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» » » ‘महाराज’ को लेकर उपजे विवाद पर बोले डायरेक्टर सिद्धार्थ:बिना जाने-समझे फिल्म को बता दिया धर्म विरोधी, यह मूवी इंसानियत को दर्शाती है

‘वी आर फैमिली’ और ‘हिचकी’ जैसी फिल्मों का डायरेक्शन कर चुके डायरेक्टर सिद्धार्थ पी मल्होत्रा की फिल्म ‘महाराज’ ओटीटी प्लेटफॉर्म नेटफ्लिक्स पर स्ट्रीम हुई है। इस फिल्म के जरिए आमिर खान के बेटे जुनैद खान ने डेब्यू किया है। रिलीज से पहले यह फिल्म काफी विवादों में रही। दैनिक भास्कर से बातचीत के दौरान सिद्धार्थ ने कहा कि बिना जाने-समझे लोगों फिल्म को धर्म विरोधी बता दिया। जबकि यह फिल्म इंसानियत को दर्शाती है। आइए जानते हैं, इस खास मुलाकात में सिद्धार्थ पी मल्होत्रा ने सवाल जवाब के दौरान और क्या कहा.... ’महाराज' को जिस तरह से दर्शकों का फीडबैक मिल रहा है, कैसा महसूस कर रहे हैं? बहुत ही सुकून महसूस कर रहा है। इस फिल्म की जर्नी बहुत ही लंबी रही है। जब हम कहानी कहते हैं तो एंटरटेन के साथ- साथ एक मैसेज देने की कोशिश करते हैं। हम किसी कंट्रोवर्सी के लिए फिल्म नहीं बनाते हैं। पूरी शिद्दत और दिल से बनाते हैं। फिल्म के बनने में जो वक्त लगा वो कुछ भी नहीं था। लेकिन उसके बाद जो उतार-चढ़ाव आए वो किसी और के साथ ना हो। यह फिल्म बिना टीजर और ट्रेलर के लांच हुए रिलीज हुई है। फिल्म के रिलीज के समय कोई प्रमोशन भी नहीं हुआ? लोग नेपोटिज्म की बात कहते थे कि फिल्म को आमिर खान प्रमोट करेंगे। इसलिए मैंने उनके बेटे जुनैद को फिल्म में कास्ट किया है, लेकिन आमिर फिल्म को प्रमोट करने नहीं आए। यशराज और नेटफ्लिक्स ने भी फिल्म को प्रमोट नहीं किया। फिल्म ओटीटी प्लेटफार्म पर आ गई, हमें भी लगा कि हमारी फिल्म आ गई। इस फिल्म के लिए हमने जितनी भी मेहनत अपनी टीम के साथ की है। वह फिल्म के जरिए नजर आती है। यह सबसे बड़ी हमारी जीत है। इस फिल्म को प्रमोट न करने की क्या वजह मानते हैं? इस फिल्म को भी प्रमोट करने की सारी तैयारियां की गई थी। 40 पेज की मार्केटिंग प्लानिंग की गई थी। उसमें से एक पेज भी नहीं हो पाया। जब फिल्म का पोस्टर आया तो उस पर बवाल मच गया। बिना फिल्म देखे ही लोगों ने मान लिया कि यह फिल्म धर्म के खिलाफ है। वहीं जब फिल्म लिखनी शुरू की थी तब यही सोचा था कि इस फिल्म को हम धर्म के खिलाफ नहीं बल्कि धर्म और इंसानियत के हित में बनाएंगे। यह फिल्म धर्म के बारे में नहीं बल्कि पत्रकार करसनदास मुलजी बारे में है। जो सती के खिलाफ और विधवा पुनर्विवाह के हित और बहुत सारी चीजों के लिए समाज सुधारक थे। आज फिल्म के प्रति लोगो का नजरिया बदला हुआ है? अब लोग कह रहे हैं कि यह फिल्म धर्म के हित में है। तुमने तो बहुत अच्छी फिल्म बनाई है। फिल्म देखने से पहले लोगों के दिमाग में क्या -क्या चल रहा था। वह मेरे कंट्रोल में नहीं था। फिल्म देखने के बाद लोगों को समझ में आई कि इसमें किसी की भावनाओं के साथ खिलवाड़ नहीं किया गया है।