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ಗುರುವಾರ ಕೇಳಿ ಶ್ರೀ ರಾಘವೇಂದ್ರ ರಕ್ಷಾ ಮಂತ್ರ

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Tourists stumble on gold treasure in the Czech Republic

Two people on a walking tour of Zvičina Hill near the town of Dvůr Králové nad Labem in the Czech Republic discovered a trove of early 20th century...

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'पहले से शादीशुदा थीं परवीन बाबी':महेश भट्ट ने किया खुलासा, बोले- जिससे शादी की वो पाकिस्तान चला गया, फिर कभी लौटकर नहीं आया

परवीन बाबी अक्सर अपनी पर्सनल लाइफ को लेकर सुर्खियों में रहती थीं। एक समय उनका नाम फिल्म निर्माता महेश भट्ट के साथ भी जुड़ा था, उस समय वह शादीशुदा थे। हाल ही में महेश भट्ट ने खुलासा करते हुए बताया कि परवीन बाबी की पहले ही शादी हो चुकी थी। उनका पति पाकिस्तान चले गए थे और फिर कभी वापस नहीं लौटे। बीबीसी न्यूज हिंदी से बातचीत में महेश भट्ट ने कहा, ‘परवीन की शादी के बारे में मुझे बाद में पता चला, जब हम पहले से ही रिश्ते में थे। परवीन खुद इस बारे में बहुत कम बात करती थीं, लेकिन उनकी मां जूनागढ़ से मिलने आती थीं, तब कभी-कभी इस बारे में बात होती थी, क्योंकि उस समय तक मैं परवीन के साथ रह रहा था। तभी यह चर्चा हुई कि परवीन की एक बार शादी हुई थी। लेकिन जिस व्यक्ति से शादी हुई थी वह व्यक्ति पाकिस्तान चला गया था।’ महेश ने कहा, ‘साल 2003 में जब मैं एक फिल्म फेस्टिवल के लिए पाकिस्तान गया था। वहां मुझे बताया गया कि कोई आपसे मिलना चाहता है, लेकिन मैं उससे मिल नहीं सका। मैंने कभी यह नहीं कहा कि मैं उससे नहीं मिलना चाहता, लेकिन किसी वजह से वह मुलाकात हो नहीं पाई। मैं सोच रहा था कि वह मुझसे क्यों मिलना चाहता होगा? मैं कभी ऐसा इंसान नहीं रहा, जिसने अपने दरवाजे किसी के लिए बंद कर दिए हों।’ बता दें, महेश भट्ट और परवीन बाबी का अफेयर 1977 में शुरू हुआ था। उस वक्त परवीन टॉप की एक्ट्रेस थीं और 'अमर अकबर एंथोनी', 'काला पत्थर' की शूटिंग कर रही थी और वे फ्लॉप फिल्ममेकर थे। लेकिन फिर 1980 में महेश और परवीन का ब्रेकअप हो गया। घर में मिली थी परवीन बाबी की लाश परवीन बाबी पैरानॉयड पर्सनालिटी डिसऑर्डर से जूझ रही थीं। परवीन की मौत साल 2005 में हो गई थी। उनकी लाश को 3 दिन बाद उनके घर से बरामद किया गया था।

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'द भूतनी' की स्टारकास्ट ने खोले फिल्म के राज:मौनी रॉय बोलीं- संजय दत्त के साथ काम करना सपना पूरा होने जैसा

संजय दत्त, मौनी रॉय, सनी सिंह स्टारर फिल्म ‘द भूतनी’ एक मई को थियेटर में रिलीज हो रही है। ये एक हॉरर कॉमेडी है, जिसे लिखा और डायरेक्ट सिद्धांत सचदेव ने किया है। फिल्म में ‘पंचायत’ फेम आसिफ खान, पलक तिवारी भी दिखेंगी। साथ ही इस फिल्म से एक नए एक्टर निक अपना बॉलीवुड डेब्यू कर रहे हैं। संजय दत्त फिल्म में एक्ट करने के अलावा इसके प्रोड्यूसर भी हैं। दैनिक भास्कर के साथ ‘द भूतनी’ के स्टार कास्ट ने खास बातचीत की है। पढ़िए उनका इंटरव्यू… सवाल- मौनी, 'द भूतनी' फिल्म की जर्नी कैसी रही। इसके बारे में बताएं। इस फिल्म में हमारे डायरेक्टर सिद्धांत सचदेव ने एक अलौलिक और अद्भुत दुनिया बनाई है। सेटअप कॉलेज का है, जिसमें कुछ लोगों की कहानी है। कॉलेज के कुछ स्टूडेंट्स हैं, जो चाहते हैं कि उन्हें प्यार मिले। खासकर के शांतनु का जो किरदार है, उसे प्यार की तलाश है। उस कहानी में आगे चलकर क्या होता है। उसे प्यार मिलता है और कैसा प्यार मिलता है। ये कहानी है। मैं और पलक क्या कर रहे हैं, उसके लिए आपको फिल्म जाकर देखना पड़ेगा। सवाल- सनी, संजय दत्त इस फिल्म में एक्टिंग के अलावा इसे प्रोड्यूस भी कर रहे हैं। जब आपको पता चला तो क्या रिएक्शन था? इससे पहले भी 2018 के आसपास हमने एक मीटिंग की थी। वो भी एक कॉमेडी फिल्म थी। हम चाह रहे थे कि वो फिल्म शुरू हो लेकिन लॉकडाउन लग गया। तब से आज तक मेरा और संजय सर का एक अनकहा बॉन्ड है। इस फिल्म के जो डायरेक्टर हैं सिद्धांत सचदेव उनके साथ मेरी दोस्ती है। इस फिल्म में मेरा कनेक्शन काफी लोगों के साथ है। जब मैं इसकी नेरेशन सुन रहा था, मैं तबसे संजू सर को लेकर उत्साहित हूं। मुझे लगता है कि हम जब पर्दे पर साथ आएंगे तो कुछ अलग होगा। बचपन से उनके साथ काम करने की चाहत थी, वो इतने अच्छे तरीके से हुआ है। जिस तरह से कहानी लिखी गई है, सबके किरदार, संजू सर बाबा बने हैं वो बहुत ही खूबसूरत है। सेट पर संजू सर अगर चुप भी बैठे हैं, तो लगता है हम उनसे कुछ सीख रहे हैं। सवाल- संजय दत्त के साथ कोई यादगार मोमेंट? शूटिंग के दौरान मैंने और सर तय कि हम लोग फिल्म का पोस्टर इंस्टाग्राम पर डालेंगे। हम दोनों ने इसके लिए शाम छह बजे का वक्त तय किया था। छह बजते ही संजू सर मेरे पास आए और पंजाबी में कहा कि सनी फोटो नहीं डालनी? सर के इस जेस्चर से मैं बहुत खुश हो गया। मेरे पास उनके इतने किस्से हैं, जो कभी खत्म नहीं होंगे। पर्सनली भी उन्होंने मुझे काफी मदद की है। मेरी मां को गुजरे दो-ढाई साल हो गए हैं। उस वक्त संजू सर ने मुझे अपने डॉक्टर से मिलवाया। उन्होंने मां का ट्रीटमेंट किया। मां के गुजरने के बाद हर कुछ दिन बाद वो चेक करते थे कि मैं ठीक हूं या नहीं। मुझे किसी चीज की जरूरत तो नहीं है। मैं इस चीज को कभी नहीं भूल पाऊंगा। सवाल- पलक, आप भूत-प्रेत में यकीन रखती हैं? नहीं, मेरा भूत-प्रेत में कोई यकीन नहीं है। हां, मेरी नानी ने मुझे हमेशा भगवान में विश्वास करना सिखाया है। मेरी फैमिली बहुत ज्यादा पूजा-पाठ करने वाली है। मेरी नानी हर सुबह पांच बजे उठकर पूजा-पाठ करती हैं। उनकी वजह से हम सब में स्प्रिचुअलिटी ज्यादा है। प्रेत का पता नहीं, भूत होते होंगे और अच्छे ही होते होंगे। मुझे नहीं लगता कि बुरी आत्माएं होती हैं। एक एनर्जी होती है, जो याद की तरह पीछे रह जाती है। जैसा कि हमारे फिल्म में दिखाया गया है। भूत कभी-कभी एक एहसास भी होते हैं। सवाल- आसिफ आप आपने किरदार के बारे में बताएं। फिल्म में मेरा लुक तो आपने ट्रेलर में देख ही लिया है। मेरे किरदार का नाम नासिर है। नासिर अपने तीन-चार दोस्तों के साथ कॉलेज में पढ़ता है। वहां उनकी लाइफ में दो-चार और नए किरदारों की एंट्री होती है, जिसके लिए वे तैयार नहीं होते हैं। मेरा किरदार नासिर यूपी के एक बहुत छोटे शहर से आता है। उसे उर्दू बोलने और शायरी लिखने का शौक होता है। वो इतना सीधा है कि अगर जमाना 40 की स्पीड से चल रहा है तो वो 20 की स्पीड से चलता है। कॉलेज में जो उसके दोस्त हैं, वो सब भी सीधे हैं। सवाल- निक, आप इस फिल्म से अपना डेब्यू कर रहे हैं। इस फिल्म से कैसे जुड़े? जी, मैं सिद्धांत सर से मिला था। उन्होंने मुझे कहानी नैरेट करने से पहले कहा कि ये तू ही है। जब मैंने साहिल के किरदार का नेरेशन सुना, तब मुझे भी लगा कि मैं ही हूं। फिल्म में मेरा एक्सपीरियंस आसिफ से हटकर है। आसिफ फिल्म में किरदार निभा रहा है। मैं तो असल में यही हूं। मुझे ज्यादा तैयारी करनी नहीं पड़ी। मैं मुंबई से हूं, साहिल का किरदार भी मुंबई से होता है। भाषा की भी दिक्कत नहीं हुई। साहिल का किरदार लाउड है, मैं भी असल जिंदगी में लाउड हूं। मैं खुद को लकी मानता हूं कि पहली फिल्म में मुझे ऐसा रोल मिला, जिसके लिए बहुत तैयारी नहीं करनी पड़ी। साथ ही पहली ही फिल्म में इतने सारे अच्छे एक्टर के साथ काम करने का मौका मिला, जिनसे मैंने बहुत कुछ सीखा है। सवाल- मौनी, फिल्म में आप कुछ ढूंढने की कोशिश कर रही हैं। असल जीवन में क्या हासिल करना चाहती हैं? आपने बढ़िया सवाल पूछा है। असल जिंदगी में मैं पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ में बैलेंस चाहती हूं। पूरी तरह से मेंटल पीस हासिल करना चाहती हूं। मैं पिछले साढ़े तीन साल से भगवद गीता पढ़ रही हूं।उसमें बताया गया है कि सेवा सबसे बड़ा धर्म होता है। मैं लोगों की हेल्प करना चाहती हूं। अभी जितना करती हूं वो काफी नहीं है। जानवरों के लिए कुछ करना चाहती हूं। लाइफ में ऐसी कई ख्वाहिशें हैं। मेरे एम्बिशन बहुत हाई नहीं हैं। सवाल- संजय दत्त के साथ पहला सीन क्या था? पहले सीन में उनसे ज्यादा बातचीत नहीं हुई। मैंने उन्हें सिर्फ हाय-हैलो नमस्ते बोला। पहला सीन ऐसा था कि मैं शूट करती हूं और वो दूर से खड़े होकर देखते हैं। आप जब फिल्म देखेंगे तो समझ आएगा। मेरा मेन सीन संजय सर के साथ हार्नेस पर था। मैं हवा में उड़कर उनसे मिली हूं। आप जो पोस्टर में देख रहे हैं कि मैं हवा में उड़कर उनके सीन पर पैर रखा है। ये सीन संजय सर के साथ शूट किए गए पहले कुछ चुनिंदा सीन्स में से एक है। ये करते वक्त मुझे डर और अजीब लग रहा था कि मैं उन पर कैसे पैर रख सकती हूं। मैं बार-बार उन्हें सॉरी सर बोल रही थी। लेकिन वो काफी अप्रोचेबल हैं। जितना बड़ा उनका ओहदा है, वो उतने ही ज्यादा उदार हैं। वो आपसे बहुत प्यार से मिलते हैं। मैं चाहती थी कि उनके साथ मेरे थोड़े और सीन्स हों लेकिन उनके साथ काम करके एक सपना पूरा हुआ है। सवाल- ऐसी कोई हॉरर फिल्म है, जिसे देखकर आप सबको डरा लगा था? सनी- हां, मैं और मेरे दोस्त बचपन में फन के लिए हॉरर फिल्म देखते थे। हॉरर फिल्म हम सब सिर झुका कर देखते थे। जब भूत स्क्रीन पर आता, तब हम अपना सिर नीचे कर लेते और जैसे ही चला जाता फिल्म देखने लगते। मैंने 'ईविल डेड' देखी थी, मुझे वो डरावनी लगी थी। 'गुमनाम है कोई' से भी डर लगता था। लेकिन मैं मानता हूं कि हॉरर कॉमेडी का अपना चार्म है। ऐसी फिल्मों से डर भी लगता है और जब कॉमेडी आती है, तब हम थोड़ा रिलैक्स हो जाते हैं। आसिफ- भूत का डर तब तक ही होता है, जब तक उसे आप दिखाओ ना। जैसे ही पर्दे पर भूत दिखाया जाता, मेरा डर खत्म हो जाता है। फिल्मों में काम करने के बाद मेरे लिए हॉरर फिल्म का मजा खराब हो गया है। अब मैं जब पर्दे पर भूत देखता हूं तो मेरे दिमाग में चलता है कि इसे शूट करने के लिए इसके सामने डीओपी होगा। फिर मेरा मजा खराब हो जाता है। मौनी- मुझे 'कंज्यूरिंग' से काफी डर लगा था। हिंदी फिल्म की बात करें तो 'कौन' बहुत डरावनी लगी थी। उर्मिला मैम ने अपनी परफॉर्मेंस से उसमें जान डाल दी थी। मैं आसिफ की बात से भी सहमत हूं कि जब तक भूत ना दिखे, डर बना रहता है। सवाल-पलक आपको जीवन में क्या हासिल करना है? मुझे बस इतना काम करना है कि मैं अपने परिवार को उन्नति और सुख दे पाऊं। मैं अपने काम से अपनी मां को, अपने नाना-नानी और अपने भाई को स्थिर जिंदगी देना चाहती हूं। उन्हें कभी किसी चीज की जरूरत ना हो। जैसे मेरी मां ने मुझे अब तक रखा है। मैं अपनी भाई को वैसी ही परवरिश और लग्जरी देना चाहती हूं, जैसी मेरी हुई है। सवाल- आसिफ, आपने संजय दत्त की कौन सी फिल्म सबसे पहली देखी थी? मैंने सर की पहली फिल्म 'दाग द फायर' वीसीआर पर देखी थी। हॉल मैं तो उनकी कितनी फिल्में देखी है, याद भी नहीं। मैं राजस्थान के चितौड़ जिले के एक बहुत छोटे से शहर आता हूं। वहां पर ऑटो में एक तरफ सलमान सर की और एक तरफ संजू सर की फोटो लगी होती है। जिम में भी दोनों की फोटो लगी होती है। किसी भी बनियान की कंपनी हो, उसे पर फोटो संजू सर या सलमान सर की होती है। आपको छोटे शहरों में इन दोनों के लिए बहुत प्यार-मोहब्बत मिलेगी। जब से वहां यार-दोस्तों को पता चला है कि मैं उनके साथ काम कर रहा हूं, वो सब अभी से पागल हैं। वो इंतजार कर रहे हैं कि फिल्म कब आएगी। सनी- मैं एक बात कहना चाहूंगा...90 में सलमान और संजय दत्त जैसे जो हीरो थे, उनका नेचुरल स्टाइल था। उन्होंने कुछ क्रिएट नहीं करना पड़ता था। वो इतना ज्यादा नेचुरल है कि उन दोनों के गानों पर डांस कैसे करना है, हमें पता होता है। इन दोनों का छोटे शहरों में ऐसा क्रेज है कि लोग पूरी लाइफ इनके जैसे बनकर रहते हैं। इससे बड़ी बात क्या हो सकती है।

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Mescal and Stormzy set for National Theatre shows

Nicola Coughlan, Monica Barbaro and Aidan Turner will also appear in new plays at the London venue. from BBC News https://ift.tt/VeUCqMs ...

