WHAT’S HOT NOW

LIVE LIVE - The Car Festival Of Lord Jagannath | Rath Yatra | Puri, Odisha

LIVE - The Car Festival Of Lord Jagannath | Rath Yatra | Puri, Odisha)

Gilded Age grotto mural restored in the nick of time

A rapidly deteriorating 107-year-old ceiling mural on the in the swimming pool grotto of a Gilded Age mansion in Miami will be restored thanks to a $750,000 grant from the National Park Service’s Save America’s Treasures program. The grant is coming in the nick of time, because the mural was made using water-soluble paint on plaster. Yes, the mural over a pool in a grotto in sub-tropical Miami was made with materials that can’t withstand moisture.

This inexplicable choice was made by Robert Winthrop Chanler, eccentric artist and scion of several families of the American aristocracy including the Astors, Winthrops and Stuyvesants. He trained as an artist in Paris and when he returned to New York, built a successful career as a muralist to the wealthy. Today only three of his surviving murals are available to the public.

In 1916, he was commissioned by Chicago agricultural industrialist James Deering to paint a fresco on the ceiling of the swimming pool and grotto at Villa Vizcaya, his winter estate in Miami. The grotto and swimming pool is an indoor/outdoor space. Located on the north side of the house, the grotto was built underneath the first floor of the main house. The pool extends from the garden into the grotto right under the living room.

The motif of the fresco was to be undersea fantasy, coordinating with the ornate decorations of seashells, mosaics and fountains in the grotto. The idea was to make visitors feel like they were themselves sea creatures in a marine environment. Chanler created plaster casts of shells, lobsters, sea turtles, octopi and alligators to populate the ceiling. The fresco featured a seascape with fish, marine plants and coral. He used metallic paint to make the scales of the fish shine in the sun and in the reflections of the pool below.

The grotto is below sea level and afflicted by the high humidity, saline air and hurricanes endemic to Miami. Within a couple of years of its completion, the mural was already beginning to deteriorate. The decay accelerated in the humid climate, and went into overdrive when the grotto was completely submerged by storm surges in 1992, 2005 and 2017.

Saving the mural has been an uphill battle for the last 100 years, and there have been some past efforts to preserve it, Kuh Jakobi said. The two-year NPS grant will go toward getting the grotto and mural as beautiful and historically accurate as possible. But the process is not so simple. In accordance with the grant, Vizcaya pledged a match of $750,000 to deal with the first part of the project. Starting in January, the conservation team needs to deal with the corroding substructure underneath the living room floor that’s above the grotto. They’ll remove all of the objects from the room, remove the terrazzo floor panels, repair the corroding metal slab and put everything back in the room.

Then, in the grotto, they’ll re-attach the panel. And finally, there’s the tedious process of repairing and restoring the ceiling mural. While standing in the grotto, Kuh Jakobi pointed out a section of the ceiling conservators recently did a successful test run on. The difference is striking: the shades of blue are rich and vibrant and the marine life pop. Soon the rest of the mural will be just as lifelike.

It’ll take a team of four about seven months to finish the ceiling, Kuh Jakobi said. Vizcaya intends to finish the entire process by July 31, 2026, she said.

You can get a closer look at the extraordinary mural in this video by the Vizcaya Museum & Garden.



* This article was originally published here

राजकुमार राव ने मां की पायल को संभालकर रखा:बोले- वह हमेशा मेरी आंखों के सामने रहती है, स्त्री का जन्मदिन से खास कनेक्शन है

