have seen everything else he painted a thousand times have never caught so much as a glimpse of this one. Even now that they have at long last agreed to loan it for exhibition, the owners have chosen to remain anonymous.

Caravaggio’s works consist almost entirely of religious and mythological subjects. While he is thought to have made a number of portraits of patrons in the Curia, friends and at least one lover during his time in Rome, only five of them, all of them of clerics, are known to have survived. He painted the Barberini portrait early in his career. It is one of the first three portraits in his catalogue and was an important step in the development of Caravaggio’s signature style. Art historian Giovan Pietro Bellori wrote in 1672 that Caravaggio first began to “intensify the darks” in this portrait, creating the vivid contrast of light and shadow that characterize the “chiaroscuro” technique that define his oeuvre.

The Portrait of Monsignor Maffeo Barberini depicts the subject seated in an armchair at angle that propels him out of the inky dark background into a beam of light. His misaligned eyes look to the side and points in that direction with his right hand, while he clutches a folded letter in his left. His side-eye and hand gesture suggests he’s engaging with someone to his right, and the intensity in his gaze and hands convey a dynamic naturalism that was unusual in portraiture for the period.

Caravaggio. The Portrait Unveiled exhibition opens at the Sala Paesaggi of Palazzo Barberini today and runs through February 23, 2025. The portrait will be in the same gallery as three other iconic works by Caravaggio which are part of the museum’s permanent collection: Narcissus (1597-1599), Judith and Holofernes (ca. 1599), Saint Francis in Meditation (1606-1607). It’s a unique opportunity for Caravaggio pilgrims to view bucket list masterpieces and one they may well never have another opportunity to see again, although Italian Culture Ministry officials are hoping against hope that now that the owners have given an inch, the state might be able to take a mile and persuade them to sell.



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रणबीर की शादी देखना चाहते थे ऋषि कपूर:रिद्धिमा ने पिता की आखिरी दो ख्वाहिशों का किया खुलासा, बोलीं- उन्हें पूरा करना काफी इमोशनल था