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Nicola Coughlan, Monica Barbaro and Aidan Turner will also appear in new plays at the London venue. from BBC News https://ift.tt/o2IhAzl ...

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‘Rot: A History of the Irish Famine’ by Padraic X. Scanlan review

‘Rot: A History of the Irish Famine’ by Padraic X. Scanlan review JamesHoare Tue, 04/29/2025 - 08:50 * This article was originally published here ...

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तिरंगा-राष्ट्रगान होने पर पाकिस्तान में बैन हुई दंगल:'रांझणा' में मुस्लिम जोया को हिंदू से प्यार होने और 'पैडमैन' में 'पैड' के जिक्र से थी आपत्ति

22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान को लेकर सख्त रुख अपनाया है। पाकिस्तानी एक्टर फवाद खान बॉलीवुड कमबैक करने वाले थे, लेकिन अब सभी पाकिस्तानी कलाकारों को भारत में पूरी तरह बैन कर दिया गया है। ये बड़ा फैसला तो आतंकी हमले के बाद हुआ, लेकिन इससे पहले भी हमारा पड़ोसी मुल्क कई बार अटपटी वजहों से भारत की फिल्मों को अपने देश में रिलीज होने से रोक चुका है। इन फिल्मों में रांझणा, फैंटम, जॉली एलएलबी 2, पैडमैन और रेस 3 जैसी 36 फिल्में शामिल हैं। कई बैन हुई फिल्में ऐसी भी हैं, जिनमें पाकिस्तानियों को हारता दिखाए जाने पर पाकिस्तानी सेंसर बोर्ड को आपत्ति थी। वहीं कुछ हिंदू-मुस्लिम लव स्टोरी, पैड जैसे शब्द के इस्तेमाल, तो कभी राष्ट्रगान या तिरंगा दिखाने पर बैन कर दी गईं। हास्यास्पद बात तो ये है कि पाकिस्तान में रईस, तेरे बिन लादेन और ऐ दिल है मुश्किल जैसी फिल्मों पर भी रोक लगाई गई थी, जबकि इन फिल्मों में पाकिस्तानी कलाकार ही लीड रोल में थे। एक नजर उन भारतीय फिल्मों पर जिन्हें पाकिस्तान में किसी न किसी बहाने से बैन कर दिया गया- नोट- फरवरी 2019 में हुए पुलवामा हमले के बाद पाकिस्तान में भारत की फिल्मों पर पूर्णतः बैन लग चुका है। अटपटे कारणों से पाकिस्तान में बैन हुईं फिल्में रांझणा (2013)- धनुष और सोनम कपूर स्टारर फिल्म रांझणा को पाकिस्तान में बैन कर दिया गया था। वजह सिर्फ इतनी थी कि फिल्म में जोया नाम की मुस्लिम लड़की का हिंदू लड़के से अफेयर दिखाया गया है। इस फिल्म को पहले पाकिस्तान में रिलीज किया जाने वाला था, हालांकि चंद दिनों पहले ही पाकिस्तानी सेंसर बोर्ड ने डिस्ट्रीब्यूटर को लेटर लिखकर कहा कि हिंदू-मुस्लिम लव स्टोरी के चलते इससे युवाओं में गलत मैसेज जाएगा। दंगल (2017)- आमिर खान की फिल्म दंगल को पाकिस्तान में इसलिए बैन कर दिया गया, क्योंकि फिल्म में इंडियन नेशनल फ्लैग और राष्ट्रगान दिखाया गया था। पाकिस्तान सेंसर बोर्ड ने तिरंगे और राष्ट्रगान के सीन हटाने की मांग की थी, हालांकि आमिर खान ने इससे साफ इनकार कर दिया था। पैडमैन (2018)- अक्षय कुमार और सोनम कपूर स्टारर फिल्म को पाकिस्तानी सेंसर बोर्ड ने टाइटल में महज पैड शब्द के इस्तेमाल के चलते बैन कर दिया। सेंसर बोर्ड ने तर्क दिया कि वो पाकिस्तान में ऐसे किसी सब्जेक्ट, स्टोरी को नहीं दिखा सकते, जिसे समाज ने स्वीकार्य नहीं किया है। उन्होंने डिस्ट्रीब्यूटर्स को फिल्म के राइट्स खरीदने से इनकार कर दिया और कहा कि ऐसा करके वो इस्लामिक ट्रेडिशन, इतिहास और कल्चर को बर्बाद कर रहे हैं। लाहौर (2010)- किकबॉक्सिंग पर बनी इस फिल्म को सिर्फ इसलिए बैन कर दिया गया था, क्योंकि इसमें इंडियन प्लेयर को पाकिस्तानी प्लेयर को हराते दिखाया गया था। पाकिस्तानी सेंसर बोर्ड का तर्क था कि फिल्म में पाकिस्तानियों को नेगेटिव रोल में दिखाया गया था। परी (2018)- अनुष्का शर्मा स्टारर सुपर नेचुरल हॉरर फिल्म परी भी पाकिस्तान में बैन है। सेंसर बोर्ड का कहना था कि फिल्म काले जादू को प्रमोट करती है, जो इस्लामिक वैल्यूज के खिलाफ है। इससे इस्लामिक सेंटिमेंट हर्ट हो सकते हैं। जबकि साल 2013 में पाकिस्तान में सियाह नाम की फिल्म रिलीज हुई थी, जिसमें जादू, टोने और भूत-प्रेत का कॉन्सेप्ट दिखाया गया था। रेस 3 (2018)- सलमान खान की फिल्म रेस 3 साल 2018 में ईद के मौके पर रिलीज की जाने वाली थी। हालांकि पाकिस्तान में इसे सिर्फ इसलिए बैन कर दिया गया, जिससे ईद के मौके पर पाकिस्तानी फिल्में फ्लॉप न हो जाएं। सेंसर बोर्ड को डर था कि सलमान की फिल्म के आगे पाकिस्तानी फिल्में फ्लॉप हो जाएंगी। ट्यूबलाइट (2017)- सलमान की ट्यूबलाइट को भी पाकिस्तान में इसलिए रिलीज नहीं किया गया, जिससे इसके साथ रिलीज होने वाली पाकिस्तानी फिल्में फ्लॉप न हो जाएं। ढिशूम (2017)- जॉन अब्राहम और वरुण धवन स्टारर इस फिल्म में इंडिया-पाकिस्तान क्रिकेट मैच से ठीक पहले इंडियन क्रिकेटर की किडनैपिंग दिखाई गई थी। पाकिस्तानी सेंसर बोर्ड ने इसे पाकिस्तानियों के खिलाफ मानते हुए बैन कर दिया था। पाकिस्तानी कलाकारों की बॉलीवुड फिल्मों पर भी लगा पाकिस्तान में बैन तेरे बिन लादेन (2010)- पाकिस्तानी एक्टर और सिंगर अली जफर स्टारर बॉलीवुड फिल्म तेरे बिन लादेन पाकिस्तान में बैन कर दी गई थी। दरअसल, पाकिस्तानी सेंसर बोर्ड को फिल्म के टाइटल तेरे बिन लादेन से आपत्ति थी। उनका कहना था कि इस्लामिक एक्स्ट्रीमिस्ट ओसामा बिन लादेन के नाम का इस्तेमाल करना बेहद संवेदनशील है। लोगों में भ्रम फैल सकता है कि फिल्म लादेन पर बनी है। रईस (2017)- पाकिस्तानी एक्ट्रेस माहिरा खान ने शाहरुख खान की फिल्म रईस से बॉलीवुड डेब्यू किया था। हालांकि फिल्म को पाकिस्तान में बैन कर दिया गया था। सेंसर बोर्ड का मानना था कि फिल्म में आपत्तिजनक कंटेंट है और साथ ही कई मुस्लिमों को फिल्म में क्रिमिनल, टेररिस्ट और वांटेड दिखाया गया है। ये फिल्म उरी अटैक के बाद भारत में भी विवादों में थी। ऐ दिल है मुश्किल (2015)- रणबीर कपूर, अनुष्का शर्मा और पाकिस्तानी एक्टर फवाद खान स्टारर फिल्म ऐ दिल है मुश्किल को भारत-पाक के बीच चल रहे बॉर्डर कॉन्फ्लिक्ट के चलते पाकिस्तान में बैन कर दिया गया था। इस समय पाकिस्तानी एक्टर फवाद खान की कास्टिंग के चलते भारत में भी इस फिल्म पर प्रतिबंध लगाने की मांग हुई थी। पाकिस्तानियों की छवि गलत दिखाने पर बैन की गईं फिल्में- फैंटम (2015)- सैफ अली खान और कटरीना कैफ स्टारर ये फिल्म 26/11 आतंकी हमले पर बनी थी, जो हुसैन जैदी की किताब मुंबई एवेंजर पर आधारित थी। 26/11 आतंकी हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद के संगठन जमात-उद-दावा ने इस पर बैन लगाने की मांग की थी। नतीजतन लाहौर हाईकोर्ट ने फिल्म पर बैन लगा दिया। लाहौर हाईकोर्ट के जस्टिस शाहिद बिलाल ने सरकार को इस फिल्म की सीडी पर भी रोक लगाने के आदेश दिए थे। बेबी (2015)- फिल्म में विलेन को मुस्लिम दिखाने पर पाकिस्तान में इस फिल्म को बैन कर दिया गया था। भाग मिल्खा भाग (2013)- भारतीय एथलीट मिल्खा सिंह पर बनी बायोपिक को भी पाकिस्तान में बैन किया गया था। सेंसर बोर्ड का मानना था कि फिल्म में पाकिस्तानी स्पोर्ट्स एथॉरिटी को पक्षपात करते दिखाया गया है, जिससे पाकिस्तान की छवि धूमिल हो सकती है। एजेंट विनोद (2012)- सैफ अली खान और करीना कपूर स्टारर स्पाई फिल्म एजेंट विनोद को रिलीज से महज एक दिन पहले पाकिस्तान में बैन कर दिया गया। सेंसर बोर्ड का तर्क था कि फिल्म में पाकिस्तानी इंटेलिजेंस एजेंसी ISI को गलत तरह से पेश किया गया है। सैफ अली खान ने इस पर कहा था, फिल्म में हमने दिखाया है कि पाकिस्तान में भारत के प्रति कुछ नेगेटिव एलिमेंट हैं, लेकिन सेंसर बोर्ड को इससे आपत्ति है। हमने मोस्ट वांटेड अपराधियों को दिखाया है, जो पाकिस्तान की शरण में हैं और ये एक फैक्ट है। एक था टाइगर (2012)- फिल्म में पाकिस्तानियों की छवि नेगेटिव दिखाए जाने पर इसे पाकिस्तान में बैन कर दिया गया था। बैंगिस्तान (2015)- रितेश देशमुख और पुलकित सम्राट स्टारर ये फिल्म दो सुसाइड बॉम्बर की कहानी थी। हालांकि सुसाइड बॉम्बर दिखाने पर फिल्म को पाकिस्तान में रिलीज होने पर रोक लगा दी गई थी। नीरजा (2016)- कराची में हाईजैक हुई इंडियन फ्लाइट की कहानी दिखाने वाली फिल्म नीरजा को पाकिस्तान में बैन कर दिया गया था। हालांकि बाद में पाकिस्तानी सेंसर बोर्ड ने ये तर्क दिया कि फिल्म को बैन नहीं किया गया था। ये फिल्म कभी स्क्रीनिंग के लिए पाकिस्तान पहुंची ही नहीं। नाम शबाना (2017)- तापसी पन्नू स्टारर फिल्म नाम शबाना को पाकिस्तान के खिलाफ और टेररिस्ट के कुछ सीन्स को कट कर रिलीज किया गया था। हालांकि छवि धूमिल होने के डर से इसे एक दिन बाद ही पाकिस्तानी सेंसर बोर्ड ने बैन कर दिया। टाइगर जिंदा है (2017)- सलमान खान की फिल्म टाइगर जिंदा है को पाकिस्तानी एजेंसी और कानून की छवि गलत तरीके से दिखाए जाने पर बैन कर दिया गया था। राजी (2018)- आलिया भट्ट स्टारर स्पाई फिल्म राजी को पाकिस्तान में इसलिए बैन किया गया क्योंकि उसमें इंटेलिजेंस एजेंट को पाकिस्तान की जासूसी करते दिखाया गया था। मुल्क (2018)- पाकिस्तान से ताल्लुक रखने पर देशद्रोह का आरोप झेलने वाले परिवार की कहानी दिखाने वाली फिल्म मुल्क को पाकिस्तान में बैन कर दिया गया था। फिल्म ही नहीं, सेंसर बोर्ड ने फिल्म के ट्रेलर पर भी पूरी तरह रोक लगा दी थी। गोल्ड (2018)- फिल्म में 1947 में हुए भारत-पाकिस्तान के बंटवारे के कुछ सीन दिखाए गए थे, जिसके चलते इसे पाकिस्तान में रिलीज होने से रोक दिया गया था। अय्यारी (2018)- सिद्धार्थ मल्होत्रा और रकुल प्रीत सिंह स्टारर फिल्म अय्यारी को पाकिस्तानियों की छवि गलत दिखाने पर पाकिस्तान में बैन किया गया था। परमाणु (2018)- पोकरण में हुए सफल न्यूक्लियर टेस्ट पर बनी फिल्म के एक हिस्से में पाकिस्तान के न्यूक्लियर टेस्ट का रेफरेंस दिए जाने पर फिल्म को पाकिस्तान में बैन कर दिया गया था। पाकिस्तान में ये इंडियन फिल्में भी हैं बैन जॉली एल एल बी 2- जम्मू कश्मीर में टेररिज्म का मुद्दा दिखाए जाने पर फिल्म को पाकिस्तान में बैन किया गया था। वीरे दी वेडिंग (2018)- करीना कपूर, सोनम कपूर और स्वरा भास्कर स्टारर फिल्म वीरे दी वेडिंग को फिल्म में महिलाओं द्वारा इस्तेमाल की गई अभद्र भाषा के कारण पाकिस्तान में बैन किया गया था। अंबरसरिया (2016)- फिल्म में इंडियन इंटेलिजेंस एजेंसी RAW का जिक्र होने पर फिल्म को पाकिस्तान में रिलीज नहीं होने दिया गया। उड़ता पंजाब (2015)- फिल्म में गाली-गलौज का इस्तेमाल किए जाने पर इसे पाकिस्तान में बैन किया गया था। कैलेंडर गर्ल (2015)- फिल्म के एक आपत्तिजनक डायलॉग के चलते इसे पाकिस्तान में रिलीज नहीं होने दिया गया था। शिवाय (2015)- इंडिया-पाकिस्तान के बीच चल रहे बॉर्डर कॉन्फ्लिक्ट के चलते इसे पाकिस्तान में रिलीज होने से रोक दिया गया था। हैदर (2014)- शाहिद कपूर और श्रद्धा कपूर स्टारर हैदर में कश्मीर के उग्रवाद की कहानी दिखाई गई थी। सेंसिटिव मुद्दा होने के चलते सेंसर बोर्ड ने इसे सर्टिफिकेट देने से इनकार कर दिया था। खिलाड़ी 786 (2012)- अक्षय कुमार की फिल्म खिलाड़ी 786 को सिर्फ टाइटल के चलते पाकिस्तान में बैन किया जा रहा था। हालांकि बाद में फिल्म के टाइटल से 786 हटा दिया गया था। जिसके बाद फिल्म खिलाड़ी टाइटल के साथ पाकिस्तान में रिलीज हुई थी। बैन के बावजूद पाकिस्तान में इंडियन फिल्मों का क्रेज, गैरकानूनी ढंग से रिलीज कर दी थी पठान 2019 के बाद से ही सभी भारतीय फिल्मों को पाकिस्तान में रिलीज करने पर प्रतिबंध है। हालांकि इसके बावजूद बीते साल शाहरुख खान की फिल्म पठान का क्रेज ऐसा था कि इसे पाकिस्तान के कराची के एक निजी थिएटर में रिलीज कर दिया गया। जानकारी मिलते ही पाकिस्तानी सेंसर बोर्ड ने स्ट्रिक्ट एक्शन लेते हुए स्क्रीनिंग रुकवाई थी। पाकिस्तानी कलाकारों पर भारत में लगा बैन साल 2016 में हुए उरी अटैक के बाद सभी पाकिस्तानी कलाकारों के भारत में काम करने पर बैन लगा दिया गया था। यही वजह रही कि माहिरा खान, फवाद खान जैसे कलाकारों को भारत की कई फिल्में छोड़नी पड़ी थीं। साल 2023 में बॉम्बे हाईकोर्ट ने पाकिस्तानी कलाकारों पर बैन लगाए जाने की याचिका खारिज करते हुए कहा कि कलाकारों को पॉलिटिकल टेंशन के चलते सजा नहीं दी जा सकती। यही वजह रही कि पाकिस्तानी कलाकारों को फिर हिंदी सिनेमा में काम दिया जाने लगा। हानिया आमिर को दिलजीत दोसांझ के साथ फिल्म सरदार 3 में काम मिला, वहीं फवाद खान फिल्म अबीर गुलाल से बॉलीवुड कमबैक करने वाले थे। हालांकि पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद एक बार फिर पाकिस्तानी कलाकारों पर बैन लगा दिया गया है। FWICE (फिल्म फेडरेशन ऑफ वेस्टर्न सिने एम्प्लॉयज) ने हाल ही में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को लेटर लिखकर साफ किया है कि अगर कोई भी भारतीय पाकिस्तानी कलाकारों के साथ काम करेगा, तो उस पर देशद्रोह का केस होगा। साथ ही पाक कलाकारों के साथ काम करने वाले शख्स को इंडियन इंडस्ट्री से बैन कर दिया जाएगा। विवादों के बीच जाहिर तौर पर फवाद खान की फिल्म अबीर गुलाल अब भारत में रिलीज नहीं होगी। वहीं हानिया आमिर को भी फिल्म सरदार 3 से रिप्लेस किया जा रहा है।