राजकुमार राव आज अपना 40वां जन्मदिन मना रहे हैं। यह जन्मदिन एक्टर के लिए बहुत खास है। फिल्म ‘स्त्री 2’को जबरदस्त सफलता मिली है। अपने जन्मदिन के अवसर पर राजकुमार राव ने दैनिक भास्कर से खास बातचीत की। एक्टर ने बताया कि स्त्री और उनके जन्मदिन का बहुत खास कनेक्शन है। स्त्री उनके ही जन्मदिन पर ही 31 अगस्त 2018 को रिलीज हुई थी। और, इस साल ‘स्त्री 2’ ने उनके जन्मदिन को पहले ही खास बना दिया। बातचीत के दौरान राजकुमार ने जन्मदिन की बचपन से जुड़ी बहुत सारी यादें भी शेयर की। ‘स्त्री 2’ की जबरदस्त कामयाबी के बाद लग रहा है इस बार का जन्मदिन बहुत खास होने वाला है? मैं तो अपनी अगली फिल्म की तैयारी में लग गया हूं। मुझे लगता है कि जन्मदिन सेट पर ही मनाया जाएगा। कोशिश करूंगा कि एक दिन की छुट्टी मिल जाए तो दोस्तों से मिलने मुंबई आ जाऊंगा। वैसे मैं जन्मदिन वाला इंसान नहीं हूं। मुझे पार्टी का शौक नहीं है। जिन लोगों से प्यार करता हूं उनके साथ घर पर रहना पसंद करता हूं। स्त्री 2 की सफलता से बहुत खुश हैं। पिछली स्त्री जन्मदिन पर ही 31 अगस्त 2018 को रिलीज हुई थी। ऐसा लगता है कि स्त्री और जन्मदिन का कुछ खास कनेक्शन है। जन्मदिन की बचपन से जुड़ी किस तरह की यादें हैं? बचपन की बहुत सारी यादें हैं। बचपन में मैंने जन्मदिन को बहुत सेलिब्रेट किया है। मैं जॉइन्ट फैमिली में पला बढ़ा हूं। हम 14 लोग एक साथ रहते थे। हम तीन भाई बहन हैं। मैं सबसे छोटा हूं। घर में ज्यादातर मेरा ही बर्थडे सेलिब्रेट किया जाता था। दोस्तों को बुलाया जाता था। घर में सजावट होती थी। केक काटता था। ऐसी बहुत सारी यादें हैं। सिर्फ जन्मदिन के दिन स्कूल में यूनिफार्म के बजाय घर के कपड़े पहनकर आने की अनुमति थी। पेरेंट्स का ऐसा कोई गिफ्ट जिसे आप अभी तक संभाल कर रखे हो? बचपन में तो खिलौने वगैरे मिलते थे। उसे संभालकर अभी तक रखना संभव नहीं है। लेकिन जब मेरी मां इस दुनिया से चली गईं तो उनका पायल मैंने अभी तक संभालकर रखा हुआ है। वह हमेशा मेरी आंखों के सामने रहती है। स्त्री 2 की सफलता के बाद लोगों के किस तरह के कॉम्प्लीमेंट्स आ रहे हैं? पूरी इंडस्ट्री से लोगों का बहुत प्यार मिल रहा है। बहुत सारे एक्टर्स और डायरेक्टर्स के कॉल आ रहे हैं। दर्शकों से भी बहुत प्यार मिल रहा है। लोग सोशल मीडिया पर मैसेज कर रहे हैं। लोगों का ऐसा प्यार देखकर मैं भावुक हो जाता हूं। मैं भी उन्हीं गली मोहल्लों में पला बढ़ा हूं। जहां हिंदुस्तान की 80 प्रतिशत रहती है। मैं भी उसी के बीच का एक बच्चा हूं। आपकी कहानियों का चयन भी आम लोगों से ही जुड़ा रहता है? मेरी कहानियों का चयन वास्तविकता के करीब होती हैं। ऐसे किरदार मोहल्ले का कोई लड़का भी हो सकता है। जैसे स्त्री 2 में विक्की का जो किरदार है, उससे कोई भी रिलेट कर सकता है। अपने आस-पास लोगों ने ऐसे किरदार देखें हैं। वो बहुत साधारण और प्यारा सा है। एक लड़की के प्यार में हमेशा रहता है। हमेशा उसके चेहरे पर मुस्कुराहट रहती है। आपको पहली बार किससे और कब प्यार हुआ? मैंने पत्रलेखा को पहली बार टीवी पर एक एड में देखा था। पहली ही नजर में प्यार हो गया था। मुझे नहीं पता था कि वो कौन लड़की है। नाम तक नहीं पता था। मेरे मन में विचार आया कि कितनी स्वीट लड़की है। काश, इनसे शादी कर पाता। ऊपर वाले ने मेरी बात सुन ली। डेढ़ महीने बाद हम साथ किसी काम से पूना जा रहे थे। जब बातचीत शुरू हुई तो उन्होंने बताया कि कौन-कौन से एड किए हैं। मुझे तब पता चला कि ये तो वहीं हैं जिनको एड में देखा था। मैंने ऊपर वाले का शुक्रिया अदा किया। यह तो उन्होंने हमें मिलाया। उस सिलसिले को आज 14 साल हो गए हैं। ‘सिटी लाइट्स’ के बाद दोबारा कभी संयोग नहीं बन पाया साथ काम करने का? बहुत जल्दी हम लोग साथ काम करने वाले हैं। हम लोग का प्लान चल रहा है। हम ऐसी कहानी ढूंढ भी रहे हैं। जिसमें हम लोग साथ काम कर सकें। वो अपने काम को लेकर बहुत पैशनेट हैं। एक्टिंग की भूख है उनके अंदर। इस साल तो उन्होंने वरुण शर्मा के साथ ‘वाइल्ड वाइल्ड पंजाब’ और प्रतीक गांधी के साथ बहुत खूबसूरत फिल्म ‘फुले’ की हैं। यह फिल्म सावित्रीबाई फुले की जिंदगी पर आधारित थी। बहुत अच्छा-अच्छा काम कर रही हैं। ‘स्त्री 2’ देखने के बाद उनकी क्या प्रतिक्रिया थी? उन्होंने 2-3 बार देखी है। उन्हें फिल्म बहुत अच्छी लगी, उनको बहुत मजा आया। फिल्म देखकर खूब हंसी। लेकिन जब सरकटा आया तो सबसे ज्यादा चिल्लाई भी। वो हमेशा मेरी