बॉलीवुड के दिवंगत दिग्गज अभिनेता ऋषि कपूर का निधन 30 अप्रैल 2020 को हुआ था। अब हाल ही में रिद्धिमा कपूर साहनी ने अपने पिता ऋषि कपूर की दो आखिरी ख्वाहिशों के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि उनके पिता रणबीर की शादी और बांद्रा में स्थित उनका घर पूरी तरह से बनकर तैयार देखना चाहते थे। ज़ूम के साथ बातचीत में रिद्धिमा कपूर साहनी ने कहा, ‘पापा की आखिरी दो इच्छाएं थीं, पहली रणबीर की शादी करना और दूसरी घर को तैयार करना। अब घर लगभग तैयार है और रणबीर की भी शादी हो चुकी है। जब उनकी ये दोनों इच्छाएं पूरी हो रही थीं, तब हम सभी काफी इमोशनल थे। मैं वाकई चाहती हूं कि वह हमारे साथ यहां होते, लेकिन मुझे लगता है कि भगवान का कुछ और ही प्लान था।' रिद्धिमा ने आगे कहा, 'पापा हमेशा से चाहते थे कि मेरी शादी बड़े धूमधाम से हो और उन्होंने ऐसा कराया भी। लेकिन जब रणबीर की शादी का समय आया तो भाई ने साफ कहा कि हमारे परिवार में एक बार बड़ी शादी हो चुकी है, इसलिए अब मैं अपनी शादी सिंपल चाहता हूं। आलिया और रणबीर दोनों ही बहुत सिंपल इंसान हैं।' इसके अलावा रिद्धिमा साहनी ने आलिया भट्ट की भी तारीफ की। उन्होंने कहा, 'आलिया परिवार के मुश्किल समय में साथ खड़ी रहीं। जब पिता ऋषि कपूर इलाज के लिए गए थे, उसी दौरान मेरी दादी का निधन हो गया था, तब आलिया न केवल मेरे साथ रहीं, बल्कि सारे इंतजाम भी निजी तौर पर किए थे।' बता दें, ऋषि कपूर को ल्यूकेमिया हो गया था। जिसका इलाज लंबे समय तक न्यूयॉर्क में चला था। इसके बाद वे 2019 में भारत वापस आए गए थे। उनका 30 अप्रैल 2020 को निधन हो गया था।

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काजोल को शाहरुख की बहन बनाना चाहते थे मंसूर:एक्ट्रेस ने कर दिया था इनकार, फिर हुई थी फिल्म जोश में ऐश्वर्या की एंट्री

प्रोड्यूसर मंसूर खान ने हाल ही में फिल्म 'जोश' को लेकर बात की। उन्होंने कहा कि इस फिल्म में पहले वह काजोल को शाहरुख की बहन के रोल में कास्ट करना चाहते थे, लेकिन उन दोनों की जोड़ी पहले ही एक रोमांटिक कपल के तौर पर फेमस हो चुकी थी। ऐसे में मंसूर ने ऐश्वर्या राय बच्चन को शाहरुख खान की बहन के रोल में कास्ट किया। इंडिया नाउ एंड हाउ पर बातचीत में मंसूर खान ने बताया कि उन्होंने फिल्म जोश में शाहरुख और ऐश्वर्या को भाई-बहन के तौर पर कास्ट करने का फैसला क्यों लिया। मंसूर खान ने कहा, 'जोश फिल्म में भाई-बहन का रोल भी था, जिसे शाहरुख खान और ऐश्वर्या ने निभाया था। हालांकि, मैं ऐश्वर्या की जगह काजोल को कास्ट करना चाहता था। मैंने फिल्म की कहानी भी उन्हें सुनाई थी। लेकिन जैसे ही काजोल ने कहानी सुनी, वह गुस्से से उठकर जाने लगीं। तब मैंने उनसे पूछा कि क्या तुम फिल्म कर रही हो? तो उन्होंने कहा था नहीं, मुझे तो मैक्स का रोल चाहिए और फिर वह चली गईं।' मंसूर खान ने कहा, 'काजोल और शाहरुख खान इससे पहले 'दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे' के अलावा कई और फिल्में कर चुके थे, जिससे उनकी एक रोमांटिक कपल के तौर पर इमेज बन गई थी। तो ऐसे में काजोल को बहन के रोल में कास्ट करना गलत होता।' मंसूर खान की मानें तो उन्हें डर था कि कोई भी मैक्स की बहन का रोल नहीं करना चाहेगा, लेकिन