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Child damages €50m Rothko painting in Dutch museum

It is not yet clear who will be held responsible for the cost of repairing Rothko's Grey, Orange on Maroon, No. 8. from BBC News https://ift.tt/x5LSOHg ...

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Jane Austen: A Partial and Prejudiced Historian

Jane Austen: A Partial and Prejudiced Historian JamesHoare Mon, 04/28/2025 - 08:57 * This article was originally published here ...

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Violin used in 1997 Titanic film sells for £54k

The violin was used to play hymn Nearer My God To Thee as the ship sank in the Oscar-winning film. from BBC News https://ift.tt/oKCGVY0 ...

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Iron Age chariot wheel found under golf course in Scotland

Archaeologists excavating the site of a new golf course in Inverness, Scotland, have discovered the remains of a rare Iron Age chariot wheel. It is the first piece...

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फैंस के प्यार से मिलता है मुझे हौसला:इमरान हाशमी ने कहा - हमें अपनी जड़ों से जुड़ी कहानियां बनानी चाहिए, तभी आएगी ऑडियंस थिएटर

इमरान हाशमी की फिल्म ‘ग्राउंड जीरो’ थियेटर में रिलीज हो चुकी है। फिल्म बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स BSF की शौर्य गाथा है। फिल्म में इमरान ने बीएसएफ अधिकारी नरेंद्र नाथ धर दुबे का रोल निभाया है। इमरान की छवि एक रोमांटिक हीरो की रही है। उनके फैंस ने उन्हें इस रूप में खूब प्यार भी दिया है। दैनिक भास्कर से खास बातचीत में एक्टर ने अपने करियर, फैंस, ओटीटी के बढ़ते दबदबा पर बात की है। सवाल- आप सालों से लगातार रिलेवेंट रहे हैं। फैंस को लगता है कि आपकी जितनी क्षमता है, उस हिसाब से बॉलीवुड मेकर्स ने आपको एक्सप्लोर नहीं किया है। अगर लोगों को ऐसा लगता है कि बतौर एक्टर मेरे अंदर वो स्कोप है, जिसे मैं एक्सप्लोर कर सकता हूं तो ये अच्छी बात है। अगर लोग कहते कि हर कुछ एक्सप्लोर कर लिया है। इसमें कोई नयापन नहीं फिर यह बात शायद डरावनी होती है। लेकिन, मेरा यही एक मकसद रहता है कि हर फिल्म या नए फिल्ममेकर के साथ कुछ नया एक्सट्रैक्ट करूं। खुद की पर्सनैलिटी, अपने एक्सपीरियंस से ऑडियंस के सामने एक नई कहानी पेश करूं। सवाल- आपने हमेशा स्टीरियोटाइप को तोड़ा है। फिल्म दर फिल्म अपने आप को इवॉल्व किया है। हर रोल के साथ कुछ अलग करना क्या फॉर्मूला है? मेरी उम्मीद यही रहती है कि जब कोई डायरेक्टर मेरे पास कहानी लेकर आए तो उसमें नयापन हो। मैंने उस जॉनर या इस किस्म का किरदार पहले नहीं निभाया हो। ‘ग्राउंड जीरो’ के समय भी यही मकसद था। मुझे एक ऑफिसर का रोल पेश किया गया, जो मैंने पहले एक्सप्लोर नहीं किया था। मैं ऑडियंस को कुछ नया पेश कर रहा हूं। जब एक्सेल एंटरटेनमेंट जैसे फिल्ममेकर्स मेरे पास आते हैं तो फिर इसको एक तरह से दोनों हाथों से बटोरना पड़ता है। इसका एक तरह से पूरा मजा लेना चाहिए। नई चीजों पर मेहनत करें और ऑडियंस को एक नया डायमेंशन पेश करें, जो उन्होंने पहले नहीं देखा हो। सवाल- इस समय कलाकार के तौर पर एंबिशन क्या है? क्या ऑडियंस इमरान को फिर से रोमांटिक-म्यूजिकल फिल्मों में देख पाएंगी। बस यही कि अलग-अलग किस्म के किरदार और फिल्में करूं, लोगों का मनोरंजन करूं। जहां तक रोमांटिक-म्यूजिकल फिल्मों की बात है तो बिल्कुल आएंगी। मैं तो हर चीज को एक्सप्लोर करना चाहता हूं। अच्छे गानों के साथ रोमांटिक इमेज, लव स्टोरी, थ्रिलर को एक्सप्लोर करना चाहूंगा। जब ऐसी कहानियां मिलेंगी तो मैं उन्हें जरूर करूंगा। सवाल- कोविड के बाद से लगातार ऐसा हो रहा है कि ऑडियंस थियेटर ना जाकर ओटीटी को प्रेफर कर रही है। आपका क्या मानना है? मुझे लगता है कि हमारे कल्चर की रूटेड कहानियां बननी चाहिए। वेस्टर्न कल्चर ने हमारी इंडस्ट्री को भी बर्बाद कर दिया है। वैसे फिल्ममेकर जो सिर्फ बांद्रा और जुहू के बीच में फंसे रहते हैं, वो बस इंग्लिश फिल्मों को ऑडियंस के सामने पेश करना चाहते हैं। जो कोई खरीदना नहीं चाहता है। पैन इंडिया फिल्में यहीं करती हैं। आप पंजाब, बिहार या साउथ कहीं से भी हों, फिल्म से कनेक्ट करने के लिए बस एक फैक्टर चाहिए होता है। ऐसा जादू हमारी जमीन से जुड़ी हुई फिल्में ही कर पाती हैं। ऐसे फिल्ममेकर्स पर लोगों को अपना पैसा डालना चाहिए। जो जमीनी फिल्में बना रहे हैं, वैसे आइडियाज पर बजट पास करना चाहिए। अब ऑडियंस के पास ओटीटी एक जरिया है। घर पर बैठ कर वो फिल्म देख सकते हैं। वो आपकी फिल्म थियेटर जाकर क्यों देखेंगे? कोई ऐसी बात होनी चाहिए आपकी फिल्म में जो ऑडियंस को थियेटर खींचकर ले आए। ऑडियंस ये भी जानती हैं कि आठ हफ्ते बाद आपकी फिल्म ओटीटी पर आने वाली है। ऐसे में आपके आइडिया में वो एक ताकत होनी चाहिए जो उन्हें मजबूर कर दे थियेटर आने में। सवाल- आपको क्या लगता है, इसके पीछे टिकट की महंगाई मसला है? हो सकता है। अभी के समय में फिल्म देखना एक बहुत महंगी प्रीपोजीशन हो गई है। अगर आप अपने परिवार के साथ जाकर फिल्म देखते हैं तो हजारों रुपए खर्च करने पड़ते हैं। ऐसे में ये आम लोगों के लिए एक बहुत ही महंगा सौदा होता है। सवाल- कोई इमोशनल फैंस मोमेंट आपके जेहन में है, जो आप शेयर करना चाहेंगे? मेरे पास बहुत सारे इमोशनल मोमेंट हैं। अभी लखनऊ में शूटिंग कर रहा था, उस वक्त होटल में एक फैन ने चारकोल से बनी तस्वीर दी। जो उन्होंने बहुत ही शिद्दत से बनाई थी और वो वाकई में बेहद खूबसूरत है। ऐसी बहुत सारी चीजें होती है। मेरे बर्थडे पर देश के अलग-अलग कोने से फैंस मेरी बिल्डिंग के नीचे आए थे। वहां पर हमने साथ में केक काटा। वो मेरे लिए बहुत इमोशनल मोमेंट था। सवाल- फैंस के साथ आपका एक अलग बॉन्ड दिखता है। फिल्म के प्रीमियर के दौरान में हमें ये देखने मिला। फैंस के साथ अपने रिश्तों को कैसे दिखते हैं? मेरा मानना है कि फैंस के बिना आप कुछ नहीं हैं। मेरे अच्छे और बुरे वक्त में उन्होंने ही मेरा साथ दिया हैं। मैं फिल्में उनके लिए ही बनाता हूं। मकसद उन्हें एंटरटेन करना होता है। फैंस के साथ मेरा अटूट रिश्ता मेरी पहली फिल्म से चला आ रहा है। मैं आज जो कुछ भी हूं अपने फैंस की वजह से हूं। वो जिस तरह से मुझे और मेरी फिल्मों को प्यार देते हैं, इससे मेरी जिम्मेदारी बढ़ जाती है। चाहे वो ग्राउंड जीरो हो या कोई और फिल्म।

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हॉलीवुड एक्ट्रेस, जिसकी नग्न लाश मिली:रेप कर चेहरे पर गोली मारी गई, साथ पड़ी थी कातिल की लाश, पति ने कर ली आत्महत्या