पहली ऑडियंस रहती हैं। जब भी कोई फिल्म करता हूं तो मेरी कोशिश रहती है कि सबसे पहले उनको फिल्म दिखाऊं। उनका फीडबैक मेरे लिए बहुत मायने रखता है। वो मेरी बहुत ऑनेस्ट क्रिटिक्स हैं। उम्मीद के मुताबिक जब फिल्में सफल नहीं होती हैं। तो खुद इस बात की समीक्षा करते हैं कि ऐसा क्यों हुआ? बिल्कुल करता हूं। इसके बहुत सारे कारण होते हैं। इसमें रीलीज डेट का भी एक बहुत बड़ा कारण होता है। फिल्म का प्रमोशन किस तरह से हैं। ट्रेलर लोगों तक पहुंचा की नहीं। यह सब बहुत सारी चीजें मायने रखती है। बहुत सारी फिल्में अच्छी होती हैं, लेकिन थिएटर में नहीं चलती हैं। जबकि ओटीटी में अच्छी चलती हैं। वहां उस फिल्म के बारे में खूब बात होती हैं। तब मन में यह सवाल आता है ये लोग थिएटर में फिल्म देखने क्यों नहीं आए? जब इस बात की समीक्षा करता हूं। तब समझ में आता है कि उन्हें पता ही नहीं चला कि ऐसी कोई फिल्म थिएटर में चल रही है। कम से कम ट्रेलर लोगों तक पहुंचे फिर वो डिसाइड करें कि फिल्म देखनी है कि नहीं देखनी है। स्त्री आगे भी आएगी? बिल्कुल आएगी। स्त्री 3 तो आएगी ही। आप जैसे लोग जो इंडस्ट्री में आना चाहते हैं, उन्हें क्या मैसेज देना चाहेंगे? मैंने अपने पर्सनल अनुभव से बता सकता हूं। मैं जब इस शहर में आया तो किसी को भी नहीं जानता था। लेकिन मैं पढ़ लिखकर पूरी तैयारी के साथ आया था। मैंने थिएटर किया था। ग्रेजुएशन के बाद एफटीआई चला गया था। वहां पर दो-ढाई साल एक्टिंग की पढ़ाई की। मुंबई 2008 में आया। मैं अपनी एक्टर के रूप में भूख, अपने काम के प्रति प्यार, और सबसे ज्यादा मेहनत करने को तैयार था। यह तीन चीजें लेकर आया था। यही तीन चीज लोगों को सलाह दूंगा। बाकी आप कितने जिम कर रहे हैं, आपके संपर्क कितने लोगों से है। यह काम नहीं आता है। बाहर के जितने लोग भी आए हैं उनको ऑडिशन के माध्यम से ही काम मिलता है। यही तीन चीजें काम आती हैं। अभी लोगों के लिए बहुत मौके हैं। लेकिन आपको पूरी तैयारी के साथ आना पड़ेगा। आप के आसपास कौन लोग हैं। यह भी बहुत महत्वपूर्ण होता है। अपने आप पास ऐसे लोगों को रखिए जो आपको मोटिवेट करें। जिनसे इंस्पायर हो। आप दोस्त कैसे हैं वह भी बहुत महत्वपूर्ण होता है। पार्टी बाजी और मंडली लगाने वाले दोस्तों से दूर रहना चाहिए। आप जब इंडस्ट्री में आए तो किस तरह के दोस्त बनें? बहुत अच्छे दोस्त हैं। जब हम बैठते हैं तो सिनेमा की बातें करते हैं। हम जिंदगी की बातें करते हैं। हम मस्ती मजाक भी करते हैं, लेकिन घटिया और फालतू जोक्स नहीं करते हैं। जितने भी दोस्त हैं बहुत ही प्योर हैं। जब हम बात करते हैं तो अच्छी परफॉर्मेंस और अच्छी सिनेमा की बातें करते हैं। एक दूसरे से आइडिया डिस्कस करते हैं कि और क्या बेहतर कर सकते हैं। जब पीछे मुड़कर देखते हैं तो कैसा महसूस होता है? अच्छा महसूस हो रहा है। इस शहर में यही सोचकर आए थे कि कुछ अच्छा काम करेंगे।मेरे हमेशा से यही प्लान था। प्लान B कभी लाइफ में नहीं रखा था। ऊपर वाले का बहुत- बहुत शुक्रिया है। मां के आशीर्वाद और दर्शकों को बहुत धन्यवाद है। ऐसी सोच नहीं आती है कि कहां से आए और कहां पहुंचे। हमेशा वर्तमान में जीने की सोच रखी है। मम्मी से आपका काफी लगाव रहा है, उन्होंने आपको काफी मोटीवेट भी किया है। जब आपने उनको बताया होगा कि एक्टिंग में करियर बनाना है तो सिनेमा को लेकर उनकी क्या सोच रही? मम्मी खुद सिनेमा की बहुत बड़ी फैन थीं। हमारे पूरे परिवार के लोग सिनेमा को बहुत प्यार करते हैं। हर शनिवार को हमलोग वीसीआर में वीएचएस कैसेट लगाकर फिल्में देखते थे। मम्मी अमिताभ बच्चन की बहुत बड़ी फैन रहीं हैं। मैंने थिएटर करना शुरू किया। उसके बाद एफटीआई एक्टिंग कोर्स करने गया। मम्मी हमेशा से बहुत सपोर्टिव थीं। मैं जो भी करता उसमें वो सपोर्ट करतीं। उन्होंने हम तीनों भाई बहनों को हमेशा यह छूट दी कि लाइफ में जो भी करना है करो, लेकिन ईमानदारी से और दिल लगाकर करो। एफटीआई से आने के बाद इंडस्ट्री के लोगों का किस तरह का रवैया होता है? एफटीआई और इंडस्ट्री की दुनिया में बहुत अंतर होता है। एफटीआई अपने आप में बहुत प्यारा कैंपस है। वह अपने आप में एक ग्रह है। जहां बहुत प्यार से तनाव मुक्त रहते हैं। 24 घंटे सिर्फ सिनेमा के बारे में सोचते हैं। फिल्में बनाते हैं, फिल्में देखते हैं।अपनी क्लासेज अटेंड करते हैं। लेकिन जब मुंबई आते हैं तो वास्तविकता से सामना होता है। यह बहुत महंगा शहर है। यहां कोई जानता नहीं है।