ऐश्वर्या ने खुशी-खुशी फिल्म करने के लिए हां कहा। वह पूरी तरह से प्रोफेशनल थीं। उन्होंने कभी शिकायत नहीं की और न ही यह कहा कि कैमरा कहां होना चाहिए। मंसूर खान ने आगे कहा, 'मैं शाहरुख को हमेशा मैक्स के रोल के लिए सोच रहा था, और आमिर को चंद्रचूर सिंह के रोल में कास्ट करना चाहता था। जब मैंने आमिर को कहानी सुनाई, तो उन्होंने सोचा कि वह मैक्स का रोल करेंगे। फिर मैंने शाहरुख से बात की, वह बहुत खुश थे। लेकिन जब मैंने उनसे पूछा क्या तुम फिल्म कर रहे हो? तो उन्होंने कहा कि वह नहीं करेंगे, क्योंकि उन्हें पता था कि मैं आमिर को फिल्म में ले रहा हूं। हालांकि, ऐसा कुछ नहीं था मैं फिल्म में शाहरुख को ही कास्ट करना चाहता था।' साल 2000 में रिलीज हुई थी जोश बता दें, जोश फिल्म साल 2000 में रिलीज हुई थी। इस फिल्म में शाहरुख और ऐश्वर्या जुड़वां भाई बहन बने। ऐश्वर्या जैसी आंखें शाहरुख की भी लगें, इसके लिए मंसूर खान ने शाहरुख को पूरी फिल्म में कॉन्टेक्ट लेंस पहनाए।

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टिकटॉकर महक बुखारी, जिसे दोहरे हत्याकांड में मिली उम्रकैद:मां के नाजायज रिश्ते से छुटकारा पाने के लिए कातिल बनीं, ब्लैकमेलिंग होने पर रची साजिश

"मुझे बचाओ, वो लोग मेरा पीछा कर रहे हैं, मुझे मार डालेंगे।" 11 फरवरी 2022 को इंग्लैंड के लीसेस्टर शहर की पुलिस के पास देर रात एक कॉल आई, जिसमें एक शख्स चिल्ला-चिल्ला कर मदद की गुहार लगा रहा था। वो लगातार कह रहा था कि एक तेज रफ्तार कार उसकी कार का पीछा कर रही है। पुलिस मदद कर पाती, उससे पहले ही कॉल पर तेज चीखें सुनाई दीं और फिर शांति छा गई। कुछ देर बाद वो कॉल कट गई। लोकेशन ट्रेस कर पुलिस जब मौके पर पहुंची तो देखा एक कार सड़क किनारे जल रही थी। उस कार के साथ ही दो लाशें भी आग में जल रही थीं। जाहिर है उन जलती लाशों में से एक उसी शख्स की थी, जिसने कुछ देर पहले पुलिस को कॉल कर मदद मांगी थी। मामले की जांच लीसेस्टर पुलिस को पाकिस्तानी-ब्रिटिश टिकटॉकर महक बुखारी तक ले गई। महक टिकटॉक और सोशल मीडिया की एक उभरती स्टार थीं, लाखों में उनके फॉलोअर्स और फैंस थे। लंबे चले ट्रायल के बाद कोर्ट ने महक बुखारी और उनकी मां अनसरीन को दोहरे हत्याकांड में दोषी मानते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई। आखिर ग्लैमरस टिकटॉक स्टार महक बुखारी का मरने वाले उन दो लड़कों से क्या रिश्ता था? आखिर वो क्या वजह थी, जिसने एक 23 साल की स्टार को कातिल बना दिया? आखिर क्यों महक बुखारी को ताउम्र सलाखों के पीछे जिंदगी काटनी पड़ी? आज अनसुनी दास्तान के 4 चैप्टर्स में पढ़िए नाजायज रिश्ते, ब्लैकमेलिंग, बदले और हत्या की सिलसिलेवार कहानी- इंग्लैंड के स्टैफोर्डशायर में महक बुखारी अपने पिता रजा अली और मां अनसरीन और छोटे भाई के साथ रहती थीं। महज 18 साल की उम्र में ही उन्हें टिकटॉक से दुनियाभर में पहचान मिलने लगी थी। टिकटॉक पर उनके 1 लाख 30 हजार और इंस्टाग्राम पर 45 हजार फॉलोअर्स