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आज की फिल्मों में 80s और 90s जैसी बात नहीं:राकेश रोशन बोले- कहानी तो अच्छी होती है, लेकिन भावनाएं नजर नहीं आतीं

डायरेक्टर राकेश रोशन इन दिनों अपनी डॉक्यूमेंट्री द रोशन्स को लेकर चर्चा में हैं। हाल ही में उन्होंने बॉलीवुड इंडस्ट्री की वर्तमान स्थिति के बारे में बात की। उन्होंने कहा कि भले ही युवा पीढ़ी के पास नए और अच्छे विचार हैं, लेकिन आजकल की फिल्मों में वो बात नहीं है, जो 80s और 90s की फिल्मों में हुआ करती थी। स्क्रीन के साथ बातचीत के दौरान राकेश रोशन ने कहा, 'आज की युवा पीढ़ी के पास नए और अच्छे विचार हैं। वे जो फिल्में बना रहे हैं, उनमें कहानी तो बहुत अच्छी होती है, लेकिन वे सिर्फ एक छोटे दर्शक वर्ग तक ही सीमित रहती हैं। इतना ही नहीं, उनमें वह भावनाएं भी उजागर नहीं हो पातीं, जो 80s और 90s की फिल्मों में हुआ करती थीं। इसी कारण वे लोगों पर उतना असर नहीं डाल पा रही हैं।' उन्होंने कहा, 'अगर साउथ इंडस्ट्री की बात करें तो वहां के फिल्म प्रोड्यूसर वही फिल्में बना रहे हैं, जैसी हम पहले बनाते थे। जो सीधे लोगों की भावनाओं से जुड़ी होती हैं।' राकेश रोशन ने आगे कहा, 'लंबे समय तक मेरे पिता के काम को नजरअंदाज किया गया था, लेकिन अब उनके संगीत को पहचान मिल रही है, जिसे देखकर वे भी खुश होंगे कि आखिरकार उनके बेटे ने उनका संगीत फिर से जीवित किया।' राकेश रोशन की मानें तो उनके पिता बहुत जल्दी चल बसे और उनके बाद कोई योजना नहीं थी कि कैसे काम किया जाए। सब कुछ राकेश रोशन के लिए नया था। वह सोचते थे कि अब वे क्या करेंगे? हालांकि, वे बस काम करते गए और धीरे-धीरे सब कुछ सही हो गया। ‘द रोशन्स’ 17 जनवरी को ओटीटी पर हुई थी रिलीज रोशन परिवार की जिंदगी पर बेस्ड डॉक्यूमेंट्री सीरीज ‘द रोशन्स’ 17 जनवरी को नेटफ्लिक्स पर रिलीज हुई। चार एपिसोड की इस सीरीज में रोशन परिवार की तीन जेनरेशन की कहानी बताई गई है। हिंदी फिल्म इंडस्ट्री को आगे बढ़ाने में इस परिवार का क्या योगदान है, इसे सिनेमाई अंदाज में पेश किया गया है। ----------- इससे जुड़ी खबर पढ़ें.. रोशन परिवार पर क्यों बनाई गई डॉक्यूमेंट्री:राकेश रोशन बोले- सर्चिंग में पिता का नाम नहीं मिला, तब लगा ‘रोशन्स’ के बारे में बताना जरूरी इस डॉक्यूमेंट्री सीरीज के प्रोड्यूसर राकेश रोशन और डायरेक्टर शशि रंजन ने दैनिक भास्कर से बातचीत की है। करण अर्जुन, कहो ना प्यार है और कोई मिल गया जैसी फेमस फिल्में बनाने वाले डायरेक्टर राकेश रोशन ने उस सोच और विजन पर बात की, जिसकी वजह से यह सीरीज बनाई गई। पूरी खबर पढ़ें..