from बॉलीवुड | दैनिक भास्कर https://ift.tt/btiWDKx
via IFTTT

The young Oasis fans rebooting the spirit of the 90s

A new generation who were too young to see their idols the first time around are excited about the reunion.

from BBC News https://ift.tt/BQDGFlc

एक्ट्रेस जिसने हथौड़े से बॉयफ्रेंड का सिर फोड़ा:पति के सामने ही प्रेमी की हत्या कर दी, अगले दिन खुद पुलिस स्टेशन पहुंची

1 जनवरी 2020 देश-दुनिया में नए साल का जश्न मनाया जा रहा था। तभी दोपहर में कन्नड़ सिनेमा की एक एक्ट्रेस घबराई हुई चेन्नई के राजामंगलम पुलिस स्टेशन आ पहुंची। अफसर को देखते ही एक्ट्रेस बोली- मैंने कत्ल किया है। एस.देवी के इस इकबाल-ए-जुर्म से पूरे पुलिस स्टेशन में हर कोई हैरान रह गया। फिर जब एक्ट्रेस के दावे की जांच शुरू हुई तो कई चौंका देने वाले खुलासे हुए। खुद को कातिल बताने वालीं एक्ट्रेस एस.देवी ने वाकई खून किया था, वो भी अपने ही बॉयफ्रेंड का। आज अनसुनी दास्तान के 3 चैप्टर में पढ़िए कन्नड़ एक्ट्रेस एस. देवी के इकबाल-ए-जुर्म और हत्या की भयावह कहानी- 1977-78 के आसपास चेन्नई में जन्मीं एस. देवी एक मिडिल क्लास परिवार से ताल्लुक रखती थीं। घर में आर्थिक मदद करने के लिए उन्होंने फिल्मों और टीवी शोज में बतौर जूनियर आर्टिस्ट काम करना शुरू कर दिया। बतौर जूनियर आर्टिस्ट उन्होंने 25 से ज्यादा मलयाली और कन्नड़ टीवी शोज में काम किया। हालांकि उनके रोल चंद मिनटों के ही हुआ करते थे, जिससे उन्हें कभी कोई खास पहचान नहीं मिल सकी। 2012 के आसपास की बात है। एक रोज टीवी शो के शूटिंग सेट पर पहुंचीं एस. देवी की मुलाकात अपने से 6 साल छोटे एम. रवि से हुई। मदुरै से ताल्लुक रखने वाला एम. रवि काम की तलाश में चेन्नई पहुंचा था। चेन्नई में रहते हुए रवि ने टीवी सीरियल में बतौर टेक्नीशियन काम करना शुरू किया, जहां उसकी एस.देवी से मुलाकात हुई। सेट पर ज्यादातर समय साथ बिताते हुए एस.देवी की एम.रवि से अच्छी दोस्ती हो गई। दोनों अक्सर एक-दूसरे को टीवी शोज में काम हासिल करने में मदद भी किया करते थे। आखिरकार देवी, रवि को पसंद करने लगीं। एक दिन रवि ने उनसे प्यार का इजहार किया, तो शादीशुदा होने के बावजूद एस. देवी ने रिश्ता स्वीकार कर लिया। दोनों अक्सर सेट पर और घरवालों से छिपकर साथ समय बिताया करते थे। 6 साल तक दोनों का सीक्रेट एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर चलता रहा, लेकिन फिर एक दिन इस रिश्ते की खबर एस. देवी के पति शंकर को लग गई। शंकर, बेहद नाराज हुए और घर में खूब हंगामा हुआ। एस. देवी के पति ने उनसे साफ कह दिया कि अगर वो रवि को नहीं छोड़ती हैं तो उन्हें इसके बुरे अंजाम भुगतने होंगे। एक दिन देवी ने रवि को मिलने बुलाया और साफ कह दिया कि वो ये रिश्ता जारी नहीं रख सकतीं, लेकिन रवि ने इससे साफ इनकार कर दिया। वो चाहता था कि देवी पति से तलाक लेकर उससे शादी कर लें। हालांकि देवी रिश्ता खत्म करने की बात पर अड़ी हुई थीं। देवी की लाख कोशिशों के बाद भी रवि ने उनका पीछा करना बंद नहीं किया। आए दिन वो उनके घर पहुंच जाता था या कभी उनकी बहन के पते पर। आखिरकार रवि से पीछा छुड़ाने के लिए देवी के पति ने घर बदल लिया। वो चेन्नई के कोलाथुर इलाके में शिफ्ट हो गए, जहां देवी की बहन भी रहा करती थीं। पति ने दिलवा दी सिलाई मशीन, कहा- अब एक्टिंग नहीं करोगी टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार तेनांपेट में एक छोटा सा फर्नीचर बिजनेस चलाने वाले एस.