थे, जबकि उनके यूट्यूब चैनल के 3900 सब्सक्राइबर्स थे। मेकअप, स्टाइलिंग और लग्जरी लाइफ पर बनाए गए उनके वीडियोज को लाखों लोग लाइक करते थे। इसी की बदौलत उन्हें सोशल मीडिया पर स्टार का दर्जा मिला। बढ़ती पॉपुलैरिटी के बीच महक ने ग्रेजुएशन की पढ़ाई अधूरी छोड़ दी और फुल टाइम कंटेंट क्रिएटर बन गईं। ब्रांड प्रमोशन और इवेंट का हिस्सा बनकर महक की अच्छी कमाई होने लगी थी। साल 2022 तक महक बुखारी को दुनियाभर में पहचान मिल ही रही थी कि एक रोज खबर आई कि उन्हें दोहरे हत्याकांड में दोषी मानते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। वीडियो से सुर्खियों में रहने वालीं महक अब कातिल बनने पर सुर्खियों में थीं। उनकी जिंदगी के इस स्याह पन्ने की वजह थीं उनकी मां अनसरीन बुखारी। वही अनसरीन, जिन्हें कई दफा महक के वीडियोज में भी देखा जा चुका था। 2021 में एक रोज महक ने देखा कि उनकी मां कुछ घबराई हुई सी लग रही हैं। महक ने उनसे वजह जाननी चाही, लेकिन उन्होंने कुछ भी बताने से साफ इनकार कर दिया। बीतते समय के साथ अनसरीन आए दिन परेशान दिखने लगीं। मां की चिंता महक से देखी नहीं गई और उन्होंने दबाव बनाकर उनसे चिंता की वजह उगलवा ली। 46 साल की अनसरीन का था 21 साल के साकिब से नाजायज रिश्ता मां टूट गईं और उन्होंने परत-दर-परत अपने एक नाजायज रिश्ते की सच्चाई खोल दी। 46 साल की अनसरीन ने महक से बताया कि 2019 से उनका 21 साल की उम्र के साकिब हुसैन से अफेयर है। अनसरीन की साकिब से ऑनलाइन चैटिंग एप आजर के जरिए बातचीत शुरू हुई थी। लंबी-लंबी बातचीत करते हुए दोनों एक-दूसरे को पसंद करने लगे। बातचीत में साकिब खुद को 27 साल का बताता था, जबकि वो असल में महज 21 साल का था। वहीं दूसरी तरफ अनसरीन शादीशुदा थीं और उनकी 23 साल की बेटी थी, साथ ही उनकी और साकिब की उम्र में लंबा फासला था, लेकिन इन सभी बातों का उन पर कोई असर नहीं था। कुछ हफ्ते गुजरे ही थे कि चैटिंग के बाद मुलाकातों का सिलसिला भी शुरू हो गया। दोनों अक्सर रेस्टोरेंट, कैफे, शीशा लॉन्च और होटलों में मिला करते थे। पति राज से चोरी-छिपे अनसरीन ने ये सिलसिला करीब 2 साल तक जारी रखा। साल 2021 के आखिर में अनसरीन को एहसास हो गया था कि वो इस नाजायज रिश्ते को ज्यादा दिनों तक छिपा नहीं सकतीं। उन्हें पति का डर था, तो उन्होंने एक रोज साकिब हुसैन से अलग होने की बात कह डाली। अनसरीन को प्राइवेट तस्वीरें पति को भेजने की धमकी देता था साकिब साकिब पर रिश्ते का ऐसा जुनून सवार था कि उसने रिश्ता खत्म करने से साफ इनकार कर दिया। जब अनसरीन ने सख्ती से कहा कि वो ये रिश्ता जारी नहीं रखेंगी, तो साकिब ने उन्हें कुछ प्राइवेट तस्वीरें भेजनी शुरू कर दीं। हर बार ब्रेकअप की बात होने पर साकिब अनसरीन को ब्लैकमेल करता था कि वो दोनों की प्राइवेट तस्वीरें और वीडियोज उनके पति को भेज देगा। ब्लैकमेलिंग से अनसरीन परेशान रहने लगी थीं। महक के कहने पर मां ने साकिब को मिलने बुलाया मां अनसरीन की बात सुनकर महक बुखारी ने खुद