मैं मानता हूं कि हर किसी को अपने धर्म को प्रोटेक्ट करने का हक है। पोस्टर विवाद से पहले और क्या- क्या चैलेंज आए? यह फिल्म 2021 में ही पूरी हो गई थी। हमने सेंसर के लिए आवेदन किया। कुछ सेंसर और कुछ आदित्य चोपड़ा के सुझाव पर सीन काटे गए। इस तरह से हमें फिल्म के 45 मिनट के सीन काटने पड़े। फिल्म को इस लायक बनाया गया कि इसे UA सर्टिफिकेट मिल जाए। कोविड के बाद हमने सोचा गया कि इसे ओटीटी पर ही लाना सही होगा। अगर यह फिल्म बड़े पर्दे पर रिलीज होती तो इसे दर्शकों का और प्यार मिलता? शायद मिलता। लेकिन वो मेरे हाथ में नहीं है। मैं डायरेक्टर होने के नाते यह सोचता हूं कि प्रोड्यूसर खुश रहें। इस फिल्म के लिए आदित्य चोपड़ा ने मुझ पर भरोसा किया। हिचकी के लिए भी उन्होंने मुझ पर भरोसा किया था। अगर आदित्य को लगा होगा कि ओटीटी पर रिलीज करना सही है तो उन्होंने बहुत ही सोच समझकर डिसीजन लिया होगा। इस फिल्म को बनाते समय नहीं लगा कि इस पर काम करना थोड़ा रिस्की हो सकता है? यह फिल्म एक पत्रकार की वास्तविक कहानी पर आधारित है। इसे मैं धर्म की लड़ाई से नहीं देख रहा था। इस पर किताब भी पब्लिश हो चुकी है। इंटरनेट पर स्टोरी है। इसी पर गुजराती नाटक भी है। स्कूल और कॉलेज में यह पढ़ाया जाता है।अब तक इस विषय पर विवाद नहीं हुआ तो मेरे दिमाग में यह बात बिल्कुल भी नहीं थी। फिल्म की स्क्रिप्ट में सबसे खूबसूरत चीज आपको क्या लगी? मेरी दोनों फिल्में ‘वी आर फैमिली’ और ‘हिचकी’ औरतों के हित में बनी हैं। मुझे हमेशा यह लगता है कि औरत मर्द से कहीं ज्यादा शक्तिशाली और बुद्धिमान है। औरतों के प्रति मेरे मन में बहुत इज्जत है। 'महाराज' की कहानी एक ऐसे इंसान करसनदास मुलजी की है, जो औरतों के हित के लिए लड़ता है। मुझे इसमें हीरो की एक जर्नी दिखी। यह चीज मुझे अच्छी लगी। करसनदास मुलजी के किरदार के लिए आपने पहले से ही जुनैद खान को सोचा था? उस समय मुझे नहीं पता था कि इस फिल्म को जुनैद करेंगे या नहीं करेंगे। क्योंकि वो आमिर खान के बेटे हैं। यह फिल्म कोई रोमांटिक फिल्म तो हैं नहीं। जिससे स्टार किड्स लांच होते हैं। मैंने ‘लाल सिंह चड्ढा’ की ऑडिशन देखी थी। मैं जुनैद को जानता था। मुझे इस फिल्म के लिए कोई स्टार नहीं बल्कि न्यूकमर चाहिए था। यशराज में वह पावर है, जो न्यूकमर को लांच कर सकता है। आदित्य चोपड़ा से डिस्कस करने के बाद मैंने आमिर सर और जुनैद को कहानी सुनाई। उन्होंने एक दिन का समय मांगा और फिल्म में काम करने के लिए जुनैद राजी हो गए। जुनैद ने एक साल तक पूरी शिद्दत के साथ हमारे साथ स्क्रिप्ट की रीडिंग की है। फिल्म में जे जे के किरदार के लिए मुझे इरफान खान जैसे एक्टर की तलाश थी। जयदीप अहलावत ही ऐसे एक्टर हैं जो इस किरदार को निभा सकते थे। उन्होंने इस फिल्म के लिए बहुत मेहनत की। जब इस स्क्रिप्ट को पहली बार आदित्य चोपड़ा के पास लेकर गए तो उनकी प्रतिक्रिया क्या थी? आदित्य को स्क्रिप्ट बहुत अच्छी लगी। थोड़े बहुत बदलाव करने का सुझाव उन्होंने दिया था। मैंने उन्हें कहा कि इसे छोटे बजट में रियल लोकेशन पर शूट करके बनाएंगे। लेकिन उन्होंने कहा कि इसे बड़े स्तर पर भंसाली की फिल्मों के जैसा सेट लगाकर बनाओ। आदित्य चोपड़ा ही ऐसे प्रोड्यूसर हैं जो इस तरह से डायरेक्टर पर विश्वास कर सकते हैं।

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