देवी के पति ने उनके टीवी शोज में काम करने पर पाबंदी लगा दी। वो नहीं चाहते थे कि देवी घर से निकलें और दोबारा कभी रवि से संपर्क करें। उन्होंने देवी को एक सिलाई मशीन दिलवा दी, जिससे वो घर पर रहकर ही सिलाई का काम कर कमाई कर सकें। चंद महीनों तक दोनों आराम से शादीशुदा जिंदगी गुजारते रहे, लेकिन 31 दिसंबर 2019 को देवी की तलाश करते हुए रवि कोलाथुर पहुंच गया। कई घंटों तक रेकी करने के बाद रवि, देर रात करीब 1 बजकर 30 मिनट पर देवी की बहन लक्ष्मी के घर पहुंच गया। लक्ष्मी से मिलते ही रवि गिड़गिड़ाते हुए उसकी देवी से मुलाकात करवाने की जिद करने लगा। जब घर के बाहर हंगामा होने लगा, तो लक्ष्मी ने रवि को घर के अंदर बुला लिया। रवि की जिद पर आखिरकार लक्ष्मी को देवी को कॉल करना पड़ा। कॉल पर लक्ष्मी ने देवी को पूरी बात समझाई और कहा कि वो उनके घर आकर रवि को समझाकर यहां से जाने को कहें। शुरुआत में देवी, रवि से मिलने से इनकार करती रहीं, लेकिन बहन के समझाने पर वो उनके घर आने को राजी हो गईं। देवी ने पूरी बात पति शंकर को बताई और 31 दिसंबर से 1 जनवरी की दरमियानी रात पति के साथ बहन के कोलाथुर स्थित घर पहुंचीं। देवी को देखते ही रवि जुनूनी हो गया और बस यही कहता रहा कि वो उनके बिना नहीं रह सकेगा। देवी, उनके पति, उनकी बहन और जीजा जी ने रवि को समझाने की लाख कोशिशें कीं कि उनका पीछा छोड़ दे, लेकिन रवि लगातार बस यही कहता रहा कि वो देवी के साथ ही रहना चाहता है। चंद मिनटों बाद बात बिगड़ने लगी और बहस शुरू हो गई। रवि का जुनून देखकर आखिरकार एस. देवी ने आपा खो दिया और पास रखे एक हथौड़े से उसके सिर पर जोरदार वार किया। उसके सिर से खून बहने लगा, लेकिन देवी नहीं रुकीं और उस पर लगातार वार करती रहीं। कमरे में मौजूद पति और बाकी लोग खामोशी से ये मंजर देखते रहे। देवी कई घंटों तक लाश के पास ही बैठी रहीं, फिर जब बचने का कोई जरिया समझ नहीं आया तो वो सुबह होते ही राजामंगलम पुलिस स्टेशन पहुंच गईं। पुलिस के सामने एस. देवी ने हत्या का जुर्म कबूलते हुए सरेंडर कर दिया। उनकी निशानदेही पर पुलिस कोलाथुर स्थित उनकी बहन के घर पहुंची। जिस समय पुलिस मौका-ए-वारदात पर पहुंची, उस समय तक रवि की सांसें चल रही थीं। पुलिस उसे किलपोक मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल ले गई, लेकिन डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। अगले दिन रवि का पोस्टमॉर्टम करवाया गया, जिसमें उसकी मौत की वजह सिर पर हुआ वार और अधिक खून बह जाना बताया गया। पुलिस ने एस. देवी को हत्या का दोषी मानते हुए केस दर्ज कर लिया। हालांकि पुलिस जांच में सामने आया कि एस. देवी के साथ-साथ उनके पति शंकर, बहन लक्ष्मी और उनके पति भी रवि की हत्या में शामिल थे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अब चारों हत्या के आरोप में सजा काट रहे हैं। अगले शनिवार 7 सितंबर को पढ़िए साउथ एक्ट्रेस शशिरेखा की कहानी, जिसकी सिरकटी लाश एक कूड़ेदान में मिली थी। मशहूर एक्ट्रेस की लाश मिलने के बाद जो चौंका देने वाले खुलासे हुए, वो सुनकर पूरी साउथ इंडस्ट्री सिहर गई थी। फिल्मी हस्तियों से जुड़ी ये अनसुनी दास्तानें भी पढ़िए- कन्नड़ एक्ट्रेस मारिया, जिसने दोस्त के 300 टुकड़े किए:लाश के सामने बॉयफ्रेंड से संबंध बनाए फिर शॉपिंग की, एक कॉल से खुली मर्डर मिस्ट्री मारिया सुसाइराज, सपनों की नगरी में हीरोइन बनने का सपना देखने वालीं मारिया को पहचान तो मिली, लेकिन फिल्मों नहीं बल्कि एक कत्ल से। 2008 में 26 साल के नीरज ग्रोवर एक रोज अचानक गुमशुदा हो गए। वो अपनी गर्लफ्रेंड और कन्नड़ एक्ट्रेस मारिया सुसाइराज की घर शिफ्ट करने में मदद कर रहे थे, लेकिन उसके बाद उन्हें किसी ने नहीं देखा। महीनों बाद नीरज के शरीर के टुकड़े बरामद हुए थे। जांच में सामने आया कि मारिया ने ही अपने बॉयफ्रेंड के साथ मिलकर नीरज का कत्ल किया। उनकी लाश के सामने बॉयफ्रेंड से संबंध बनाए और फिर लाश के 300 टुकड़े कर दिए। आगे पढ़िए... एडल्ट स्टार चार्लोट की हत्या की भयावह कहानी:सिरफिरे ने हथौड़े से पीटकर जान ली, फिर 15 टुकड़े कर 2 महीनों तक फ्रिज में छिपाकर रखे ये कहानी है इटालियन एडल्ट स्टार चार्लोट एंजी की। जिनकी लाश के सड़े हुए टुकड़े प्लास्टिक बैग में मिले थे। जांच में सामने आया कि चार्लोट की मौत महीनों पहले ही हो चुकी थी। जब जांच शुरू हुई तो कई चौंका देने वाले खुलासे हुए। मौत के बाद चार्लोट की लाश के 15 टुकड़े कर उन्हें 2 महीनों तक फ्रिज में छिपाकर रखा गया था। आगे पढ़िए...