13 अगस्त 1980 की बात है हॉलीवुड की मशहूर एक्ट्रेस डोरोथी स्ट्रैटन अपनी शादी खत्म करना चाहती थीं। उस रोज वो पति से आखिरी बार बात करने पहुंची थीं। पति का रवैया डोरोथी के लिए बेहद बुरा रहा था। ऐसे में एक्ट्रेस के बिजनेस मैनेजर चाहते थे कि वो खुद उनके घर न जाकर अपने वकील के जरिए सेटलमेंट की बात करें, लेकिन वो चाहती थीं कि वो खुद पति से फाइनेंशियल सेटलमेंट की बात करें, क्योंकि वो जिंदगी भर उनके साथ दोस्ती का रिश्ता कायम रखना चाहती थीं। ऐसा इसलिए भी क्योंकि वो पॉल ही थे, जिन्होंने डोरोथी को एक डेयरी में देखने के बाद उनका परिचय ग्लैमर वर्ल्ड से करवाया था। लेकिन अफसोस ये आखिरी मुलाकात उनकी जिंदगी का आखिरी दिन बन गई। देर रात डोरोथी की नग्न लाश मिली। कभी खूबसूरती के लिए मशहूर डोरोथी के चेहरे पर गोली मारी गई थी। पास में उनके पति की लाश भी बिना कपड़ों के पड़ी हुई थी। यह खबर सुनने वाला हर शख्स सिहर उठा। यही वजह है कि डोरोथी की मौत को ग्लैमर वर्ल्ड के इतिहास में काला धब्बा कहा जाता है। अनसुनी दास्तान के 4 चैप्टर में पढ़िए डोरोथी की हत्या और उनके स्टारडम की कहानी, जिन पर दो फिल्में, एक सीरीज और कई गाने बन चुके हैं- प्लेबॉय मैगजीन के कवर पेज पर आकर हॉलीवुड में कदम रखने वालीं डोरोथी स्ट्रैटन ने अक्टूबर 1978 में प्रमोटर पॉल स्निडर से शादी की थी। पॉल ही वो शख्स थे, जिन्होंने गरीब परिवार में जन्मीं डोरोथी की ग्रूमिंग की और उन्हें प्लेबॉय मैगजीन में बतौर मॉडल डेब्यू करवाया था। शादी के बाद पब्लिश हुई प्लेबॉय मैगजीन के लिए डोरोथी स्ट्रैटन को ‘मिस अगस्त 1979’ का खिताब मिला था। उस समय मैगजीन पब्लिशर ह्यू हेफनर को डोरोथी में हॉलीवुड की उभरती हुई कलाकार दिखी। यही वजह रही कि वो उनके लिए टीवी शोज और फिल्मों के ऑफर लाते रहे। साल 1979 में ह्यू की मदद से डोरोथी ने टीवी सीरीज 'बक रोजर', 'फैंटेसी आइलैंड' और फिल्मों 'अमेरिकाथॉन', 'रोलर डिस्को' और 'स्केट टाउन' में भी छोटे-मोटे रोल किए। जहां एक तरफ पब्लिशर ह्यू हेफनर डोरोथी को हॉलीवुड में पहचान दिला रहे थे, वहीं उन्हें ये भी लगता था कि उन्हें पति पॉल से अलग हो जाना चाहिए। ह्यू को लगता था कि पॉल खुद पॉपुलर होने के लिए डोरोथी का इस्तेमाल कर रहे हैं। पॉल का रवैया भी डोरोथी के लिए बिगड़ता जा रहा था। वो खुद को डोरोथी का मैनेजर मानने लगे थे। वो अक्सर डोरोथी की शूटिंग के सेट पर पहुंचकर हंगामा खड़ा किया करते थे। कई रोक-टोक के अलावा वो उनके काम में अड़चनें पैदा करते थे। दोनों के सेट पर ही काफी झगड़े होते थे। इस बात के गवाह उनके साथ काम करने वाले लोग भी थे। वो डोरोथी के हर काम का क्रेडिट भी लिया करते थे। निजी जिंदगी की दिक्कतों के बीच डोरोथी को करियर की पहली बिग बजट फिल्म 'दे ऑल लाफ्ड' मिली, जिसमें उनका लीड रोल था। इस फिल्म का डायरेक्शन पीटर बोगडोनोविच ने किया। फिल्म की शूटिंग न्यूयॉर्क में होनी थी। हर बार की तरह इस बार भी पति पॉल चाहते थे कि वो शूटिंग में डोरोथी के साथ ही रहें। हालांकि सेट पर अनचाहे झगड़ों के डर से डोरोथी ने पॉल से कहा कि सेट पर सिर्फ फिल्म से जुड़े लोगों को ही रहने की इजाजत है। इस बात पर दोनों की जमकर बहस हुई, लेकिन आखिरकार डोरोथी ने पॉल को न्यूयॉर्क न आने के लिए राजी कर लिया। न्यूयॉर्क में हुई फिल्म की शूटिंग के दौरान ये पहला मौका था, जब डोरोथी अपने साथी कलाकारों के साथ तालमेल बैठा सकी थीं। पहली बार उन्हें आजादी का अंदाजा हुआ था। महीनों तक चली शूटिंग के दौरान फिल्म के डायरेक्टर पीटर, डोरोथी को पसंद करने लगे। पीटर उनके साथ बेहद इज्जत से पेश आते थे, जबकि अपनी शादी में वो इसी इज्जत की कमी महसूस करती थीं। यही वजह रही कि समय के साथ वो भी पीटर को पसंद करने लगीं। शूटिंग खत्म करने के बाद डोरोथी अपने प्रमोशनल टूर में व्यस्त हो गईं, जिससे पॉल का गुस्सा बढ़ने लगा। वो अक्सर डोरोथी को कॉल कर बहस किया करते थे। झगड़ों से परेशान होकर डोरोथी ने पहली एनिवर्सरी के कुछ समय बाद ही एक खत लिखकर अलग होने की मांग कर दी। पॉल, डोरोथी की कमाई पर ही निर्भर थे, ऐसे में इस खत से आगबबूला होकर उन्होंने डोरोथी के साथ बनाए हुए जॉइंट अकाउंट से सारे पैसे निकाल लिए। जबकि अकाउंट में बड़ा हिस्सा डोरोथी की फिल्मों की कमाई का ही थी। इतना ही नहीं पॉल ने अपनी एक्स गर्लफ्रेंड से भी अफेयर शुरू कर दिया। वो इतने पर भी नहीं रुके और उन्होंने डोरोथी के अफेयर के सबूत जुटाने के लिए एक प्राइवेट डिटेक्टिव भी हायर कर लिया। पॉल, पत्नी की लग्जरी जैगुआर के अलावा उनका सामान बेचने लगे। पॉल से तलाक लेने का फैसला कर चुकीं डोरोथी जुलाई 1980 में पीटर के साथ उनके बेवर्ली हिल एरिया के मेंशन में रहने लगीं। पॉल को ये बात इतनी नागवार लगी कि वो हैंड गन लेकर उनके घर पहुंच गए। उन्होंने सिरफिरेपन की सारी हदें पार कर ये इरादा कर लिया कि वो डोरोथी या वहां नजर आने वाले शख्स का कत्ल कर देंगे, लेकिन खुशकिस्मती से वहां कोई नहीं था। गुस्से में पॉल होश खो बैठे और आत्महत्या करने निकल गए। उन्होंने ये कदम उठाने से पहले दोस्त से बात की, जिसने मौका भांपते हुए उन्हें रोक लिया। दोनों के रिश्ते में सुलह की कोई गुंजाइश नहीं थी, इसके बावजूद पॉल से डोरोथी का किसी और के साथ रहना बर्दाश्त नहीं हो रहा था। डोरोथी ने जब तलाक पर बात करने के लिए पॉल को मिलने बुलाया तो उन्हें उम्मीद थी कि वो अपनी शादीशुदा जिंदगी बचा लेंगे, लेकिन हुआ इसका उलटा। मुलाकात के दौरान डोरोथी ने बताया कि वो पीटर से प्यार करती हैं और भविष्य में उन्हीं के साथ रहेंगी। वो अपना तलाक का फैसला नहीं बदलेंगी। पॉल टूट चुके थे, लेकिन इसके बावजूद वो अपने खर्चों के लिए फिक्रमंद थे। उन्होंने कहा कि वो डोरोथी से फाइनेंशियल सेटलमेंट के लिए एक आखिरी मुलाकात करना चाहते हैं, जिसके लिए डोरोथी भी राजी हो गईं। ये आखिरी मुलाकात 14 अगस्त 1980 को हुई। दोनों ने इस मुलाकात के लिए लॉस एंजिलिस का किराए का वो घर चुना, जहां वो कभी साथ रहा करते थे। हालांकि डोरोथी के जाने के बाद पॉल इस घर में अपने दो दोस्तों के साथ रह रहे थे। जब दोपहर को डोरोथी घर पहुंचीं, तो पॉल के दोनों रूममेट उन्हें प्राइवेसी देने के लिए घर से निकल गए। वो दोनों पूरी कहानी जानते थे। डोरोथी काफी देर तक घर के लिविंग रूम में बैठी रहीं। उनके पास काम के सिलसिले में लगातार बिजनेस मैनेजर की कॉल आ रही थी। वो लिविंग रूम में ही फोन पर बात करती रहीं और पॉल उनके फ्री होने का इंतजार कर रहे थे। डोरोथी के बिजनेस मैनेजर ने उन्हें सलाह दी कि उनका ज्यादा देर तक पॉल के साथ रुकना ठीक नहीं होगा। मैनेजर ने उनसे कहा कि आप वहां से निकल जाइए, नेगोशिएशन की रकम और जरूरी कागजात वकील के साथ भिजवा दिए जाएंगे। हालांकि डोरोथी ने जवाब में कहा कि वो पैसों की बात पर्सनली पॉल से करेंगी क्योंकि वो उनके साथ अच्छा बर्ताव करते हैं और वो तलाक के बाद भी उनके साथ दोस्ती रखना चाहती हैं। कुछ घंटों बाद रात करीब 8 बजे पॉल के दोनों रूममेट घर लौटे। उन्होंने देखा कि डोरोथी की कार अब भी बाहर खड़ी थी। वो अंदर दाखिल हुए तो देखा कि बेडरूम का दरवाजा बंद था। उन्हें लगा कि शायद दोनों के बीच सुलह हो गई होगी और दोनों बेडरूम में क्वालिटी टाइम स्पेंड कर रहे होंगे। यही वजह थी कि उन्होंने कपल को डिस्टर्ब करने के बजाय लिविंग रूम में ही उनका इंतजार करना बेहतर समझा। काफी समय बीत गया, लेकिन दोनों कमरे से बाहर नहीं निकले। अब 11 बजने को आए, लेकिन दरवाजा अब भी बंद था। दोनों रूममेट फिक्रमंद थे कि अचानक उनके पास पॉल के प्राइवेट डिटेक्टिव की कॉल आई। डिटेक्टिव ने कहा कि वो काफी देर से पॉल को कॉल कर रहे हैं, लेकिन वो कॉल का जवाब नहीं दे रहे। हालात संदिग्ध लगने पर उन्होंने बेडरूम में जाने का फैसला किया। जैसे ही दरवाजा खोला तो मंजर डरावना था। डोरोथी और पॉल की नग्न लाशें जमीन पर पड़ी थीं। कमरा खून से लथपथ था और दोनों के शरीर पर गनशॉट के निशान थे। दोनों ने तुरंत प्राइवेट डिटेक्टिव और पुलिस को इसकी जानकारी दी। पुलिस ने इस हाईप्रोफाइल केस की तत्काल जांच शुरू कर दी। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के अनुसार डोरोथी की हत्या से ठीक पहले उनके साथ जबरदस्ती शारीरिक संबंध बनाए गए थे। उनकी हत्या दोपहर में उनके घर पहुंचने के 1 घंटे बाद ही हो चुकी थी और इसके ठीक एक घंटे बाद पॉल की मौत हुई थी। डोरोथी की हत्या करने वाला कोई और नहीं बल्कि पॉल ही था। पुलिस थ्योरी के अनुसार, उसने डोरोथी को तलाक का फैसला वापस लेने के लिए मनाया होगा, जब वो नहीं मानीं तो उसने उनका रेप किया। पहले पॉल ने उनके चेहरे पर गोली मारी और फिर खुद भी आत्महत्या कर ली। इस मुलाकात के एक दिन पहले ही उसने एक सेकेंड हैंड गन खरीदी थी। जांच में ये भी सामने आया कि उस रोज डोरोथी, पॉल को एक बड़ी अमाउंट देना चाहती थीं, जिसके लिए वो अपने हैंडबैग में 1100 डॉलर लेकर आई थीं, लेकिन अफसोस कि इससे पहले ही उनकी हत्या हो गई। 28 फरवरी 1960 को डोरोथी स्ट्रैटन का जन्म ब्रिटिश कोलंबिया के कनाडा में हुआ था। गरीब परिवार में पली-बढ़ीं डोरोथी अक्सर स्कूल से समय निकालकर पिता की डेयरी में पार्ट-टाइम काम किया करती थीं। डोरोथी महज 19 साल की थीं, जब एक दिन डेयरी में काम करते हुए उनकी मुलाकात 26 साल के पॉल स्निडर से हुई। पॉल एक रईस क्लब प्रमोटर था, जो पहली नजर में ही डोरोथी का हुनर भांप गया। उसने डेयरी में ही डोरोथी को मॉडलिंग का ऑफर दे दिया। उस समय डोरोथी मॉडलिंग के लिए तो तैयार नहीं थीं, लेकिन काम के सिलसिले में आगे कई बार हुई बातचीत से दोनों एक-दूसरे के करीब आ गए। जिस समय दोनों रिलेशनशिप में थे, उस समय पॉल प्लेमैट मैगजीन और कई मॉडलिंग कंपनियों से जुड़े हुए थे। वो अक्सर डोरोथी को मॉडलिंग प्रोजेक्ट ऑफर करते थे। वो जताने लगे थे कि मॉडलिंग में डोरोथी बड़ा नाम कर सकती हैं। इसी संभावना के साथ एक रोज उन्होंने डोरोथी को न्यूड प्रोफेशनल फोटोशूट के लिए राजी कर लिया। उस समय डोरोथी महज 19 साल की थीं, ऐसे में मॉडलिंग कॉन्ट्रैक्ट के लिए उनकी मां से इजाजत लेनी पड़ी। उन्होंने ही मॉडलिंग कॉन्ट्रैक्ट में डोरोथी की जगह साइन किए थे। देखने में बेहद खूबसूरत डोरोथी की तस्वीरें जब उस जमाने की बोल्ड, लेकिन सबसे मशहूर प्लेबॉय मैगजीन के लिए भेजी गई, तो उन्हें सिलेक्ट होने में ज्यादा समय नहीं लगा। उन्हें तुरंत लॉस एंजिलिस से प्लेबॉय मैगजीन में प्लेमेट (प्लेबॉय मैगजीन की फीमेल मॉडल) बनने का ऑफर मिल गया। गरीब परिवार से ताल्लुक रखने वालीं डोरोथी के पास इतनी बड़ी रकम नहीं थी, जिससे वो लॉस एंजिलिस पहुंच सकें, ऐसे में उनके बॉयफ्रेंड पॉल ने ही उनके खर्च और ग्रूमिंग की जिम्मेदारी ली। उन्होंने डोरोथी के लिए कपड़े खरीदे और फ्लाइट के टिकट बुक करवाए। ये डोरोथी की पहली हवाई यात्रा थी।

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Medieval derelict ship found in Barcelona

The remains of a 500-year-old ship have been unearthed in downtown Barcelona. Its construction style, known as skeleton construction, dates it to the 15th or 16th century. Despite...

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BBC licence fee 'unenforceable', says culture secretary

Lisa Nandy tells the Telegraph "no options are off the table" when it comes to its review into the broadcaster's charter. from BBC News https://ift.tt/cAOoMSB ...

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Gregg Wallace defends himself against allegations

Wallace stepped away from presenting MasterChef last November in the wake of the claims against him. from BBC News https://ift.tt/t4YD1ca ...

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Laurence Fox denies sharing upskirting image of TV star

Fox is alleged to have posted an intimate photograph on X of the broadcaster without her consent in 2024. from BBC News https://ift.tt/3e41mh9 ...

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Fox is alleged to have posted an intimate photograph on X of the broadcaster without her consent in 2024. from BBC News https://ift.tt/gMKyZXs ...

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The Merovingians: ‘Do-Nothing Kings’?

The Merovingians: ‘Do-Nothing Kings’? JamesHoare Fri, 04/25/2025 - 09:26 * This article was originally published here ...

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Yungblud on keeping fans safe, and his 'shirt off era'

The star says he is 'reclaiming sexiness' after poor self-esteem led to an eating disorder. from BBC News https://ift.tt/3Xlr5LM ...

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Grande dame hangs up her ballet shoes aged 89

Some of Sheena Gough's students travelled hundreds of miles for her classes in Edinburgh. from BBC News https://ift.tt/ALyVBlY ...

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Some of Sheena Gough's students travelled hundreds of miles for her classes in Edinburgh. from BBC News https://ift.tt/cNiQYCS ...

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What was the Industrial Revolution?

What was the Industrial Revolution? JamesHoare Thu, 04/24/2025 - 09:22 * This article was originally published here ...

