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» » » मिर्जापुर के बाद बदल गई स्टारकास्ट की लाइफ:श्वेता त्रिपाठी बोलीं- अब दरवाजा खोलना मुश्किल; रसिका दुग्गल इलेक्ट्रिशियन से डर गई थीं

मिर्जापुर का तीसरा सीजन आज यानी 5 जुलाई को स्ट्रीम हो चुका है। इस सीरीज में गोलू गुप्ता का किरदार निभाने वाली श्वेता त्रिपाठी शर्मा, बीना त्रिपाठी की भूमिका निभाने वाली रसिका दुग्गल, शरद शुक्ला का किरदार निभाने वाले अंजुम शर्मा और रॉबिन का किरदार निभाने वाले एक्टर प्रियांशु पेनयुली ने दैनिक भास्कर से खास बातचीत की है। बातचीत के दौरान श्वेता ने बताया कि सीरीज के किरदार इतने पापुलर हो गए हैं कि अब घर का दरवाजा खोलने से डर लगता है। एक बार रसिका घर आए इलेक्ट्रिशियन से इतना डर गईं कि उन्हें अपने पति को वापस घर बुलाना पड़ा। श्वेता ने यह भी कहा कि 18 साल के कम उम्र के लोग इस सीरीज को ना देखें, क्योंकि इसे समझने के लिए अभी वे मेच्योर नहीं हैं। इस सीरीज के किरदारों के नाम दर्शकों के जेहन में छप चुके हैं, आप लोग इसे कैसे देखते हैं? श्वेता- मुझे तो बहुत मजा आता है, जब कहीं से गोलू दी और गोलू डॉन सुनाई देता है। इससे पता चलता है कि शो और किरदार को लेकर फैन का कितना प्यार है। मुझे बहुत अच्छा लगता है। रसिका- मेरे किरदार का लोगों में इतना प्रभाव पड़ा है कि लोग किसी और रोल में स्वीकार ही नहीं कर पा रहे हैं। प्रियांशु- सीरीज के किरदारों का लोगों पर बहुत ज्यादा प्रभाव पड़ा है। शो मे दाढ़ी और मूंछ रखी थी, जब एयरपोर्ट पर जाते हैं तो सिक्योरिटी वाले बहुत ध्यान से देखते हैं और बोलते हैं कि भेष बदलकर आए हो। फिर पूछते हैं कि अगला सीजन कब आएगा। पॉपुलर होने से लोगों का प्यार मिल रहा है। अंजुम- लोगों को पिछला सीजन देखे 3- 4 साल हो गए होंगे। आज भी उनके जेहन में सीरीज के सारे किरदार मौजूद हैं। जब भी लोग कहीं अचानक मिलते हैं, तो दिमाग पर जोर देकर सोचने की कोशिश करते है कि इसे कहां देखा है? अचानक उन्हें याद आता है कि मिर्जापुर सीरीज में देखा है। आप लोगों के साथ फनी मोमेंट्स भी बहुत सारे हुए होंगे, उसके बारे में कुछ बताएं? श्वेता- मैं जहां भी जा रही हूं, लोग इस सीरीज को देखने का अपना प्लान बता रहे हैं। मेरी समझ में नहीं आ रहा कि क्या चल रहा है? मैं बनारस में काशी विश्वनाथ के दर्शन करने गई थी। वहां सब कह रहे थे कि गजगामिनी जी आप आ गईं हैं, बाकी सब कब आएंगे। एक चीज मैं बता देती हूं कि अब दरवाजा खोलना थोड़ा मुश्किल हो गया है। घर पर कोई डिलीवरी बॉय या कोई और काम करने आता है तो वो पूछते है कि आप यहां रहती हैं? मुझे लगता है कि यह बात किसी को भी पता नहीं होनी चाहिए, खास करके बीना के बारे में तो बिल्कुल नहीं। उनकी पंखे वाली कहानी काफी फेमस है। वो पंखे वाली कहानी क्या है? रसिका- मैं भूल चुकी हूं,लेकिन कुछ-कुछ याद आ रहा है। श्वेता- मैं बता देती हूं। एक बार रसिका घर पर