from बॉलीवुड | दैनिक भास्कर https://ift.tt/6HFtsg7
via IFTTT

The young Oasis fans rebooting the spirit of the 90s

A new generation who were too young to see their idols the first time around are excited about the reunion.

from BBC News https://ift.tt/FueBphS

Roman military camp found high in Swiss Alps

The remains of a previously unknown Roman military camp have been discovered at Colm la Runga in Switzerland’s Oberhalbstein Alps at an altitude of 7,218 feet above sea level. It dates to the last two decades of the 1st century B.C.

When the camp was built, Roman legions were fighting to conquer the Swiss Alps, the last remaining region of modern-day Switzerland that was not yet under Roman control. Augustus saw control of the Alps as essential to the security of northern Italy, and Tiberius finished the job.

A battle between Rome and the local Suanetes tribe was known to have been fought 3,000 feet below the Colm la Runga site near the Crap Ses Gorge in 15 B.C.. Lead sling bullets stamped with the marks of the 3rd, 10th and 12th Legions have been found there, as have spearheads, brooches, caligae hobnails and an exceptional silver and brass dagger.

Archaeologists have been excavating the battlefield since 2021, supported by volunteer metal detectorists. Cutting edge LiDAR laser scans revealed differences in height in the topography of the Colm la Runga terrain that indicated there were man-made ditches and ramparts up there. Initial test pits dug confirmed the data.

Following geophysical surveys and non-destructive documentation in July 2024, students from the University of Basel and volunteer prospectors will be researching the wall-ditch system and the structures inside the camp from August 11 to 31, 2024. The finds so far include weapons and equipment belonging to Roman soldiers, including slingshots and shoe nails. The slingshots found bear the stamp of the 3rd Legion, which was also involved in the battle at Crap Ses. It can therefore be assumed that there is a close connection between the ancient battlefield and the newly discovered military camp.

The location of the camp on the Colm la Runga was certainly chosen for strategic reasons. From here there is a wide panorama of the most important surrounding valleys: the Landwassertal, the Albulatal, the Domleschg and the Surses. In addition, Lenzerheide, which was an important passage at the time, can be ideally viewed.

The sensational discovery of a Roman military camp in Graubünden once again shows that archaeological research into “Roman Switzerland” continues to hold great surprises. The discovery on the Colm la Runga is also internationally outstanding because the advance of the Roman forces 2000 years ago can now be precisely traced over several dozen kilometers: from Bergell over the Septimer Pass to the Tiefencastel area – and from there on towards Chur and the Alpine Rhine Valley.



* This article was originally published here

Gary Oldman on Slow Horses, farting and the honours system

The esteemed actor says he does not know why he not yet received a UK honour for his work.

from BBC News https://ift.tt/YZnpcMU

Gary Oldman on Slow Horses, farting and the honours system

The esteemed actor says he does not know why he not yet received a UK honour for his work.

from BBC News https://ift.tt/QxlDOe7

CIA says Swift concert plotters planned to kill 'a huge number'

The agency says its intelligence helped Austrian authorities thwart the attack and led to arrests.

from BBC News https://ift.tt/tqnO9G7

CIA says Swift concert plotters planned to kill 'a huge number'

The agency says its intelligence helped Austrian authorities thwart the attack and led to arrests.

from BBC News https://ift.tt/4i9StoP

How the South Became Republican

How the South Became Republican JamesHoare

* This article was originally published here

Nevada politician given life sentence for reporter's murder

Robert Telles faces life in prison for the murder of a journalist who wrote unflattering stories about his time in office.