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पैपराजी पर फूटा सिद्धार्थ मल्होत्रा का गुस्सा:कहा- आप लोग ठीक से व्यवहार करें, पीछे हटें, यूजर बोले- बिल्कुल सही किया

एक्ट्रेस कियारा आडवाणी जल्द ही मां बनने वाली हैं। उन्होंने और पति सिद्धार्थ मल्होत्रा ने नए मेहमान के स्वागत की तैयारियां भी शुरू कर दी हैं। बुधवार को सिद्धार्थ मल्होत्रा पत्नी कियारा के साथ मुंबई के एक अस्पताल के बाहर दिखे। उसी समय पैपराजी वहां पहुंच गए और आक्रामक तरीके से घेर कर उनकी तस्वीरें क्लिक करने लगे। सिद्धार्थ भड़क गए और पैपराजी को फोटो क्लिक करने से मना करते हुए वापस जाने को कहा। सोशल मीडिया पर यह वीडियो खूब वायरल हो रहा है। वीडियो में सिद्धार्थ मल्होत्रा पैपराजी को सख्त लहजे में चेतावनी देते कह रहे हैं, ‘आप लोग ठीक से व्यवहार करें। एक सेकेंड, पीछे हटें।' एक्टर के इस चेतावनी को सोशल मीडिया पर यूजर्स सही बता रहे हैं। एक यूजर ने लिखा- सिद्धार्थ ने बिल्कुल सही किया। दूसरे यूजर ने लिखा है- उनकी प्राइवेसी में दखल ना करें। तो वहीं तीसरे ने लिखा है- उन्होंने सही किया, मीडिया को लाइन क्रॉस नहीं करनी चाहिए। एक और यूजर ने लिखा है- ईमानदारी से कहूं तो, इस तरह से व्यवहार करना बंद करो और भगवान के लिए उन्हें थोड़ी गोपनीयता दो! वे क्लिनिक जा रहे हैं यार। सिद्धार्थ मल्होत्रा ने सफेद टी-शर्ट और ग्रे पैंट, टोपी और चेहरे पर मास्क पहना हुआ था। वहीं, कियारा ओवरसाइज पिंक शर्ट और बेज पैंट पहनी थी। उनका चेहरा भी मास्क से ढका हुआ था। सिद्धार्थ मल्होत्रा अपनी पत्नी को पूरी तरह से प्रोटेक्ट करते दिखें। शादी के ढाई साल बाद सिद्धार्थ-कियारा पहले बच्चे के पेरेंट्स बनने जा रहे हैं, और वो काफी एक्साइटेड हैं। 28 फरवरी को एक सोशल मीडिया पोस्ट में फैंस को गुड न्यूज दी थी। उन्होंने बेबी के सॉक्स की तस्वीरें इंस्टाग्राम पर शेयर की थी। साथ में लिखा था- हमारी जिंदगी का सबसे बड़ा गिफ्ट, जल्दी आ रहा है। वर्कफ्रंट की बात करें तो सिद्धार्थ मल्होत्रा, जान्हवी कपूर के साथ फिल्म ‘परम सुंदरी’ की शूटिंग कर रहे हैं। इसके अलावा ‘वीवीएएन - फोर्स ऑफ द फॉरेस्ट’ और ‘रेस 4’ में भी नजर आएंगे। वहीं, कियारा आडवाणी ने 'टॉक्सिक' और 'वॉर 2' की शूटिंग पूरी कर ली है।

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वरुण धवन @38: सिद्धार्थ मल्होत्रा से जलते थे:को-स्टार्स के साथ फ्लर्ट के आरोप, नरगिस संग किसिंग वीडियो वायरल, सलमान ने दी थी धमकी

डेविड धवन जैसे बड़े डायरेक्टर के बेटे होने के बावजूद वरुण धवन ने इंडस्ट्री में अपनी जगह खुद बनाई। कभी ट्रेन और ऑटो से कॉलेज जाने वाला ये लड़का साल 2012 में जब करण जौहर की फिल्म ‘स्टूडेंट ऑफ द ईयर’ से लॉन्च हुआ, तो रातों-रात स्टार बन गया। शुरुआती छह सालों में लगातार 11 हिट फिल्में देकर उन्होंने शाहरुख खान का रिकॉर्ड छू लिया, लेकिन साल 2019 में आई ‘कलंक’ के बाद उनका ग्राफ धीमा हो गया। दिलचस्प बात ये है कि वरुण आज तक कोई सुपरहिट फिल्म नहीं दे पाए हैं, फिर भी उनकी फैन फॉलोइंग बनी हुई है। कभी रेसलर बनने का सपना देखने वाले वरुण की जर्नी में मेहनत, इनसिक्योरिटी और रियल स्ट्रगल सब कुछ है। उनके करियर की कहानी फिल्मी तो है, लेकिन इसमें कई ऐसे पल भी हैं जो कम ही लोग जानते हैं। आइए जानते हैं वरुण धवन के 38वें जन्मदिन पर उनके करियर से जुड़ी कुछ खास बातें... छोटे से फ्लैट में रहे, ऑटो से करते थे ट्रैवलिंग वरुण धवन मशहूर निर्देशक डेविड धवन के बेटे हैं, लेकिन उनका बचपन किसी आलीशान बंगले में नहीं बीता, बल्कि वे अपने परिवार के साथ एक छोटे से फ्लैट में रहा करते थे। वरुण ने एक इंटरव्यू में बताया था, 'मेरे पिता जब कानपुर से मुंबई आए थे, तो हम एक बेडरूम वाले छोटे से फ्लैट में रहते थे क्योंकि पापा ने अपने करियर की शुरुआत निर्देशक के तौर पर की थी। उस समय किसी भी प्रोजेक्ट्स के लिए ज्यादा सैलरी नहीं मिलती थी। इसलिए हम सभी उस छोटे से फ्लैट में रहते थे। इन सब के बावजूद मुझे कभी गरीबी महसूस नहीं हुई, क्योंकि जिस तरह से माता-पिता ने मुझे पाला और मेरे बड़े भाई ने हमेशा सुरक्षित रखा, ऐसे में मुझे कभी यह एहसास ही नहीं हुआ कि मैं गरीब हूं। एक्टर नहीं रेसलर बनना चाहते थे वरुण, गोविंदा-सलमान हैं फेवरेट वरुण धवन ने अपने घर में फिल्मी माहौल देखा। उनके पिता डेविड धवन हिंदी सिनेमा के मशहूर डायरेक्टर हैं और बड़े भाई रोहित धवन भी फिल्म का निर्देशन करते हैं। ऐसे में वरुण के घर में अक्सर बॉलीवुड सितारों का आना-जाना लगा रहता है। लेकिन फिल्मी दुनिया से दूर वरुण का मन रेसलिंग में लगता था। वो WWE के दीवाने हैं और एक प्रोफेशनल रेसलर बनने का सपना देखा करते थे। मगर जैसे-जैसे वक्त बीता फिल्मों की दुनिया ने उन्हें अपनी ओर खींच लिया और फिर एक दिन वरुण ने रिंग की बजाय कैमरे का सामना करना शुरू कर दिया। वरुण बचपन से ही गोविंदा और सलमान खान के जबरदस्त फैन रहे हैं। उनके पिता डेविड धवन ने अपने करियर में गोविंदा के साथ लगभग 18 और सलमान के साथ करीब 8 सुपरहिट फिल्में बनाई हैं। ऐसे में वरुण ने भी इन सुपरस्टार्स के साथ समय बिताया है, जिस कारण ये उनके पसंदीदा एक्टर्स हैं। दिन में पढ़ाई और रात में पब में शराब सर्व करते थे वरुण मुंबई के स्कॉटिश स्कूल से अपनी स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद वरुण धवन आगे की पढ़ाई के लिए इंग्लैंड चले गए। वहां उन्होंने नॉटिंघम ट्रेंट यूनिवर्सिटी से बिजनेस मैनेजमेंट की पढ़ाई की। इस दौरान वह दिन में पढ़ाई करते थे और रात में लंदन के एक नाइटक्लब में पार्ट-टाइम शराब सर्व करते थे। इतना ही नहीं, कॉलेज में उन्होंने पर्चे (पैम्फलेट) तक बांटे, ताकि अपने एक्स्ट्रा खर्चों को उठा सकें। असिस्टेंट डायरेक्टर से शुरू किया फिल्मी सफर इंग्लैंड से पढ़ाई पूरी करने के बाद जब वरुण भारत लौटे, तो उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री में करियर बनाने का फैसला किया। इतने बड़े डायरेक्टर का बेटा होने के बावजूद उन्होंने अपने पिता से कोई मदद नहीं ली। उन्होंने खुद ही फिल्म मेकिंग की बारीकियां सीखीं और अपने दम पर आगे बढ़े। साल 2010 में वरुण धवन ने फिल्ममेकर करण जौहर के साथ फिल्म 'माई नेम इज खान' में असिस्टेंट डायरेक्टर के रूप में अपने करियर की शुरुआत की थी। एक इंटरव्यू में वरुण ने बताया था कि एक बार शूटिंग के दौरान किसी ने उनसे ऑटोग्राफ मांगा और उन्होंने दे दिया। इस वजह से उन्हें सेट से बाहर निकाल दिया गया था। बता दें कि इस फिल्म में शाहरुख खान और काजोल नजर आए थे। इसी फिल्म में सिद्धार्थ मल्होत्रा भी असिस्टेंट डायरेक्टर थे। पिता ने लॉन्च से किया इनकार, फिर करण की फिल्म से डेब्यू फिल्मों की बारीकियां सीखने के बाद वरुण धवन का सपना था कि वह फिल्मों में बतौर हीरो कदम रखें, लेकिन उनके पिता ने उन्हें खुद लॉन्च करने से इनकार कर दिया। एक इंटरव्यू में वरुण ने बताया था कि उनके पिता चाहते थे कि वह अपने बलबूते आगे बढ़ें और फिल्म इंडस्ट्री के संघर्ष को समझें। वरुण ने यह भी बताया था कि उनकी मां ने उनसे कहा था अगर तुम अपने पापा के भरोसे बैठे रहोगे, तो कुछ हासिल नहीं होगा, क्योंकि वो तुम्हें लॉन्च नहीं करेंगे। इसलिए खुद बाहर निकलो और ऑडिशन दो। इसके बाद वरुण ने सबसे पहले बैरी जॉन के एक्टिंग स्कूल में एडमिशन लिया। लगभग 10 महीने की ट्रेनिंग के बाद वरुण ने एक शॉर्ट फिल्म बनाई, जिसे उन्होंने करण जौहर को दिखाया। करण को उनका काम पसंद आया और उन्होंने वरुण को अपनी फिल्म 'स्टूडेंट ऑफ द ईयर' में कास्ट कर लिया। बता दें कि इसी फिल्म से आलिया भट्ट और सिद्धार्थ मल्होत्रा ने भी डेब्यू किया था। सिद्धार्थ मल्होत्रा से जलते थे वरुण फिल्म 'स्टूडेंट ऑफ द ईयर' से वरुण और सिद्धार्थ ने एक साथ बॉलीवुड में कदम रखा था, लेकिन कैमरे के पीछे वरुण के मन में कई सवाल थे। वे सिद्धार्थ की पर्सनैलिटी से जलने लगे थे। इतना ही नहीं वे काफी इनसिक्योर भी हो गए थे। एक इंटरव्यू में वरुण ने खुद इस बात का खुलासा किया था। उन्होंने कहा था कि सिद्धार्थ लंबा-चौड़ा था, स्मार्ट दिखता था और उसमें एक अलग ही कॉन्फिडेंस था। फिल्म में दो ही हीरो थे और तभी मेरे मन में डर बैठने लगा। मैं सोचने लगा कि कहीं ऐसा न हो कि लोग सिर्फ उसी को नोटिस करें और मैं कहीं भीड़ में खो न जाऊं… और मेरा सपना, कहीं सपना ही न रह जाए। शुरुआती दौर में दीं लगातार 11 हिट फिल्में, राजेश खन्ना से होने लगी तुलना वरुण धवन ने 2012 से 2018 तक अपने करियर के शुरुआती छह सालों में लगातार 11 हिट फिल्में दीं। इसी उपलब्धि के चलते उन्होंने शाहरुख खान के रिकॉर्ड की बराबरी कर ली थी। शाहरुख ने भी 2006 से 2015 के बीच 11 हिट फिल्में दी थीं। इतना ही नहीं, एक समय ऐसा भी आया जब वरुण की तुलना राजेश खन्ना से की जाने लगी। कहा जाने लगा था कि शायद वरुण लीजेंडरी एक्टर के रिकॉर्ड को भी तोड़ सकते हैं। हालांकि ऐसा हो नहीं सका। फिल्म 'कलंक' के फ्लॉप होने के बाद उनका करियर कुछ हद तक बैक फुट पर चला गया। बता दें कि राजेश खन्ना ने अपने करियर में लगातार 17 हिट फिल्में दी थीं, जो आज भी एक ऐतिहासिक रिकॉर्ड है। ‘कलंक’ बनी पहली फ्लॉप फिल्म, अब तक सुपरहिट की तलाश में वरुण धवन ने अपने 13 साल के करियर में अब तक 18 फिल्मों में काम किया है। 2019 में रिलीज हुई फिल्म कलंक उनके करियर की पहली फ्लॉप फिल्म साबित हुई। इसके बाद 2020 में आई 'स्ट्रीट डांसर 3डी' और 2024 आई फिल्म बेबी जॉन भी बुरी तरह फ्लॉप हुईं। इस दौरान वरुण की दो फिल्में, कुली नंबर 1 और बवाल OTT पर रिलीज हुईं, लेकिन ये दोनों भी दर्शकों की उम्मीदों पर खरी नहीं उतर सकीं और फ्लॉप रहीं। एक्शन फिल्म मांगने पर जवाब मिला- नहीं है बजट वरुण धवन ने एक बार आदित्य चोपड़ा से कहा था कि वह यंग टैलेंट के साथ एक्शन फिल्म क्यों नहीं बनाते और उन्हें फिल्म में कास्ट कर सकते हैं। इसके जवाब में आदित्य चोपड़ा ने वरुण से कहा था कि वह अभी उन पर बड़े बजट की फिल्म नहीं बना सकते, क्योंकि वह अभी उस पोजिशन पर नहीं हैं। को-स्टार से फ्लर्ट का लगा आरोप, नरगिस संग किस का वीडियो वायरल वरुण धवन और नर्गिस फाखरी फिल्म 'मैं तेरा हीरो' में साथ नजर आए थे। इस फिल्म का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसमें वरुण, नर्गिस के साथ एक इंटिमेट सीन शूट करते दिख रहे थे। वीडियो में डायरेक्टर लगातार कट-कट-कट कहते नजर आए थे, लेकिन इसके बावजूद वरुण एक्ट्रेस को किस करते रहते हैं। वीडियो सामने आने के बाद वरुण को सोशल मीडिया पर काफी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था। इसके अलावा वरुण पर कियारा आडवाणी और आलिया भट्ट के साथ फ्लर्ट करने के आरोप भी लग चुके हैं। हालांकि इस मामले में उन्होंने सफाई देते हुए कहा था कि वह सिर्फ अपनी को-स्टार्स के साथ मजाक करते हैं और उनका ऐसा कोई इरादा नहीं होता। आलिया भट्ट की बात करें तो एक लाइव इवेंट के दौरान वरुण ने उनके पेट को गलत तरीके से छुआ था, जिसके कारण उन्हें ऑनलाइन काफी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था। इस बारे में सफाई देते हुए उन्होंने कहा था कि मैंने यह मजाक में किया था। यह कोई छेड़खानी नहीं थी। हम दोस्त हैं। कटरीना के लिए बनाया था 'We Hate Katrina Kaif' क्लब कटरीना कैफ, अर्जुन कपूर और वरुण धवन की दोस्ती बॉलीवुड में दिलचस्प रही है। शुरुआत में अर्जुन और वरुण ने मजाक-मजाक में 'We Hate Katrina Kaif' क्लब बनाया, क्योंकि उन्हें लगता था कि कटरीना उनके साथ घुल-मिल नहीं रही थीं। बाद में दोनों ने अपनी गलतफहमी को दूर करते हुए 'I Love Katrina Kaif' क्लब शुरू किया। 4 बार रिजेक्ट होने के बाद नताशा दलाल से की शादी पर्सनल लाइफ में वरुण ने 24 जनवरी 2021 को अपने बचपन की दोस्त और लॉन्ग टाइम गर्लफ्रेंड नताशा दलाल से शादी की थी। वरुण और नताशा बचपन से ही क्लासमेट थे। वरुण ने एक इंटरव्यू में बताया था कि उन्हें 12वीं क्लास में बास्केटबॉल खेलते हुए नताशा के प्रति पहली बार प्यार महसूस हुआ था। उन्होंने नताशा को 4 बार प्रपोज किया, पर हर बार उनका प्रपोजल रिजेक्ट कर दिया गया। हालांकि वरुण की सच्ची मोहब्बत और कोशिशें देखकर नताशा मान गईं। दोनों ने 2021 में शादी कर ली। दोनों जल्द ही पेरेंट्स बनने वाले हैं। ------------ बॉलीवुड की यह खबर भी पढ़ें.. मनोज बाजपेयी @56, लव मैरिज के दो महीने बाद तलाक:पत्नी के साथ छोड़ने पर पहुंचा सदमा, करने वाले थे सुसाइड; दोस्तों ने बचाई जान बिहार के पश्चिमी चंपारण जिले के एक गांव बेलवा से निकलकर दिल्ली के रास्ते मुंबई पहुंचने और फिर मुंबई में टिके रहने की मनोज बाजपेयी की कहानी अपने आप में किसी फिल्म से कम नहीं है। पूरी खबर पढ़ें..