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Grammys 2025: Who will win and how to watch

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जैकी श्रॉफ@68- चॉल के एक कमरे में बीता बचपन:लीड रोल मिलते ही एक्सीडेंट हुआ,नाक-जबड़ा टूटा; संगीता बिजलानी के लिए सलमान लड़ने पहुंचे थे

फिल्मों के भिड़ू, जग्गू दादा यानी जैकी श्रॉफ आज 68 साल के हो गए हैं। 1982 में एक्टिंग करियर की शुरुआत करने वाले जैकी अब भी फिल्मों में एक्टिव हैं। कभी मुंबई के चॉल में रहने वाले जैकी के पिता ने भविष्यवाणी की थी कि वे एक्टर बनेंगे। हालांकि गरीबी का ऐसा आलम था कि उन्हें पिता की इस बात पर भरोसा नहीं था। खैर, किस्मत ने करवट ली और फिल्म इंडस्ट्री में उन्होंने अपनी पहचान बनाई। जैकी के करियर की पहली फिल्म स्वामी दादा थी, लेकिन उन्हें पहला लीड रोल फिल्म हीरो में मिला था। हीरो की शूटिंग शुरू होने के चंद दिनों पहले जैकी का भयानक एक्सीडेंट हो गया। नाक-जबड़ा टूट गया था। हालांकि एक्टिंग के दम पर वे नए सितारे बनकर उभरे। बर्थडे के मौके पर पढ़िए जैकी की जिंदगी के अनसुने किस्से… चॉल में रहे, कभी चूहों ने काटा, कभी खोली में सांप निकला 1 फरवरी 1957 को ज्योतिष काकूभाई श्रॉफ के घर बेटे का जन्म हुआ था। नाम रखा गया जयकिशन काकूभाई श्रॉफ, जिन्हें दुनिया ने बाद में जैकी श्रॉफ के नाम से जाना। जैकी के एक भाई थे, जो उनसे 7 साल बड़े थे। काकूभाई श्रॉफ का ताल्लुक एक रईस परिवार से था। वे स्टॉक मार्केट के बड़े शेयरहोल्डर थे। हालांकि एक बार बिजनेस में सारा पैसा डूब गया और परिवार सड़क पर आ गया। परिवार की रोजी-रोटी के लिए उन्होंने ज्योतिष का काम करना जारी रखा। कहा जाता था वीर कि उनकी कही हर बात सच साबित होती है। धीरे-धीरे लोगों के बीच उनकी पॉपुलैरिटी भी बढ़ने लगी। अनुपम खेर को दिए एक इंटरव्यू में जैकी ने कहा था, ‘हमारा परिवार तीन बत्ती चॉल में रहता था। मैंने गरीबी को करीब से देखा है। जिस खोली में हम रहते थे, वहां चूहे बहुत थे। कितनी बार चूहों ने मां और मुझको काटा है। कभी-कभार तो सांप भी निकल जाते थे।’ पिता ने की थी भविष्यवाणी- तुम एक्टर बनोगे जैकी 7 साल की उम्र में पहली बार स्कूल गए थे। दरअसल, मां उन्हें स्कूल भेजना ही नहीं चाहती थीं। उनका मानना था कि स्कूल के बच्चे बेटे को बर्बाद कर देंगे। मां की इस सोच पर पिता को आपत्ति थी। आए दिन दोनों के बीच इस बात पर बहस होती थी। हालांकि कुछ समय बाद उन्होंने जैकी को स्कूल भेजने का फैसला किया। 7 साल के बेटे को वे गोद में उठाकर स्कूल ले जाती थीं, ताकि उनके पैर गंदे न हों। अनुपम खेर के साथ इंटरव्यू में जैकी ने कहा था, ‘पढ़ाई ही एक जरिया था, जिससे खुद के हालात बदल सकते थे। लेकिन कुछ समय बाद पढ़ाई में बिल्कुल दिलचस्पी नहीं रही। एक दिन डरते-डरते मैंने यह बात पिता को बताई। मुझे डर था कि वे मारेंगे, लेकिन इसका उल्टा हुआ। उन्होंने कहा- कोई बात नहीं। वैसे भी तुम एक्टर बनोगे। मुझे उनकी बात पर विश्वास नहीं हुआ। मैंने कहा कि हम चॉल में रहते हैं। भला एक्टर कैसे बन पाऊंगा। खैर उनकी यह बात सच ही हुई।’ भाई की मौत से सदमे में रहे, बिस्तर पर पेशाब कर देते थे जैकी श्रॉफ जब 10 साल के थे, तभी उनके बड़े भाई हेमंत की समुद्र में डूबने से मौत हो गई थी। जैकी ने उन्हें बचाने की कोशिश की, लेकिन कामयाब नहीं हो पाए। जैकी ने कहा था, ‘पिता ने भाई की मौत की भी भविष्यवाणी की थी। वे मिल में काम करते थे। एक दिन जब वे घर से निकल रहे थे, तभी पिता ने उन्हें बाहर जाने से टोका, लेकिन वे नहीं माने। कुछ समय बाद मुझे खबर मिली कि समुद्र में कोई डूब रहा है। मौके पर पहुंचा तो देखा कि भईया डूब रहे थे। मैंने उन्हें बचाने की कोशिश की, लेकिन बचा नहीं पाया। उसके जाने के बाद मैं अकेला हो गया था। ट्रॉमा में चला गया था, बहुत रोता था। मैं इस कदर सदमे में था कि रात में सोते वक्त बिस्तर पर पेशाब कर देता। लगभग 3 साल तक ऐसा ही चलता रहा।’ एक्शन सही से नहीं कर पाए, फाइट मास्टर से पड़ी थी गाली जैकी के करियर की पहली फिल्म स्वामी दादा (1982) थी। इसमें उन्होंने साइड रोल किया था। जैकी की दोस्ती देव आनंद के बेटे सुनील आनंद से थी। एक दिन सुनील ने उनकी मुलाकात देव साहब से कराई। पहली मुलाकात में देव साहब ने जैकी को फिल्म स्वामी दादा में काम ऑफर किया। जैकी नए थे और एक्टिंग के बारे में ज्यादा नहीं जानते थे। एक दिन फाइट सीन्स की रिहर्सल चल रही थी। कई रीटेक के बाद भी जैकी ढंग से शॉट नहीं दे पा रहे थे। तंग आकर फाइट मास्टर ने उन्हें गाली दे दी। यह बात दूर बैठे देव साहब को रास नहीं आई। उन्होंने फाइट मास्टर से कहा- गाली मत दो। नया लड़का है। आराम से सिखाओ, सब सीख जाएगा। पहली लीड फिल्म की शूटिंग से पहले हुआ भयानक एक्सीडेंट, नाक और जबड़ा टूटा जैकी के करियर की पहली लीड फिल्म हीरो (1983) थी। जब इसमें सुभाष घई ने उन्हें कास्ट किया था, तो लोगों ने डायरेक्टर से कहा कि जैकी गुंडा-गर्दी करता है। उसकी इमेज बहुत खराब है। लोगों की इन बातों से भी सुभाष घई ने अपना फैसला नहीं बदला। इस फिल्म की शूटिंग से पहले ही जैकी का एक भयानक एक्सीडेंट हो गया। इस हादसे में उन्हें बहुत चोट आई। उनकी नाक और जबड़ा बुरी तरह से टूट गया था। इस बारे में उन्होंने अनुपम खेर से कहा था- एक्सीडेंट इतनी बुरी तरह हुआ था कि मैं हीरो नहीं बल्कि विलेन लग रहा था। मैंने कई दिन तक यह बात सुभाष घई जी को नहीं बताई थी। हालांकि कुछ समय बाद उन्हें यह बात पता चल गई, लेकिन फिर भी मैं फिल्म का हिस्सा बना रहा। यह फिल्म शुरुआती 3 हफ्ते नहीं चली थी। सुभाष जी का मेरे पास फोन आया था कि तुम्हारी पिक्चर नहीं चल रही है। लेकिन बाद में ऐसी चली कि उतरी ही नहीं और मैं हीरो बन गया। अनिल पर भड़क गए थे जैकी, कॉलर भी पकड़ लिया था जैकी के करियर की चौथी फिल्म युद्ध (1985) थी। इस फिल्म में वे अनिल कपूर के साथ नजर आए थे। इस फिल्म के एक सीन के मुताबिक, जैकी को अनिल को टेबल पर फेंकना था। दोनों ने पहला शॉट दिया, लेकिन डायरेक्टर को पसंद नहीं आया। दूसरा टेक भी हुआ, इस बार भी डायरेक्टर ने ओके नहीं किया। अनिल को भी लग रहा था कि जैकी ढंग से शॉट नहीं दे पा रहे हैं। इसी के चलते वे जैकी पर भड़क गए। उधर, जैकी को भी अनिल का यूं चिल्लाना रास नहीं