हरियाणवी रैपर की नई एल्बम पर कंट्रोवर्सी के बाद सफाई:बोले- विवादित लाइन बदलूंगा, पाखंडियों पर विचार कायम; भगवाधारी को लात मारते दिखाया था
ऑस्ट्रेलिया में बैठे हरियाणवी रैपर प्रवीण ढांडा उर्फ ढांडा न्योलीवाला नई एल्बम पर शुरू हुई कंट्रोवर्सी के बीच सफाई देने सामने आए। सोशल मीडिया पर लाइव होकर सिंगर ने एल्बम ‘वोमिट ऑन पेपर’ से जुड़े विवाद पर बात की। साथ ही हिसार में अपने पैतृक गांव न्योलीवाला के पुराने किस्से, धर्म-पाखंड और युवाओं से जुड़े मुद्दों पर भी बात रखी। ढांडा न्योलीवाला ने कहा कि दुख होता है जब उनके अपने लोग इन मुद्दों पर आपस में लड़ रहे हैं। फिर भी अपने लोगों का दिल रखने और मामला बंद करने के लिए जिस लाइन पर आपत्ति थी, उसे अब बदला जा रहा है। उनके विचार वही रहेंगे, लेकिन अब बेहतर तरीके से पेश किए जाएंगे। फाइल सबमिट कर दी गई है और 24 से 48 घंटे में नया वर्जन सामने आ जाएगा। न्योलीवाला ने एल्बम में बागेश्वर धाम सरकार के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का नाम लिए बिना उनका फोटो एल्बम में लगाकर ‘साले’ कहा। इसको लेकर सोशल मीडिया में विवाद काफी बढ़ गया था। साध्वी देवा ठाकुर ने तो वीडियो जारी कर कह दिया था- तू साधु-संतों को पीट नहीं सकता। मगर, अब तेरे पिटने का टाइम आ गया है। 2 महीने लग जाओ, 6 महीने लग जाओ, पिटेगा जरूर। अगर मेरी जैसी के हाथ लग गया, तो पक्का पिटेगा। वहीं, रैपर के सपोर्ट में भी कुछ लोग खड़े हुए। गाने की लाइनें, जिस पर कंट्रोवर्सी बढ़ी... ढांडा न्योलीवाला के नए गाने की लाइनें हैं, "भगवा रंग जो मेरे राम ने नहीं पहरा होंदा, भगवान की कसम मैं फेक बाबे बहुत कूटताबना बना पर्ची ये लाव साले अर्जी, प्राइवेट जेट लेके जावे जदे मर्जी।" इस एल्बम में रैपर ने भगवाधारी बाबाओं को मारने-पीटने और बागेश्वर धाम सरकार के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का नाम लिए बिना उनका फोटो एल्बम में लगा ‘साले’ कहा गया, जिस पर विवाद खड़ा हो रहा है। अब जानिए सिंगर ने लाइव आकर क्या बातें कहीं… कुछ परसेंट लोग हैं जो कुछ समझना नहीं चाहते बढ़ते हुए विवाद को लेकर ढांडा न्योलीवाला ने कहा कि जिस मुद्दे पर हम बातचीत करना चाह रहे हैं, वह आप सभी को पता होगा। पिछले दो-तीन दिनों से सोशल मीडिया पर देख रहे होंगे कि नई एल्बम ‘वोमिट ऑन पेपर’ के गाने की एक लाइन को तोड़-मरोड़कर आपके सामने पेश किया जा रहा है। समझदार, सूझवान और पढ़े-लिखे लोगों को पता है कि सोसाइटी के किन इश्यूज पर हमने बातचीत की है, लेकिन कुछ परसेंट लोग ऐसे हैं जो कुछ भी समझना नहीं चाहते। 2021 के बाद मुद्दों से दूरी की वजह उन्होंने कहा कि 2021 में इन्हीं सोसाइटी के इश्यूज को लेकर उन्होंने आखिरी गाना अप टू यू किया था। अब साल 2025 आ चुका है और 4 साल गुजर चुके हैं। इसलिए इन मुद्दों को मैं नहीं छेड़ता हूं, क्योंकि हम अपनी बात रखेंगे तो समाज उसे एक्सेप्ट नहीं कर पाएगा। चाहते यह थे कि म्यूजिक के हवाले से अपने इर्द-गिर्द की सोसाइटी में जो अच्छे-बुरे काम हो रहे हैं, उन्हें यूथ और नई नस्ल के सामने रखा जाए और फिर कहीं जाकर कार्ल मार्क्स और कृष्णमूर्ति तक बात पहुंचे, लेकिन यहां जो हालात हैं, यहां कुछ भी बदलने वाला नहीं है। यूथ जाति-धर्म के नाम एनर्जी बर्बाद न करे ढांडा न्योलीवाला ने युवाओं से कहा कि एजुकेशन हासिल करो, अपनी क्राफ्ट और स्किल पर काम करो और अच्छा जीवन जीयो। जाति और धर्म के नाम पर लड़ाई में अपनी एनर्जी और उम्र बर्बाद मत करो। अगर अपने घर में भी कोई गलत बोले, तो