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Flintoff 'thought he had died' in Top Gear crash

Cricketer-turned-TV host Andrew "Freddie" Flintoff opens up about his car crash for the first time. from BBC News https://ift.tt/0c2lH9y ...

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Cricketer-turned-TV host Andrew "Freddie" Flintoff opens up about his car crash for the first time. from BBC News https://ift.tt/qjzCSVA ...

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‘Epic of the Earth’ by Edith Hall review

‘Epic of the Earth’ by Edith Hall review JamesHoare Wed, 04/23/2025 - 09:52 * This article was originally published here ...

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मनोज बाजपेयी @56, लव मैरिज के दो महीने बाद तलाक:पत्नी के साथ छोड़ने पर पहुंचा सदमा, करने वाले थे सुसाइड; दोस्तों ने बचाई जान

बिहार के पश्चिमी चंपारण जिले के एक गांव बेलवा से निकलकर दिल्ली के रास्ते मुंबई पहुंचने और फिर मुंबई में टिके रहने की मनोज बाजपेयी की कहानी अपने आप में किसी फिल्म से कम नहीं है। जितनी फिल्मी उनके एक्टर बनने की कहानी है, उतनी ही फिल्मी कहानी उनकी पहली पत्नी से मुलाकात और शादी की भी है। असफलता और निराशा भरी जीवन में सुसाइड के ख्याल आएं, तो दोस्तों ने बचा लिया। आज मनोज की गिनती मोस्ट टैलेंटेड और वर्सेटाइल एक्टर के रूप में होती है। उन्होंने तीन दशक के करियर में तमाम शानदार फिल्में की हैं और अपनी जबरदस्त अदाकारी से हर किसी का दिल जीता है। आज मनोज बाजपेयी अपना 56वां जन्मदिन मना रहे हैं। मनोज बाजपेयी के पिता पुणे फिल्म इंस्टीट्यूट में रिजेक्ट हो गए थे मनोज बाजपेयी के पिता राधाकांत भी अपने जमाने में एक्टर बनना चाहते थे। उन्होंने पुणे फिल्म इंस्टीट्यूट में दाखिले के लिए आवेदन दिया था, लेकिन रिजेक्ट हो गए। राधाकांत को फिल्में देखने का बहुत शौक था। जब भी कोई फिल्म रिलीज होती थी। फर्स्ट डे फर्स्ट शो देखने जाते थे। इतना ही नहीं, उन्होंने अपने कॉलेज के दिनों में कुछ समय के लिए 'फिल्म बाबू' के रूप में भी काम किया था। बता दें कि 'फिल्म बाबू' उसे कहते हैं जो डिस्ट्रीब्यूटर से फिल्म की रील का बॉक्स लेकर थिएटर तक पहुंचाता था। मनोज बाजपेयी के पिता राधाकांत पटना से रील का बॉक्स लेकर मुजफ्फरपुर पहुंचाते थे। खुद एक्टर नहीं बने, बेटे को डॉक्टर बनाना चाहा मनोज बाजपेयी के पिता चाहते थे कि वे डॉक्टर बने, लेकिन मनोज को तो बचपन से ही एक्टर बनना था। 12वीं पास करने के बाद घर से झूठ बोलकर दिल्ली आ गए कि उनको IAS की तैयारी करनी है। कुछ समय बाद उन्होंने पिता को खत लिख कर बता दिया कि वे एक्टर बनने दिल्ली आए हैं। उनके पिता ने जबाब दिया कि मैं तुम्हारा ही पिता हूं। मुझे पता है कि तुम एक्टर बनने ही गए हो। इसी के साथ उन्होंने मनोज बाजपेयी की आर्थिक मदद के लिए 200 रुपए का मनीऑर्डर भी भेजा था। कहीं ना कहीं वे मनोज में अपने सपने को पूरा होते देखना चाहते थे। NSD में रिजेक्ट हुए, थिएटर में नसीरुद्दीन शाह को टक्कर दिया नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा (NSD) ने मनोज को तीन बार ऑडिशन में रिजेक्ट कर दिया था। उन्होंने दिल्ली में ही एक्ट वन थिएटर ग्रुप जॉइन कर लिया। 90 के दशक में दिल्ली में एक्ट वन थिएटर ग्रुप बहुत ही लोकप्रिय था। दिल्ली के रंगमंच में मनोज बाजपेयी का बहुत बड़ा नाम हो गया। देखते ही देखते मनोज बाजपेयी दिल्ली की रंगमंच की दुनिया में काफी फेमस गए। उनको नसीरुद्दीन शाह के टक्कर का थिएटर आर्टिस्ट कहा जाता था। मनोज का एक नाटक ‘नेटुआ’ बहुत बड़ा हिट हुआ था। उस नाटक के बारे में लोगों का कहना था कि वैसा नाटक कई सालों से नहीं देखा गया था। मनोज ने कुछ नाटक डायरेक्ट की किया था, जिसमें अनुभव सिन्हा उनके असिस्टेंट थे। थिएटर में मिला पहला प्यार एक्ट वन थिएटर ग्रुप में ही मनोज की मुलाकात दिव्या नाम की एक लड़की से हुई। दिव्या उस समय दिल्ली में ग्रेजुएशन कर रही थीं। थिएटर की तरफ उनका भी झुकाव था। वह एक्ट वन थिएटर ग्रुप में रिहर्सल करने आती थीं। दिव्या बेहद खूबसूरत थीं और उनकी आवाज बहुत अच्छी थी। पहली ही नजर में मनोज को दिव्या से प्यार हो गया। दोनों की मुलाकातों का सिलसिला बढ़ता गया, बात शादी तक पहुंच गई। लड़की के घर वाले शादी के खिलाफ थे दिव्या दिल्ली की बड़े सम्पन्न घर की रहने वाली थीं। वहीं, मनोज स्ट्रगल कर रहे थे। उनकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी। इसलिए दिव्या के घर वाले नहीं चाहते थे कि दोनों की शादी हो। यहां तक की मनोज के परिवार वाले भी उस शादी से खुश नहीं थे। लड़की के घरवालों से मनोज को लगातार धमकियां मिल रही थीं, लेकिन उन्होंने उन धमकियों की परवाह नहीं की। पुलिस सुरक्षा के बीच मंदिर में शादी हुई पीयूष पांडे की मनोज बाजपेयी पर लिखी बायोग्राफी ‘कुछ पाने की जिद’ के मुताबिक एक्टर ने अपने एक दोस्त राजेश जोशी को सारी बात बताई। राजेश जोशी उस समय जनसत्ता में पत्रकार थे। मनोज ने राजेश जोशी से कहा, ‘मुझे लगातार धमकियां मिल रही हैं। आज लक्ष्मी नगर के एक मंदिर में शादी कर रहा हूं।’ राजेश जोशी ने स्थानीय पुलिस स्टेशन में बात करके मंदिर के बाहर दो पुलिस वाले तैनात करवा दिए। बिल्कुल फिल्मी तरीके से मनोज की पहली शादी हुई थी। शादी के दो महीने के बाद ही तलाक हो गया दिव्या के घर वालों को जिस बात का डर था। वहीं हुआ। मनोज की आर्थिक स्थित इतनी खराब थी कि पति-पत्नी का गुजरा बहुत मुश्किल से हो पाता था। कहीं ना कहीं दिव्या को भी इस बात का एहसास होने लगा था कि जल्दबाजी में उससे गलती हो गई। नतीजा यह निकला कि दो महीने के अंदर ही दिव्या ने मनोज से तलाक ले लिया। इस वजह से मनोज बहुत निराश हो गए थे। सुसाइड के बारे में सोचने लगे थे पत्नी से तलाक और एनएसडी में तीन बार रिजेक्ट होने से मनोज पूरी तरह से टूट गए थे। वो सुसाइड के काफी करीब पहुंच गए थे। यह चौंकाने वाला खुलासा मनोज ने एक इंटरव्यू के दौरान किया था। बैंडिट क्वीन से नहीं मिली पहचान थिएटर का बड़ा नाम होने के बाद मनोज जब मुंबई आए तो उनके पास काम नहीं था। मुंबई आने से पहले उन्होंने शेखर कपूर की फिल्म ‘बैंडिट क्वीन’ की थी। उस फिल्म में उनका ऐसा गेटअप था कि वे पहचान में नहीं आ रहे थे। दूसरी बात फिल्म में उनके ज्यादा डायलॉग नहीं थे। इसलिए लोगों ने उनको पहचाना नहीं। मुंबई में सौरभ शुक्ला साथ आठ बाई आठ के कमरे में रहें मुंबई पहुंचने के बाद मनोज ने अंधेरी के पास डीएन नगर में एक घर किराए पर लिया। उनके मुंबई पहुंचने के कुछ दिन बाद सौरभ शुक्ला आए। सौरभ शुक्ला ने पीयूष पांडे की किताब ‘कुछ पाने की जिद’ में कहा है- मुंबई में आठ बाई आठ का कमरा देखकर मुझे बड़ा झटका लगा। उसका किराया दो हजार रुपए था। जबकि दिल्ली के तिमारपुर में एक बड़े घर में रहता था, जिसका किराया सिर्फ 1200 रुपए था। मैं 25 हजार रुपए लेकर आया था। उसमें से 12 हजार रुपए मनोज को दे दिए। मनोज ने भी 12 हजार रुपए मिलाए और हमने पूरे साल का किराया एक साथ दे दिया। एक ही दिन में तीन जगह से निकाले गए दिल्ली से आकर मुंबई में अपनी जगह बना पाना मनोज के लिए आसान नहीं था। पीयूष पांडे की किताब में मनोज ने अपने संघर्ष के दिनों का किस्सा शेयर करते हुए कहा है- सारा दांव उल्टा पड़ रहा था। उन दिनों कास्टिंग डायरेक्टर्स नहीं थे। सहायक निर्देशकों से दोस्ती गांठा करते थे ताकि कुछ काम मिल सके। इसी तरह मुझे एक सीरियल मिला। शूटिंग पर पहले दिन मैंने जैसे ही पहला शॉट दिया तो कैमरे के सामने खड़े सारे लोग अचानक लापता हो गए। मेरे हिसाब से शॉट अच्छा था, लेकिन कोई बताने वाला नहीं था। थोड़ी देर बाद एक सहायक निर्देशक आया और बोला कि आप कास्ट्यूम रुम में जाकर कपड़े बदल लीजिए। मैडम को आपका काम पसंद नहीं आया। उसी दिन मनोज दूसरी जगह गए। वहां उनको दो दिन के बाद एक डॉक्यू ड्रामा के शूट पर जाना था। मनोज बाजपेयी कहते हैं- वहां पहुंचा तो देखा कि मेरी जगह कोई और शूट कर रहा है। बताया गया कि दूसरा एक्टर पसंद आ गया तो उसे ले लिया। जबकि वह शूटिंग दो दिन बाद होनी थी, लेकिन मुझे किसी ने बताना तक जरुरी नहीं समझा था। मैंने एक और बंदे को फोन किया, उसने भी मुझे एक रोल देने का वादा किया था। फोन किया तो उसने बताया कि उसे थोड़ा लंबा लड़का चाहिए था। इसलिए किसी दूसरे को ले लिया। इस तरह एक दिन में तीन जगह से मैं निकाला गया। सीरियल स्वाभिमान का ऑफर ठुकरा दिया था धारावाहिक ‘स्वाभिमान’ ने मुंबई में मनोज बाजपेयी के करियर की नींव रखी, लेकिन मनोज ने पहले इस सीरियल का ऑफर ठुकरा दिया था। मनोज ‘स्वाभिमान’ की कास्टिंग के लिए पहुंचे तो महेश भट्ट के सहायक निर्देशकों से बात हुई। मनोज बाजपेयी के करीबी दोस्त अशोक पुरंग कहते हैं- मनोज को रोल ठीक लगा, लेकिन उनको पैसे बहुत कम ऑफर किए गए थे। वे ऑफर ठुकराकर बाहर आ गए। जैसे ही बाहर आकर उन्होंने सारी बात बताई.। मैंने कहा कि भइया किराया देना है, बाकी जरुरतें भी हैं। इससे पहले मनोज कुछ जवाब देते, मैं दौड़कर अंदर गया और कास्टिंग डायरेक्टर को समझाया कि शायद मेरे दोस्त को कुछ समझने में गलती हुई है। हमें आधा घंटा दो। मैंने मनोज को समझाया बुझाया और फिर मनोज उस सीरियल में काम करने के लिए राजी हुए। शुरुआत में सिर्फ सिर्फ आठ-दस एपिसोड का काम मिला मनोज को ‘स्वाभिमान’ में पहले शुरुआत के सिर्फ आठ-दस एपिसोड का काम मिला था। बाद में उनके किरदार को बढ़ा दिया गया था। इस बात का खुलासा खुद महेश भट्ट ने ‘जीना इसी का नाम है’ के कार्यक्रम में किया था। मनोज को देखते ही महेश भट्ट ने गले लगा लिया था महेश भट्ट ने मनोज को पेजर पर मैसेज भेजा और फौरन मिलने को बुलाया। मनोज को पहले तो विश्वास नहीं हुआ कि महेश भट्ट ने ही उन्हें मैसेज भेजा है। यकीन होने के बाद डरते सहमते वे फिल्मिस्तान स्टूडियो पहुंचे। वहां पर महेश भट्ट फिल्म ‘चाहत’ की शूटिंग शाहरुख के साथ कर रहे थे। मनोज को देखते ही महेश भट्ट ने गले लगा लिया। महेश भट्ट ने कहा था शहर छोड़कर मत जाना मनोज बाजपेयी ने अनुपम खेर के शो ‘कुछ भी हो सकता है’ में उस वाक्ये का जिक्र करते हुए कहा था कि महेश भट्ट उठे और सबसे बोले- ये आदमी बहुत बड़ा एक्टर है। फिर, उन्होंने मुझसे कहा कि तुम्हारा चेहरा देखकर लग रहा है कि तुम यह शहर छोड़कर जाने वाले हो। ये शहर मत छोड़ना। ये शहर तुम्हें बहुत कुछ देगा। मनोज को देखते ही राम गोपाल वर्मा सीट से खड़े हो गए मनोज बाजपेयी का जब फिल्म ‘दौड़’ के लिए राम गोपाल वर्मा ऑडिशन ले रहे थे। तब रामू को पता चला कि उन्होंने शेखर कपूर की फिल्म ‘बैंडिट क्वीन’ की है। रामू अपने सीट से खड़े हो गए और बताया कि उन्होंने फिल्म चार बार देखी है। उनको पिछले तीन वर्षों से ढूंढ रहे हैं। किसी ने उनके बारे में कुछ बताया नहीं। राम गोपाल वर्मा ने काम देने मना कर दिया राम गोपाल वर्मा ने मनोज बाजपेयी को फिल्म ‘दौड़’ में काम देने से मना कर दिया। उन्होंने कहा कि उनके लिए दूसरी फिल्म सोची है, लेकिन उस समय मनोज को काम और पैसे की बहुत जरूरत थी। मनोज ने रामू को किसी तरह से कन्वेंस करके ‘दौड़’ में काम कर लिया और इस फिल्म के लिए उन्हें 35 हजार रुपए मिले थे। ‘सत्या’ ने रातों रात किस्मत बदल दी दरअसल, राम गोपाल वर्मा ने मनोज बाजपेयी के लिए फिल्म ‘सत्या’ में बहुत खास रोल सोचा था। इसलिए वो नहीं चाहते थे कि मनोज ‘दौड़’ में छोटा सा रोल करें। बहरहाल, ‘सत्या’ के बाद मनोज बाजपेयी ने ना सिर्फ बॉलीवुड में बड़ी तेजी से दस्तक दी, बल्कि उनकी लाइफ में भी एक लड़की नेहा ने दस्तक दी। नेहा की सादगी पर मनोज का दिल आ गया मनोज बाजपेयी की फिल्म ‘सत्या’ 3 जुलाई 1998 और नेहा (शबाना रजा) की फिल्म ‘करीब’ 17 जुलाई को हुई थी। उसी साल पहली बार दोनों की मुलाकात एक पार्टी में हुई थी। हंसल मेहता ने अपने टीवी शो के 100 एपिसोड पूरे होने मुंबई के सन एंड सन होटल में पार्टी दी थी। पार्टी में मनोज, रेखा भारद्वाज को ड्रॉप करने पहुंचे थे और नेहा डायरेक्टर रजत मुखर्जी से मिलने गई थीं। नेहा की फिल्म ‘करीब’ फ्लॉप हो गई थी। उस समय वो थोड़ा डिप्रेशन में थी। बिना मेकअप के, बालों में तेल और आंखों पर चश्मा लगाए पार्टी में पहुंच गईं। नेहा की इसी सादगी पर मनोज का दिल आ गया। मनोज और नेहा ने आठ साल तक डेट करने के बाद 2006 में शादी कर ली। मनोज बाजपेयी का आर्ब्जवेशन गजब का है _______________________________________________ बॉलीवुड की ये स्टोरी भी पढ़ें .. पूनम ढिल्लों @63, सलमान खान पर क्रश:पति को सबक सिखाने के लिए एक्स्ट्रामैरिटल अफेयर, शादी से उठा भरोसा तो नहीं की दूसरी शादी 80 के दशक की सबसे खूबसूरत एक्ट्रेस पूनम ढिल्लों आज 63 साल की हो गई हैं। बॉलीवुड में कदम रखने से पहले पूनम ने साल 1977 में मिस इंडिया यंग का खिताब अपने नाम कर लिया था। पूरी खबर पढ़ें..