आया। उन्होंने गुस्से में अनिल का कॉलर पकड़ा और टेबल की तरफ धकेल दिया। तभी वहां मौजूद लोग ताली बजाने लगे और डायरेक्टर ने इस शॉट को कैप्चर कर लिया। बाद में दोनों एक्टर्स ने एक दूसरे को गले लगाकर मामले को खत्म कर दिया। सेट पर जैकी से लड़ने पहुंच गए थे सलमान 1988 की फिल्म फलक में जैकी श्रॉफ ने काम किया था। इस फिल्म में सलमान खान असिस्टेंट डायरेक्टर थे। जैकी ने उनकी बहुत मदद की थी। यही वजह है कि वे जैकी को अपना मेंटर मानते हैं। हालांकि एक वक्त ऐसा आया था कि सलमान उनसे लड़ने सेट पर पहुंच गए थे। दरअसल, 1998 की फिल्म बंधन में जैकी के साथ संगीता बिजलानी ने काम किया था। साथ काम करते दोनों के बीच अच्छी बॉन्डिंग हो गई। वक्त के साथ यह अफवाह भी उड़ने लगी कि दोनों एक दूसरे को डेट कर रहे हैं। उस वक्त संगीता, सलमान की गर्लफ्रेंड थीं। जब डेटिंग की खबर सलमान तक पहुंची, तो वे इसे सच मानकर जैकी से लड़ने सेट पर चले गए। IB टाइम्स की रिपोर्ट्स के मुताबिक, दोनों में हाथापाई भी हो गई थी। लेकिन इसी बीच संगीता सेट पर आ गईं और उन्होंने मामले को संभाल लिया। उन्होंने सलमान को बताया कि डेटिंग की बातें महज अफवाह हैं। इसके बाद सलमान का गुस्सा कुछ शांत हुआ। प्रोड्यूस की गई फिल्म फ्लॉप हुई, गुजारे के लिए घर बेचना पड़ा जैकी श्रॉफ ने प्रोडक्शन में भी हाथ आजमाया है। 2003 की फिल्म बूम को उन्होंने पत्नी आयशा श्रॉफ के साथ मिलकर प्रोड्यूस किया था। इसके लिए सारी जमा-पूंजी लगा दी थी। लेकिन फिल्म बुरी तरह से बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप हो गई थी। नतीजतन, जैकी को गुजारे और कर्जा चुकाने के लिए अपना घर तक बेचना पड़ा था। इस बारे में जैकी ने एक इंटरव्यू में कहा था- मुझे पता था कि अगर कोशिश करूंगा, तो बहुत सी चीजें दांव पर लगेंगी। आखिरकार वही हुआ। हमने फिल्म से जुड़े सभी लोगों को उनके हिस्से का पैसा भी दिया था, ताकि मेरे परिवार का नाम खराब न हो। वैसे भी बिजनेस में अप-डाउन होता ही है। जैकी ने जो घर बेचा था, बाद में उसी घर को बेटे टाइगर श्रॉफ ने खरीदकर उन्हें गिफ्ट के तौर पर दिया था। 212 करोड़ के मालिक हैं जैकी श्रॉफ 1982 में एक्टिंग करियर की शुरुआत करने वाले जैकी अब भी फिल्मों में एक्टिव हैं। 2024 में उन्हें सिंघम अगेन और बेबी जॉन जैसी दो बड़ी फिल्मों में देखा गया। आने वाले समय में उन्हें फिल्म बाप में देखा जाएगा। जैकी श्रॉफ की नेटवर्थ की बात करें तो उनके पास 212.76 करोड़ रुपए की प्रॉपर्टी है। जैकी हर फिल्म के लिए 4 करोड़ रुपए फीस चार्ज करते हैं। इसके अलावा जैकी श्रॉफ ऑर्गेनिक फार्मिंग भी करते हैं। ...................................................................... बॉलीवुड से जुड़ी यह खबर भी पढ़ें... शराब में डूबे रहते थे बिग-बॉस विनर करण वीर:सुशांत इनके जूनियर थे, उन्होंने राह दिखाई; अब असल पहचान मिली बिग बॉस-18 में करण वीर मेहरा के प्रतिद्वंद्वी विवियन डिसेना ने कहा था- इस लड़के ने जितनी मेहनत की है, अब तक उसे उसका क्रेडिट नहीं मिला है। पढ़ें पूरी खबर...

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