इस मामले को निपटने का फैसला कर लिया। वैसे तो महक को इस तरह के मामले के लिए पुलिस की मदद लेनी चाहिए थी, लेकिन उन्होंने इसके बजाय एक साजिश रच दी। वही साजिश जिसका अंत सलाखों के पीछे जाकर हुआ। मां अनसरीन को साकिब से छुटकारा दिलाने के लिए महक बुखारी ने अपने मैकेनिक दोस्त रेकान कारवान (27) से मदद मांगी, जो अपने साथ रईस जमान (23), नताशा अख्तर (23), अमीर जमाल (28) और सनफ गुलमुस्तफा (23) को भी ले आया। प्लान के तहत अनसरीन को साकिब को मिलने के लिए बुलाना था, जहां सभी उस पर दबाव बनाकर उसके फोन से प्राइवेट फोटो डिलीट करवाने वाले थे। इस प्लान को अंजाम देने के लिए अनसरीन ने साकिब को कॉल कर कहा कि वो उन्हें 3000 पाउंड लौटाना चाहती हैं, जो 2 सालों के रिलेशनशिप में उन्होंने खर्च किए हैं। 3000 पाउंड के लालच में मिलने पहुंचा साकिब ये सुनते ही साकिब उनसे मिलने के लिए राजी हो गया। लीसेस्टर के एक पार्क में सभी ने मिलना तय किया। साकिब ने अपने बचपन के दोस्त मोहम्मद हाशिम ऐजाजुद्दीन को भी राजी कर लिया। हाशिम ये नहीं जानता था कि उसका दोस्त साकिब ब्लैकमेलिंग में इन्वॉल्व है। वो बिना कुछ पूछे ही साथ चलने को राजी हो गया। सवाल ये है कि अगर महक बुखारी अपने दोस्तों के साथ सिर्फ तस्वीरें डिलीट करवाने गई थीं, तो आखिर ऐसा क्या हुआ जो उन दोनों की हत्या कर दी गई। 11 फरवरी 2022 साकिब हुसैन देर रात अपने दोस्त के साथ लीसेस्टर के पार्क में पहुंचा। कुछ देर बाद वहां अनसरीन और उनकी बेटी महक बुखारी पहुंचीं। अनसरीन ने साकिब से कहा कि वो अपने फोन से सभी तस्वीरें डिलीट कर दे, लेकिन साकिब वहीं गुस्से में आ गया। वो समझ गया कि 3000 पाउंड देने की बात महज उसे बुलाने के लिए की गई है। महक और साकिब की छीनाझपटी होने लगी, जिसे देख उनके दोस्त कार से उतरने लगे। खतरे का अंदाजा लगते ही साकिब तुरंत अपनी कार में बैठकर वहां से भागने लगा। साकिब को रोकने के लिए महक और उनके दोस्त उसकी कार का पीछा करने लगे। वो लोग लगातार साकिब का पीछा कर रहे थे। डर के मारे उसने हेल्पलाइन नंबर 999 पर कॉल कर मदद मांगी। उसने बताया कि 2 तेज रफ्तार कार उसका पीछा कर रही हैं। वो लोग नकाब पहने हुए हैं और उसकी कार पर हमला कर रहे हैं। साकिब और पुलिस की ये कॉल करीब 5 मिनट तक चली, जिसमें पुलिस लगातार उसकी सही लोकेशन जानने की कोशिश कर रही थी। साकिब लगातार कॉल पर मदद की भीख मांग रहा था। फिर अचानक पुलिस को चींखें सुनाई दीं और कॉल कट गई, लेकिन पुलिस तब भी उसकी लोकेशन तक नहीं पहुंच सकी। उसी रात करीब डेढ़ बजे एक रिकवरी ड्राइवर ने नजदीकी पुलिस स्टेशन में कॉल कर बताया कि उसे A46 डबल कैरिजवे रोड पर एक कार जलती मिली है। कार पूरी तरह जल चुकी थी, उसमें दो लड़कों की लाशें भी जल रही थीं। पुलिस ने तुरंत फायरफाइटर्स को बुलाकर आग पर काबू पाया। जांच में सामने आया कि जिन लड़कों की लाशें मिली हैं, ये वही लोग हैं, जिन्होंने कुछ देर पहले ही 999 पर कॉल कर मदद मांगी थी। पुलिस ने डेंटल रिकॉर्ड की मदद