अकेली थीं। उस समय मिर्जापुर सीजन-2 आया था। एक इलेक्ट्रिशियन बेड पर खड़े होकर पंखा ठीक कर रहा था। पंखा ठीक करते-करते अचानक बोला कि आप बीना हैं ना? रसिका ने तुरंत मुकुल( पति) को फोन किया कि जल्दी घर आ जाओ। उनको पता था कि उसके बोलने का तरीका गलत नहीं था, लेकिन वो डर गई थीं। सीरीज में फीमेल कैरेक्टर बहुत ही स्ट्रॉन्ग है, कैरेक्टर प्ले करते वक्त आप सभी के दिमाग में क्या चलता है? श्वेता- मेरा किरदार हो या फिर रसिका का, दोनों फाइट कर रहे हैं। कहानी में औरतों और लड़कियों की मजबूत उपस्थिति होनी बहुत जरूरी है, क्योंकि समाज में वैसा ही हो रहा है। मुझे लड़ाई करने में कोई तकलीफ नहीं होती है। जो समाज में हो रहा है, उसे स्क्रीन पर दिखाना महत्वपूर्ण है। औरतें हर क्षेत्र में काम कर रही हैं। ऐसा नहीं है कि स्क्रीन पर कुछ और चल रहा है और समाज में कुछ। लोगों को लगता है कि ये तो लड़कियां हैं, लेकिन हमारे दिमाग में क्या चल रहा है, किसी को पता ही नहीं चलता है। शरद का जो किरदार है, उसका मकसद सत्ता नहीं बदला है, इस किरदार के प्रोसेस के बारे में क्या कहना चाहेंगे? अंजुम- शरद की हमेशा से यह कोशिश रही है कि जो वो बात कर रहा है, उससे ज्यादा यह समझ में आए कि वो सोच क्या रहा है। शरद का किरदार निभाना बहुत ही चैलेंजिंग रहा। इस सीरीज की सबसे खूबसूरत, चैलेंजिंग और अपने- अपने किरदारों की एक बात जो पसंद या नापसंद है? श्वेता- इस सीरीज से मुझे जो सबसे खूबसूरत चीज मिली है वो हमारे कास्ट एंड क्रू हैं। जब हम सेट पर जाते हैं तो सबकी एनर्जी इस दिशा में काम करती है कि सीन सबसे बढ़िया हो। हम सब एक दूसरे को बहुत सपोर्ट करते हैं। रसिका- सबसे अच्छी और खूबसूरत बात यह है कि इतनी बड़ी फैन फॉलोइंग और लॉयल आडियन्स किसी शो का नहीं देखा। मेरे लिए चैलेंजिंग बीना की बॉडी लैंग्वेज रही है। बीना और रसिका का कोई मेल नहीं है। बीना के लिए सबसे मुश्किल बात यह है कि लल्ला के अलावा किसी के साथ उसका इमोशनल कनेक्शन नहीं बन पाता है। अंजुम- जब कोई चीज बड़े पैमाने पर क्रिएट होती है और आप उसका हिस्सा बनते हैं, तो वह किसी भी एक्टर के लिए बहुत बड़ी बात होती है। ऐसे एक्टर के साथ काम करना जिसके किसी जमाने में फैन रह चुके हैं। आप सोचते थे कि कभी इनके साथ काम करेंगे, चाहे वो रसिका हो या फिर पंकज त्रिपाठी। जब इनके साथ काम करने का मौका मिला तो यह अपने आप में बहुत ही अद्भुत अनुभव है। किरदार में अच्छी बात यह लगी कि कोई भी डिसीजन लेने से पहले वो सोचता है। उसे जो करना था, नहीं कर पाया। यह बात मुझे ठीक नहीं लगी। प्रियांशु- मैंने कभी नहीं सोचा था कि ऐसा कैरेक्टर प्ले कर पाऊंगा। अपने आपको चैलेंज करके जब स्क्रीन पर देखा तो खुद को मजा आया। मुझे लगा कि ऐसा भी कर सकता हूं। मैं वायलेंस में बिलीव नहीं करता हूं। केवल बात करके समस्या को सॉल्व कर देता हूं।

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