from BBC News https://ift.tt/8Xz34Tu

Nevada politician given life sentence for reporter's murder

Robert Telles faces life in prison for the murder of a journalist who wrote unflattering stories about his time in office.

from BBC News https://ift.tt/pHUWerA

रियल एयरक्राफ्ट में शूट महंगा, प्रतिघंटे किराया ₹5 लाख:इसलिए सीमेंट-प्लाईवुड से बनाए जाते हैं नकली हवाई जहाज; ₹3 करोड़ में बना 'नीरजा' का प्लेन

आपने कई फिल्मों में हवाई जहाज वाले सीक्वेंस तो देखे ही होंगे। बॉलीवुड में नीरजा, रनवे 34, सरफिरा, योद्धा और जमीन जैसी फिल्मों का मुख्य केंद्र बिंदु ही यही रहा है, लेकिन क्या आपने कभी सोचा कि फिल्मों में दिखाए जाने प्लेन्स असली होते हैं या नकली? इन्हें शूटिंग के लिए तैयार कैसे किया जाता है? नकली प्लेन्स एक जगह से दूसरी जगह कैसे ले जाए जाते हैं? इन्हें बनाने में खर्च कितना आता है? रील टु रियल के नए एपिसोड में आज हम इसी पर बात करेंगे। इसके लिए हमने नकली प्लेन डिजाइन करने वाली प्रोडक्शन डिजाइनर अपर्णा सूद और विद्या भोसले से बात की। सोनम कपूर की फिल्म नीरजा में जो प्लेन दिखाया गया था, उसे अपर्णा ने ही तैयार किया था। इसे बनाने में 3 करोड़ का खर्च आया था। इसके अलावा विद्या भोसले ने हाल ही में सलमान खान की अपकमिंग फिल्म सिकंदर के लिए भी एक नकली हवाई जहाज तैयार किया है। लेदर की सीट्स, उन पर स्क्रीन्स और ऑक्सीजन मास्क, लेकिन हवाई जहाज नकली विद्या भोसले हमें मुंबई से सटे नायगांव में एक जगह ले गई, जहां नकली हवाई जहाज रखा गया था। उन्होंने हमें अंदर से इसका टूर भी कराया। यह प्लेन अंदर से बिल्कुल ओरिजिनल लग रहा था। बिजनेस और इकोनॉमी क्लास के दो अलग-अलग डिपार्टमेंट भी बनाए गए थे। सीट्स भी लेदर की थीं। सीट्स पर असली स्क्रीन लगाए गए थे। यहां तक कि ऑक्सीजन मास्क भी लगे हुए थे। बस इसमें AC नहीं था। विद्या ने बताया कि फिल्मों की शूटिंग के वक्त एनाकोंडा AC का यूज किया जाता है। एक दूर रखी AC को पाइप से सेट कर दिया जाता है, फिर उस पाइप को प्लेन के अंदर फिट कर दिया जाता है। इसे एनाकोंडा AC कहते हैं। करण जौहर की प्रोडक्शन कंपनी से इस नकली हवाई जहाज को खरीदा अभी कुछ दिन पहले सलमान खान की अपकमिंग फिल्म सिकंदर की शूटिंग इसी प्लेन के अंदर हुई है। इसके अलावा फिल्म योद्धा और क्रू की शूटिंग भी यहीं हुई है। दरअसल यह नकली हवाई जहाज धर्मा प्रोडक्शन की फिल्म योद्धा की शूटिंग के लिए ही तैयार किया गया था। शूटिंग खत्म होने के बाद विद्या भोसले ने इसे धर्मा प्रोडक्शन से खरीद लिया। नकली प्लेन बनाने में 18 से 20 दिन लगते हैं कुछ फिल्में पूरी तरह प्लेन्स पर ही बेस्ड होती हैं। ऐसे में शूटिंग के लिए ज्यादा वक्त लगता है। इसी स्थिति में नकली प्लेन्स बनाए जाते हैं। नकली प्लेन्स तैयार करने में 18 से 20 दिन लगते हैं। नकली हवाई जहाज को तोड़ने में लगे 10 दिन अपर्णा ने कहा कि शूटिंग से पहले नीरजा के मेकर्स ने कई ओरिजिनल प्लेन्स देखे, लेकिन उन्हें कुछ भी समझ में नहीं आया। उन प्लेन्स में उतना एरिया नहीं था कि कैमरा रखा जा सके। इसी को ध्यान में रखते हुए नकली हवाई जहाज बनाया गया। इस नकली प्लेन को बनाने में 45 दिन लगे थे। 300 लोग हर दिन इसको तैयार करने में लगे रहते थे। मुंबई के बोरीवली के एमटी ग्राउंड पर इस रेप्लिका को बनाया गया था। इसके अंदर 19 दिन शूटिंग हुई थी। शूटिंग खत्म होने के बाद इसे डिस्मेंटल करने में 10 दिन लगे थे। इसे 11 टुकड़ों में तोड़ा गया था। इसे फिर ट्रक में रखकर दूसरी जगह भेजा गया था। 100x20 फीट का एरिया और 25 फीट की ऊंचाई वाले स्टूडियो में नकली प्लेन्स वाले सीक्वेंस शूट होते हैं। एक बार जब शूटिंग खत्म हो जाती है, नकली प्लेन्स को डिस्मेंटल कर दिया जाता है। डिस्मेंटल करने के बाद लोहे, प्लाई, सीट्स, फाइबर और स्विचेस को आर्ट डायरेक्टर अपनी निगरानी में रख लेता है। आर्ट डायरेक्टर के अंडर एक प्रॉपर्टी मास्टर काम करता है, वही इन सामानों की देखरेख करता है। जब दूसरी फिल्म की शूटिंग होती है, फिर नए सिरे से कलर और मॉडल चेंज करके प्लेन की नई रेप्लिका बनाई जाती है। शूटिंग के लिए असली जहाज भी मिलते हैं, लेकिन इनका रेंट महंगा कहीं-कहीं शूट के लिए असली हवाई जहाज भी मिल जाते हैं, लेकिन इनका रेंट महंगा होता है। अब सवाल यह है कि ये असली हवाई जहाज कहां से आते हैं। दरअसल कुछ एयरलाइन कंपनियां खराब या पुराने प्लेन्स को बेच देती हैं। आर्ट डायरेक्टर या कुछ प्राइवेट लोग इन्हें खरीदकर एक निश्चित जगह पर रख देते हैं, फिर उन्हें शूटिंग के लिए रेंट पर देते हैं। खिलौने वाले हवाई जहाज को सामने रखकर रेप्लिका तैयार किया जाता है अपर्णा ने बताया कि जब भी उनके पास नकली प्लेन बनाने का ऑर्डर आता है, तब वे पहले रिसर्च करती हैं। किस टाइम पीरियड का जहाज दिखाना है, उसके लुक से लेकर डिजाइन और मॉडल सबकी जानकारी निकालती हैं। जैसा प्लेन बनाना है, बाजार से उसी मॉडल का डाई कास्ट यानी खिलौने वाले छोटे प्लेन खरीदती हैं। फिर उसी हिसाब से रेप्लिका वाले प्लेन डिजाइन करती हैं। क्रेन की मदद से प्लेन क्रैश वाले सीक्वेंस फिल्माए जाते हैं फिल्मों में प्लेन क्रैश वाले सीक्वेंस भी आम हैं। वैसे तो क्रैश वाले अधिकतर सीन्स VFX की मदद से ही फिल्माए जाते है, लेकिन कुछ सीन्स में नकली प्लेन्स का भी इस्तेमाल किया जाता है। नकली प्लेन्स को क्रेन की मदद से हवा में लहराया जाता है। आसपास ग्रीन स्क्रीन लगा दी जाती है, ताकि अपने हिसाब से आसपास के बैकग्राउंड को चेंज किया जा सके। रामोजी फिल्म सिटी में नकली प्लेन के अलावा फेक एयरपोर्ट भी बनाया गया विद्या ने बताया कि इस वक्त देश में सिर्फ 3 से 4 ही आर्ट डायरेक्टर्स हैं, जिनके पास नकली एयरक्राफ्ट मौजूद है। एयरलाइन वाले सीक्वेंस के लिए सारे फिल्म मेकर इन्हीं से संपर्क करते हैं। मुंबई में 3 नकली एयरक्राफ्ट मिल जाएंगे। इसके अलावा हैदराबाद के रामोजी फिल्म सिटी में भी प्लेन की एक रेप्लिका रखी गई है। वहां फेक एयरपोर्ट भी बनाया गया है। बोर्डिंग गेट से लेकर वेटिंग एरिया तक, सारी चीजें हूबहू कॉपी की गई हैं। ***