से साकिब और उसके दोस्त हाशिम की पहचान कन्फर्म कर दी और कातिलों की तलाश शुरू कर दी। उस रास्ते के सीसीटीवी फुटेज खंगालने के दौरान पुलिस को एक स्कोडा और एक ऑडी उनकी कार का पीछा करती दिखीं। वो कारें 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से जा रही थीं। ऑटोमैटिक नंबर प्लेट डिटेक्टर की मदद से रात करीब 2 बजे पुलिस ने ऑडी गाड़ी की लोकेशन ट्रेस कर ली। मिडलैंड पुलिस की मदद से ऑडी कार को एक पेट्रोल स्टेशन पर रोका गया, जिसमें सिर्फ महक की दोस्त नताशा थीं। पुलिस ने उन्हें तुरंत हिरासत में लिया। नताशा के फोन से पता चला कि गिरफ्तारी के कुछ समय पहले ही उन्होंने अपने दोस्त रईस को कॉल किया था। नताशा की गिरफ्तारी इस केस में अहम साबित हुई। नताजा ने पुलिस को पूछताछ में बताया कि वो अपनी दोस्त महक और कुछ साथियों के साथ शीशा लॉन्च गई थीं, लेकिन प्लान कैंसिल होने पर वो वापस लौट आईं। नताशा ने पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की, लेकिन कदम-कदम पर लगे सीसीटीवी कैमरों से जुर्म का पर्दाफाश हो गया। पुलिस ने पाया कि महक, अनसरीन और उनके 6 साथी, 2 अलग-अलग कारों में सवार थे। साकिब की कार में आग लगने के बाद वो लोग उसी रास्ते पर आगे निकल गए। एक गाड़ी महक की दोस्त नताशा चला रही थीं, जबकि दूसरी कार को रेकान ड्राइव कर रहा था। कुछ देर बाद ऑडी को महक ने चलाना शुरू किया और नताशा उनकी साथ वाली सीट पर आ गईं। कुछ दूर आगे जाने के बाद सभी ने यूटर्न लिया और शहर को लौटने लगे। आरोपियों की बर्बरता- जलती हुई कार को देखते हुए गुजर गए लौटते हुए वो सभी सड़क किनारे जल रही साकिब की कार के बाजू से गुजरे और शहर आते ही उन्होंने कार रोककर सड़कों पर टहलना शुरू कर दिया, जो सीसीटीवी कैमरे में देखा जा सकता था। इस जगह रुकने के बाद कुछ लोग पैदल घर के लिए रवाना हुए, जबकि दूसरे लोगों को कार से उनके घरों तक छोड़ा गया। महक और अनसरीन अपने स्ट्रोक ऑन ट्रेंट स्थित घर आकर सो गईं और नताशा अपनी ऑडी कार लेकर बर्मिंघम के लिए रवाना हो गईं, लेकिन रास्ते से ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। अगले दिन 12 फरवरी को जब पुलिस महक और अनसरीन के घर पहुंची, तब दोनों सो रही थीं। उनकी नींद ही पुलिस की आवाज से खुली। पुलिस के आते ही महक ने देखा कि उनके फोन में रईस के कई मिस्ड कॉल्स थे, जो ये बताने के लिए किए गए थे कि नताशा को गिरफ्तार कर लिया गया है। रईस से कॉल पर बात करने के बाद महक ने अपनी मां अनसरीन को मैसेज कर बताया कि उन्हें पुलिस को क्या झूठी कहानी सुनानी है। महक और अनसरीन ने पुलिस के सामने कई कहानियां सुनाईं, लेकिन सीसीटीवी फुटेज से मिले सबूतों के आधार पर उन्हें और उनके सभी साथियों को गिरफ्तार कर लिया गया। सभी सबूत दिखाने के बाद जब महक से दोबारा सख्ती से पूछताछ की गई तो उन्होंने कहा कि वो सिर्फ साकिब से मिलकर प्राइवेट फोटो डिलीट करवाना चाहती थीं, जिसके लिए वो लोग उनकी कार का पीछा कर रहे थे। महक ने बताया कि साकिब