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Welsh National Opera musicians accept jobs deal

It comes after WNO said it would consider making the orchestra part time and cut musicians' pay. from BBC News https://ift.tt/CWGMvoF ...

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पहले ही ऑडिशन में शाहरुख की फिल्म मिली:आलिया कुरैशी ने शेयर किए किंग खान के किस्से, बोलीं- उन्होंने बहुत प्यार और इज्जत दी

शाहरुख खान के साथ काम करना हर एक्टर का सपना होता है। सिंगर, एक्टर आलिया कुरैशी को अपने पहले ब्रेक में ही किंग खान के साथ काम करने का मौका मिला। एटली और शाहरुख की ब्लॉकबस्टर फिल्म ‘जवान’ में आलिया ने दमदार रोल निभाया था। एक्ट्रेस अपने फैंस के बीच झल्ली निकनेम से फेमस हैं। आलिया ने अपनी एक्टिंग जर्नी और बॉलीवुड में हुए अपने अनुभवों को लेकर दैनिक भास्कर से खास बातचीत की है। आपने फिल्म 'जवान' का ऑडिशन कैसे क्रैक किया। हमें प्रोसेस बताइए। जब मैंने तय किया कि एक्टिंग पर फोकस करना है फिर मैंने अपने दस साल पुराने कॉटैक्ट निकालने शुरू किए। उनमें से कुछ कास्टिंग डायरेक्टर्स तो उस वक्त कास्टिंग भी नहीं कर रहे थे। मैंने सबको बताया कि मैं इंडिया वापस आ गई हूं। एक्टिंग करना चाहती हूं, आपके पास कोई ऑडिशन हो तो प्लीज मुझे बताइए। मुझे छोटा-बड़ा कोई भी रोल चलेगा। इस तरह मुझे शाहरुख सर की फिल्म 'जवान' का ऑडिशन मिला। मैंने ऑडिशन दिया और एक हफ्ते बाद ही मुझे कॉल आ गया। जब मुझे फोन पर कहा गया कि आप सेलेक्ट हो गई हैं, तो यकीन ही नहीं हुआ। मुझे लगा कि चलो एक और ऑडिशन के लिए सेलेक्ट हो गई। मैंने उनसे कंफर्म किया तो उन्होंने कहा कि ऑडिशन नहीं मैं फिल्म के लिए सेलेक्ट हो गई हूं। शाहरुख खान से पहली मुलाकात के बारे में बताइए। मैं फिल्म के लिए सेलेक्ट हो गई थी, फिर मुझे यकीन नहीं हो रहा था कि मैं शाहरुख सर के साथ काम करने वाली हूं। मेरे दिमाग चल रहा था कि जब तक मैं सेट पर उनके साथ शूट न शुरू कर दूं, मैं नहीं मना सकती। जब मैं पहले दिन उनसे सेट पर मिली तो ऐसा बिल्कुल नहीं लगा कि वो स्टार हैं और मैं न्यू कमर। वो बहुत ही लविंग पॉजिटिव और गर्मजोशी से मिलने वाले इंसान हैं। उन्होंने हम छह लड़कियों को सेट पर बहुत इज्जत दी। हमें प्यार से गले लगाया। मैंने जब उनसे कहा कि सर मैं आपके साथ काम करने के लिए बहुत उत्साहित हूं। इसके जवाब में उन्होंने कहा कि मेरे से ज्यादा एक्साइटेड नहीं होंगी। वो हमेशा लोगों को कंफर्टेबल फील कराने की कोशिश करते हैं। ‘जवान‘ में उनके साथ मेरा पहला सीन मेट्रो वाला था, जिसमें वो वॉकी-टॉकी से नयनतारा के साथ बात करते हैं। शूट के दौरान शाहरुख सर ने हमारे लिए थिएटर बुक किया मेरे पास शाहरुख सर की अच्छाई के कई किस्से हैं। जब ‘जवान‘ रिलीज हुई तो हम सारी लड़कियों ने प्लान बनाया कि घरवालों को लेकर थिएटर फिल्म देखने जाएंगे। लेकिन हमें टिकट नहीं मिली। सारी टिकटें सोल्ड आउट थीं। फिर हमने रेड चिली प्रोडक्शन हाउस से टिकट के लिए बोला तो उन्होंने हमें टिकट अवेलबल कराएं। वैसे ही जब हम सब चेन्नई में शूट कर रहे थे, उसी वक्त ‘ब्रह्मास्त्र’ रिलीज हुई थी। उस फिल्म में ‘जवान’ की एक को स्टार और शाहरुख सर दोनों ने काम किया था। उन्होंने हम सबके लिए पीवीआर बुक किया ताकि हम सब फिल्म देख सके। वहां पर हमें पूरा वीआईपी ट्रीटमेंट मिला। वो पीवीआर में हमारे साथ बैठकर फिल्म देख रहे थे। उनके बेटे आर्यन और अबराम भी मौजूद थे। शाहरुख सर बहुत कमाल के इंसान हैं। आपने ‘बंदिश बैंडिट्स-2’ में किया है। आपके रोल को काफी अच्छा रिस्पॉस मिला। इसके बारे में बताइए। मुझे अमेजन प्राइम की सीरीज ‘बंदिश बैंडिट्स-2’ ऑडिशन कॉल व्हाट्सएप्प के जरिए मिला था। मैंने जब ‘बंदिश बैंडिट्स-2’ का ऑडिशन स्क्रिप्ट पढ़ी तो मुझे लगा ये मैं ही हूं। मैंने इसमें अनन्या का किरदार निभाया है। मैं तुरंत ही इस किरदार से जुड़ाव महसूस करने लगी। मुझे रोल के बारे में बताते हुए समझाया गया था कि ऐसा नहीं लगना चाहिए कि अनन्या घंमडी है। अनन्या का किरदार होशियार है लेकिन उसके अंदर लोगों के लेकर एम्पेथी है। मैं असल जिंदगी में बिल्कुल अनन्या की जैसी हूं। हां, अनन्या की फैमिली से मेरी फैमिली थोड़ी अलग है। ये सीरीज मेरे लिए बेहद खास है। मैंने इसमें एक्टिंग के साथ गाना भी गाया है। मैं सीरीज के एक सीन के लिए डब करने गई थी। उसी दौरान मैं गाने के को राइटर सोमेल से मिली। म्यूजिक पर हमारी बातचीत हुई। उन्होंने मुझे पूछा कि मैंने म्यूजिक में अब तक क्या किया है। फिर मैंने स्पॉटिफाई पर मौजूद मेरे गाने भेजे। उन्हें वो बहुत पसंद आए। उन्होंने फिर डायरेक्टर आनंद तिवारी सर को बताया कि आलिया बहुत बढ़िया लिरिक्स लिखती है। आनंद सर का मुझे कॉल आया और उन्होंने मुझसे पूछा कि क्या तुम गाना गाओगी? इस तरह सीरीज का 'यू एंड आई' गाना बना। फिल्म 'नादानियां' के रिव्यू और ट्रोलिंग को आप कैसे देखती हैं? मेरा इब्राहिम अली और खुशी कपूर के साथ काम करने का एक्सपीरियंस अच्छा रहा है। हम सब एक ही एज ग्रुप के हैं। आपके सवाल पर कहूंगी कि लोग भूल जाते हैं कि वो भी इंसान ही हैं। स्टार किड्स की अपनी चुनौतियां होती हैं। नेपोटिज्म वाली क्रिटिसिज्म मैं समझती हूं लेकिन ये उनकी गलती नहीं है कि वो स्टार किड्स हैं। नेपोटिज्म हर इंडस्ट्री में है। स्टार किड्स 80-90 के दौर में भी आते थे। लेकिन लोगों को इतना एहसास नहीं था या उस वक्त सोशल मीडिया नहीं था। लोग फीडबैक नहीं दे सकते थे। हिंदी फिल्म इंडस्ट्री की ऐसी क्या बात है जो आपको फिट नहीं लगती है। उसमें बदलाव होना चाहिए? देखिए मुझे इस इंडस्ट्री में काम भी करना है, तो मैं ज्यादा नहीं बोलूंगी। मुझे लगता है कि प्रोड्यूसर को अच्छे स्क्रिप्ट पर ज्यादा भरोसा करना चाहिए। नए टैलेंट को बतौर लीड ज्यादा मौका देना चाहिए। एक बेहद जरूरी चीज, वेस्ट की इंडस्ट्री में यूनियन होता है। इस वजह से वहां के एक्टर्स इतना पैसा कमा लेते हैं कि जिंदगी ढंग से निकल जाए। हमारे यहां ऐसा कुछ नहीं है। यहां एक्टर्स का बहुत ही शोषण होता है। कोई उनके पैसे हड़प लेता है। कभी ढंग से फीस भी नहीं मिलती है। मुझे लगता है यहां भी यूनियन होना चाहिए। हालांकि, मेरा ये भी मानना है कि ये हमारी इंडस्ट्री में कभी नहीं बन पाएगा। अगर बना भी तो उसमें सालों लग जाएंगे। आपके करियर में अब तक सबसे चैलेंजिंग प्वाइंट क्या रहा है? 'जवान' से पहले जब मुझे कोई काम नहीं मिला रहा था, वो फेज काफी चैलेंजिंग था। मैं खुद से सवाल करती थी कि क्या मैं सही इंडस्ट्री में हूं। काम मिलेगा या नहीं इस डर के साथ मुझे हर रोज नहीं जीना है। काम मिल भी जाए तो ये डर रहता है कि रोल कट न जाए। जवान के समय ऐसा हुआ, उसके बाद से मैं इस बात की आदी हो गई हूं। मैं मान कर चलती हूं कि अगर मैं लीड रोल नहीं हूं तो मेरा आधा रोल कट जाना है। शुक्र है कि अभी सब सही जा रहा है। बहुत सारा ऑडिशन चल रहा है। उम्मीद है, जल्द किसी अच्छे प्रोजेक्ट में आप सबको दिखूंगी। आलिया से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें... शाहरुख की 'जवान' में नजर आ चुकीं हैं आलिया कुरैशी:म्यूजिक और एक्टिंग दोनों में दिखा रहीं अपना दम, कभी सेट पर हुई थी बदसलूकी एक्ट्रेस और सिंगर आलिया कुरैशी इंडस्ट्री की उभरती कलाकार हैं। अमेजन प्राइम की सीरीज ‘बंदिश बैंडिट्स-2’ में एक्ट्रेस ने अपनी एक्टिंग से सबका ध्यान खींचा। इससे पहले वो शाहरुख खान की फिल्म ‘जवान’ में नजर आ चुकी हैं। पूरी खबर पढ़ें...

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I felt BBC wanted me to leave Match of the Day, says Gary Lineker

The presenter is stepping down from the football show, but will still host World Cup and FA Cup coverage. from BBC News https://ift.tt/ohwSv3V ...

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I felt BBC wanted me to leave Match of the Day, says Gary Lineker

The presenter is stepping down from the football show, but will still host World Cup and FA Cup coverage. from BBC News https://ift.tt/ftn0cqm ...