उसके खिलाफ खड़े होकर कहना कि यह गलत है। हरियाणवी आर्टिस्टों पर गन कल्चर के आरोप ढांडा न्योलीवाला ने कहा कि जब बड़े सीनियर और बुजुर्ग पॉडकास्ट में बैठते हैं और जब कोई जर्नलिस्ट या पॉडकास्ट वाला उनसे पूछता है कि हरियाणवी आर्टिस्ट के बारे में क्या कहना है, तो उनका तय डायलॉग यही होता है कि गन कल्चर को बढ़ावा दे रहे हैं और बदमाशी चल रही है। आगे अपने गांव के धार्मिक स्थल का ये किस्सा सुनाया...... धार्मिक स्थल का बाबा करता था बैड टच न्योलीवाला ने कहा कि मेरे गांव का एक किस्सा है और ज्यादा पुराना नहीं है। कुछ जगह गांव में धार्मिक स्थल को खेड़ा बोला जाता है और उनके गांव में खाड़े बोला जाता है। वहां बैठे बाबा जी अपना चोला छोड़ यानी एक्सपायर हो गए थे और उनके बाद किसी और को उस गद्दी पर बिठा दिया गया। थोड़ा वक्त गुजरने के बाद गांव के सरकारी स्कूल की पांचवीं कक्षा की लड़कियां टीचर के सामने आकर रोने लगीं। लड़कियों ने बताया कि जब वे गांव के खाड़े पर धोक लगाने यानी पूजा करने जाती थीं, तो वहां बैठा व्यक्ति उन्हें बैठाकर गलत हरकत करता था। उसी समय पुलिस-प्रशासन की ओर से गांव-गांव जाकर स्कूली बच्चों को गुड टच और बेड टच के बारे में जानकारी दी जा रही थी। गांव की जांच और प्रशासन को सौंपा गया आरोपी उन्होंने कहा कि वहां बच्चों के साथ जो छेड़खानी हुई, वहां एजुकेशन ने अपना रोल अदा किया। बच्चों को लगा कि मां-बाप की बजाय टीचरों को बताना चाहिए। गांव के बुजुर्ग अच्छे और समझदार थे और जांच में सामने आया कि यह हरकत 10 से 12 लड़कियों के साथ हो चुकी थी। उन्होंने गाने की लाइन का हवाला देते हुए कहा कि जो लाइन मैंने लिखी ‘कूट दा’, मेरे गांव के लोगों ने उस बाबा को प्रशासन के हवाले किया था। एक विधवा की दर्दनाक कहानी सुनाई सिंगर ने कहा-गांव से तीन गांव छोड़कर एक महिला का पति एक्सीडेंट में एक्सपायर हो गया था। वह अपने पिता की इकलौती बेटी थी और पूरी जिंदगी दूसरों के घर बर्तन मांजकर, सफाई और दिहाड़ी करके पैसे जोड़ती रही। एक दिन भगवा रंग पहनकर कुछ लोग उसके घर आए, रोटी मांगी और उसकी आंखों में मिर्ची डालकर सब कुछ लूटकर चले गए। उस वक्त उस महिला के पास कुछ भी नहीं बचा था। उन्होंने साहिर लुधियानवी का शेर पढ़ते हुए कहा- “दुनिया ने तजुर्बा तो हवादिस की शक्ल में जो कुछ मुझे दिया है, वही जमाने लौटा रहा हूं मैं।” गाने पर 4 दिन में 2.7 मिलियन व्यूज प्रवीण ढांडा की एल्बन वोमिट ऑन पेपर पर 4 दिन में 2.7 मिलियन से ज्यादा व्यूज आ चुके हैं। गाने के डिस्क्रिप्शन में लिखा है...पेश है एल्बम कोहराम का नौवां ट्रैक। “वोमिट ऑन पेपर”। यह गाना वास्तविकताओं पर आधारित है और भ्रष्टाचार, झूठे संतों, टूटी हुई शिक्षा और उस दर्द को उजागर करता है जिसे समाज चुपचाप सहता है। ढांडा न्योलीवाला की एलबम हो चुकी है बैन ढांडा न्योलीवाला के गाने 'इल्लीगल' (Illegal) 'रशियन बंदना' हरियाणा सरकार द्वारा 'गन कल्चर' और 'बदमाशी' को बढ़ावा देने के आधार पर बैन किए गए हैं, यह कार्रवाई मासूम शर्मा और अमित सैनी रोहतकिया जैसे अन्य सिंगर्स के गानों पर प्रतिबंध के बाद की गई। पत्नी डिस्कस थ्रो में नेशनल चैंपियन रहीं सिंगर प्रवीण ढांडा की पत्नी आशा सहारण ढांडा डिस्कस थ्रो में नेशनल चैंपियन रह चुकी हैं। वो पति के साथ ऑस्ट्रेलिया में ही हैं और सोशल मीडिया में एक्टिव रहती हैं। उनकी काफी फैन फॉलोइंग है। वह अकसर अपने सोशल मीडिया अकाउंट से सिंगर के साथ तस्वीरें शेयर करती हैं।
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