और उसके दोस्त की मौत उनकी तेज रफ्तार कार के एक्सीडेंट से हुई है, जिससे उनका और उनके दोस्तों का कोई लेना-देना नहीं है। कोर्ट में महक बुखारी, उनकी मां अनसरीन और अन्य 6 के खिलाफ हत्या के चार्जेज लगाए गए, लेकिन उनके साथ मौजूद मोहम्मद पटेल को इस मामले में क्लीनचिट दे दी गई, क्योंकि वो पुलिस का गवाह बना। दोस्त ने बताया कैसे बना था हत्या करने का प्लान? गिरफ्तारी के बाद मोहम्मद पटेल ने बताया कि वो लोग शुरुआत में फोटो डिलीट करवाने ही गए थे, लेकिन कार का पीछा करते हुए रईस और रेकान के बीच लगातार कॉल पर बात हो रही थी, जिसमें वो साकिब की कार को कुचलने का प्लान बना रहे थे। इस प्लान में महक और अनसरीन भी शामिल थे। मोहम्मद पटेल के अनुसार महक और उसके दोस्त रेकान की कार ने साकिब की कार को जोरदार टक्कर मारी थी, जिससे वो एक पेड़ से टकराकर ब्लास्ट हुई थी। करीब 11 महीन चले ट्रायल के बाद 4 अगस्त 2023 को इस मामले में फैसला सुनाया गया। कोर्ट में आते हुए महक आत्मविश्वास में मीडिया को देखकर हंसी और हाथ हिलाते हुए सेलिब्रिटी की तरह बिहेव किया, लेकिन जब फैसला आया तो वो कोर्ट में ही फूट-फूटकर रोती नजर आईं। कोर्ट ने साकिब और हाशिम की हत्या का दोषी मानते हुए महक को 31 साल आठ महीने और उनकी मां अनसरीन को 26 साल 9 महीने की सजा सुनाई। जबकि उनके दो दोस्तों रेकान और रईस को भी उम्रकैद की सजा हुई। हत्या में शामिल उनकी दोस्त नताशा को गैर इरादतन हत्या के लिए 11 साल, अमीर जमाल को 14 साल और गुल मुस्तफा को 14 साल 9 महीने की सजा सुनाई गई। जबकि उनके एक अन्य साथी मोहम्मद पटेल को ट्रायल के बाद पुलिस गवाह बनने पर छोड़ दिया गया। ....................................................... फिल्मी सितारों से जुड़ीं ये अनसुनी दास्तानें भी पढ़िए... मॉडल पूजा सिंह जिसका सिर कुचला गया:चाकू से 22 वार किए, 14000 से ज्यादा लोगों से पूछताछ, फिर इत्तफाक से हुआ हत्याकांड का खुलासा 31 जुलाई 2019 सुबह 5 बजे किसान मुनीराजू, बेंगलुरु के केम्पेगौड़ा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास सड़क पर टहलते हुए काम के लिए रवाना हुए। चलते-चलते उनकी नजर अचानक किनारे की तरफ पड़ी एक महिला की लाश पर पड़ी। करीब जाकर देखा तो मंजर दिल दहलाने वाला था। लाश का सिर बेरहमी से कुचला गया था, जिससे दिमाग के चिथड़े उड़ चुके थे। शरीर खून से लथपथ था। पूरी खबर पढ़िए... खून से लथपथ मिली थी एक्ट्रेस बिदूषी की लाश: एक रोज पहले पति से झगड़ा हुआ था, 12 साल बाद भी अनसुलझी है मौत की गुत्थी 22 अक्टूबर 2012 की बात है। अंधेरी (वेस्ट) की कोऑपरेटिव हाउसिंग सोसाइटी में रहने वाली 23 साल की साउथ एक्ट्रेस बिदुषी दास बर्दे के लिए एक आम दिन था। सुबह पति दफ्तर के लिए निकले थे, लेकिन जब लौटे तो देखा कि बिदुषी दरवाजा नहीं खोल रही हैं। डुप्लीकेट चाबियों से दरवाजा खोला गया तो बिदुषी खून से लथपथ फर्श पर पड़ी मिलीं। पूरी खबर पढ़िए....

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