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Ramesses III cartouche found in Jordan

Archaeologists have discovered an inscription containing the royal cartouche of 20th dynasty Pharaoh Ramesses III (1186–1155 B.C.) in southern Jordan. This is the first inscription of an Egyptian...

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फिल्म ‘पायर' में दिखेगा पलायन का दर्द:विनोद कापड़ी के निर्देशन में बनी है फिल्म; डायरेक्टर को जंगल में लकड़ी काटते मिली एक्ट्रेस

फिल्ममेकर और जर्नलिस्ट रहे विनोद कापड़ी की फिल्म पायर ने इमेजिन इंडिया फेस्टिवल में 6 नॉमिनेशन हासिल किए हैं। फिल्म के डायरेक्टर विनोद से फिल्म की प्रेरणा, कलाकारों का सेलेक्शन और फेस्टिवल के एक्सपीरयंस को लेकर बातचीत हुई…. इस फिल्म का विचार कैसे आया? मैं उत्तराखंड का रहने वाला हूं, उत्तराखंड में पलायन और खाली होते गांवों को देखकर दुख होता है। जब भी गांव जाता था ऐसी स्थिति को देखता था। ये चीजें मुझे बहुत परेशान करती थीं, तो एक बार जब मैं 2017 में घर गया तो पहाड़ों पर एक बुजुर्ग आदमी मिला, जिनकी परेशानी थी कि उनकी बीमार पत्नी को नीचे ले जाने के लिए लोग नहीं बचे। तो मैंने कहा कि आप कितने दिन तक इनको ऐसे लेकर जाते हैं तो बोले अभी कुछ लोग यहां पर हैं जो मेरी मदद कर देते हैं और बदले में मैं उनको अपनी बकरी दे देता हूं। उनके पास 20-25 बकरियां थीं। मैंने पूछा कि अब जिस दिन बकरियां खत्म हो जाएंगी उस दिन क्या करेंगे? तो उन्होंने कहा कि बकरियां खत्म होने से पहले तो हम खत्म हो जाएंगे। जब उन्होंने ऐसा बोला तो मुझे उनकी कहानी बहुत प्रभावित कर गई। मुझे लगा कि एक बुजुर्ग दंपति को केंद्र में रख करके एक कहानी कही जा सकती है। जिसमें पहाड़ का दर्द दिखाया जा सके। फिल्म पायर में आपने किसी प्रोफेशनल आर्टिस्ट को कास्ट क्यों नहीं किया? मैंने गांव के लोगों को ही कलाकार के रूप में लेने का फैसला किया। गांव में अब भी कई लोग हैं जो पहाड़ में रह गए हैं, वो सब अपने आपको हिमालय की संतान बोलते हैं और कहते हैं कि हम यह जगह छोड़ कर नहीं जाएंगे। इसलिए मैंने सोचा कि इस कहानी को कहा जाए और सबसे अहम बात जो मुझे लगी इसे गांव के लोगों के जरिए ही कहना चाहिए। इसमें किसी प्रोफेशनल एक्टर्स को नहीं लेना चाहिए और तब फिर मैंने गांव के दो बुजुर्गों को इसमें कास्ट किया। फिल्म में बुजुर्ग दंपति से एक्टिंग करवाना कितना मुश्किल रहा? कलाकारों को ढूंढना काफी मुश्किल काम था, इसमें ढाई महीने लग गए थे। फिल्म की एक्ट्रेस हीरा देवी तो जंगल में लकड़ी काटते हुए मिलीं। पुरुषों को ढूंढना फिर भी आसान था, क्योंकि वे खेतों में या ताश खेलते हुए मिल जाते थे। महिलाओं को ढूंढने में कठिनाई हुई, क्योंकि वे सुबह के बाद पूरे दिन जंगल में बकरियां चराने और घास-लकड़ी लाने जाती थीं। फिल्म के लिए हमें 70 साल से अधिक उम्र की महिला कलाकार की आवश्यकता थी। हमारी मुख्य कलाकारों ने पहले कभी कैमरे का सामना नहीं किया था, फिर भी उन्होंने बेहतरीन एक्टिंग की। उनसे बातचीत करने के बाद मुझे लगा कि वे फिल्म के मुख्य किरदार निभा सकते हैं। हमने उनके साथ वर्कशॉप भी कीं। उनकी सबसे अच्छी बात यह थी कि वे बहुत बात करते थे। एनएसडी के अनुभवी अभिनेता अनूप त्रिवेदी ने भी उनकी प्रतिभा को परखा और कहा कि दोनों कलाकार कमाल के हैं। दोनों ने अपने जीवन में अपने साथियों को खोया है। पदम सिंह प्रोस्टेट कैंसर से जूझ रहे हैं और कीमोथेरेपी करवा रहे हैं, फिर भी वे विभिन्न फिल्म समारोहों में जा रहे हैं और इस एक्सपीरयंस को अपने 80 साल के जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धि मानते हैं। इसे फिल्म की तरह ही क्यों बनाना तय किया, डॉक्यूमेंट्री क्यों नहीं? डॉक्यूमेंट्री भी की जा सकती थी, लेकिन हमारे देश में डॉक्यूमेंट्रीज का चलन बहुत कम है। इन्हें बहुत कम लोग देखते हैं और प्लेटफार्म भी मिलना बहुत मुश्किल होता है। स्टूडियो भी नहीं मिल पाता। इसलिए फिल्म के तौर पर सोचा। गांव के कलाकारों के साथ फिल्म को लोग क्यों देखेंगे, यह बड़ा संघर्ष था। अंतर्राष्ट्रीय पहचान मिलने पर ही भारत में ऐसी कला समझ आती है। इसलिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर फिल्म को ले जाने की योजना बनाई। इसमें जो हमारी एडिटर हैं वो जर्मनी की हैं। पैट्रिशिया रोमेल, जिन्हें ‘द लाइफ ऑफ अदर्स’ के लिए ऑस्कर मिला था उनसे पूछा कि इसे एडिट करेंगी तो वह तैयार हो गईं। फिर मैंने म्यूजिक के लिए माइकल डैना से संपर्क किया, वह भी ‘लाइफ ऑफ पाई’ के लिए ऑस्कर जीत चुके हैं। जब ये दोनों ऑन बोर्ड आ गए तो लगा कि मैं जो रूट देख रहा हूं इस फिल्म के लिए वह सही है। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर इसे कैसी प्रतिक्रिया मिली? बहुत अच्छी प्रतिक्रिया मिली। यूरोपियन ऑडियंस ने 7-8 मिनट तक स्टैंडिंग ओवेशन दिया। अभी आने वाले वीक में बेल्जियम में प्रीमियर है, फिर उसके बाद स्पेन में है, अमेरिका में है। तो कई जगह से बड़े फेस्टिवल हैं, जिनकी अच्छी प्रतिष्ठा है वहां इसे दिखाया जाएगा। बाकी बतौर फिल्ममेकर मेरा जो संघर्ष है कि ‘पीहू’ में 2 साल की बच्ची से एक्ट करवाया और फिर 80 साल के दो नॉन एक्टर्स से ‘पायर’ में काम कराया। तो ये एक तरह का रिस्क ही है जो मैंने लिया।क्या इस फिल्म के ऑस्क र में भी जाने की पॉसिबिलिटी है?वह तो हमारे हाथ में नहीं है लेकिन हम पूरी कोशिश करेंगे कि मतलब भारत की तरफ जो फिल्म फेडरेशन ऑफ इंडिया है। वो इसे चूज करता है या नहीं। हमारा काम तो सिर्फ फिल्म बनाना है। अगर उन्हें लगेगा कि ये फिल्म ऑस्कर में भेजने लायक है तो जरूर जाएगी। मेरे लिए ये सुकून की बात है कि फिल्म को ऑडियंस का प्यार मिल रहा है वो अपने आप में किसी अवॉर्ड से कम नहीं है। फिल्म बनाने से पहले क्या कमर्शियल पहलू सोचते हैं? मैं ऐसी कहानियां कहना चाहता हूं जो जमीन से जुड़ी हों और वास्तविकता दिखा सकें। कमर्शियल या मसाला फिल्में मेरा टैलेंट नहीं है। मुझे लगता है कि हमारी फिल्मों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान कम मिलती है, जबकि ईरान की फिल्में ज्यादा सराही जाती हैं। हमारी कहानी कहने में दिक्कत है। क्षेत्रीय सिनेमा, हिंदी सिनेमा से अच्छा काम कर रहा है। हिंदी में ज्यादातर रीमेक बन रहे हैं, ओरिजिनल कंटेंट कम है। मैं ओरिजिनल कंटेंट बनाना चाहता हूं। क्या फ्यूचर में कोई कमर्शियल फिल्म भी प्लान की है? हां, अभी मैंने एक क्राइम थ्रिलर में जयदीप अहलावत के साथ किया है। उसे कमर्शियल कह सकते हैं। वो फिल्म तैयार है, फिलहाल उसका नाम मैं नहीं शेयर कर पाऊंगा पर वो इस साल रिलीज हो जाएगी। रियल लाइफ कहानी तो आप बनाते ही हैं, पर क्या कोई बायोपिक भी प्लान में है? बायोपिक तो नहीं, पर मैं एक सच्ची घटना पर कहानी जरूर कहना चाहता हू‌ं। मेरी वह कहानी एक आम आदमी की होगी। एक व्यक्ति हैं विजेंदर सिंह जो अलवर, राजस्थान में रहते हैं। केदारनाथ में जब 10,000 लोग फंस गए थे तो उस वक्त ये भी अपनी पत्नी के साथ वहां गए थे। तब उनकी पत्नी बाढ़ में बह गई थी और उन्हें मृत घोषित कर दिया गया था। जिसके लिए इनके घर में मुआवजा भी पहुंचा दिया गया था। हालांकि, फिर भी विजेंदर सिंह के मन में एक सवाल था कि मेरी पत्नी का शव अभी तक नहीं मिला, तो मैं कैसे मान लूं कि वो मर गईं उसके बाद फिर उन्होंने अपनी यात्रा शुरू की और ये 19 महीने उत्तराखंड में रहे। 19 महीने के बाद इन्होंने अपनी पत्नी को खोज निकाला। तो मैं ऐसी कहानी कहना चाहता हूं। बायोपिक के तौर पर भी मेरी अगर कोई कहानी होगी तो वो एक ऐसी कहानी होगी जो एक आम आदमी से जुड़ी होगी।

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'धनश्री जैसी दिखती हूं इसलिए मुझे रॉयल्टी मिलनी चाहिए':सुरभि चंदना ने ट्रोलिंग से परेशान होकर तोड़ी चुप्पी, कहा- हम एक जैसे दिखते हैं तो इसमें हमारी क्या गलती?

इन दिनों, सुरभि चंदना और विवेक दहिया अपने हाल ही में रिलीज हुए म्यूजिक वीडियो 'इष्टम' के प्रमोशन में बिजी हैं। दैनिक भास्कर को दिए गए इंटरव्यू में जब दोनों से बातचीत की गई, तो एक सवाल पर सुरभि थोड़ी गंभीर हो गईं। दरअसल, सोशल मीडिया पर अक्सर सुरभि की तुलना क्रिकेटर युजवेंद्र चहल की एक्स-वाइफ धनश्री वर्मा से की जाती है। लोग उनके लुक्स को लेकर कमेंट करते हैं और दोनों को एक जैसा दिखने वाला बताते हैं। बता दें कि धनश्री और युजवेंद्र चहल ने कुछ समय पहले अपनी शादी खत्म की थी और दोनों के बीच तलाक हो गया था। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, धनश्री को तलाक के बाद तकरीबन 4 करोड़ की एलिमनी भी मिली थी। सुरभि और धनश्री की तुलना पर सुरभि का बयान इस पर सुरभि ने अपनी चुप्पी तोड़ी और कहा, 'शुरुआत में तो हम इसे मजाक के तौर पर ले सकते हैं, लेकिन कहीं न कहीं इसका मानसिक असर होता है क्योंकि लोग रुकते नहीं हैं। लगातार आलोचना करते रहते हैं, सिर्फ इसलिए कि दो अलग-अलग लोग एक जैसे दिखते हैं। हालांकि इस पर मेरा कोई कंट्रोल नहीं है।' उन्होंने आगे कहा, 'मुझे पूरा यकीन है कि धनश्री से भी यही सवाल पूछे जाते होंगे। अब इसमें मेरी क्या गलती है कि मैं उनकी तरह दिखती हूं और उनकी क्या गलती है कि वो मेरी तरह दिखती हैं? और यह बात कभी-कभी मजेदार भी लगती है। अब तो मुझे लगता है कि मुझे कुछ-कुछ चीजों की रॉयल्टी मिलनी चाहिए।' सुरभि की रॉयल्टी वाली बात पर विवेक का मजाकिया जवाब सुरभि की इस बात को हल्के-फुल्के अंदाज में लेते हुए, उनके साथ बैठे विवेक दहिया ने हंसते हुए कहा, 'रॉयल्टी नहीं, हमें तो अफसोस हो रहा था कि 4 करोड़... अब क्या है कि हमने कहा – यार एक काम करते हैं, एक वीडियो बनाते हैं जिसमें ये दिखाएंगे कि हम केरल में शूट कर रहे हैं। जानते हो क्यों? क्योंकि हमें अभी 4 करोड़ रुपये मिले हैं।' पर्सनल लाइफ पर टिप्पणी करना गलत है - सुरभि बातचीत के दौरान सुरभि ने सोशल मीडिया ट्रोलिंग की सच्चाई पर भी अपनी बात रखी। उन्होंने कहा, 'देखिए, ये सोशल मीडिया की एक दुखद सच्चाई है। हम भले ही इसे हंसी-मजाक में लें, लेकिन ये दो इंसानों की निजी जिंदगी का मामला है। माफ कीजिए अगर मैं लाइन क्रॉस कर रही हूं, लेकिन उस प्राइवेसी का भी सम्मान होना चाहिए।' उन्होंने आगे कहा, 'कुल मिलाकर, इस पर कोई कंट्रोल नहीं है। हर छोटी-बड़ी बात अब पब्लिक की नजरों में आ जाती है। और हां, अगर देखा जाए तो दोनों सच में कुछ हद तक मिलते-जुलते लगते हैं। ये बात दिलचस्प भी है।' सुरभि चंदना और धनश्री वर्मा एक जैसे नहीं दिखते - विवेक अंत में विवेक ने कहा, 'वैसे, मैं दोनों से मिल चुका हूं। मुझे नहीं लगता कि ऐसा कुछ है। जब मैंने उनसे (धनश्री) मुलाकात की और फिर जब सुरभि से मिला, तो लगा कि ये दो बिल्कुल अलग-अलग शख्सियतें हैं। हो सकता है तस्वीरों में कुछ एंगल्स ऐसे हों, लेकिन वीडियो में फर्क साफ नजर आता है।' 'इष्टम' को मिला अच्छा रिस्पॉन्स 'इष्टम' की बात करें तो यह एक रोमांटिक म्यूजिक वीडियो है, जिसे केरल की खूबसूरत लोकेशन्स पर शूट किया गया है। इस गाने को दर्शकों से अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा है।

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