from बॉलीवुड | दैनिक भास्कर https://ift.tt/B6E3aIC
via IFTTT

देसी घोड़ा बनकर चर्चा में आए जितिन गुलाटी:बोले- बहुत स्पेशल फीलिंग होती है, अगर मौका मिले तो राहुल द्रविड़ की बायोपिक करना चाहूंगा

एक्टर जितिन गुलाटी बैंक की नौकरी छोड़कर मॉडलिंग की दुनिया से एक्टिंग में आए। वेब सीरीज ‘काला’ में ट्रांसजेंडर और ‘बंबई मेरी जान’ में गैंगस्टर के किरदार में एक्टर को पसंद किया गया था। इन दिनों वो नेटफ्लिक्स की सीरीज ‘त्रिभुवन मिश्रा सीए टॉपर’ में देसी घोड़ा बनकर चर्चा में हैं। हाल ही में जितिन गुलाटी दैनिक भास्कर के मुंबई ऑफिस में आए। बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि जब लोग उन्हें देसी घोड़ा कहकर बुलाते हैं तो बहुत स्पेशल फीलिंग होती है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर मौका मिला, राहुल द्रविड़ की बायोपिक में काम करना चाहेंगे। आइए जानते हैं कि सवाल-जवाब के दौरान जितिन गुलाटी ने और क्या कहा..... अब तो आप जहां भी जाते होंगे देसी घोड़ा के नाम से फेमस हो जाते होंगें? जब लोग देसी घोड़ा बोलते हैं तो यह सुनकर उस समय बहुत ही स्पेशल फीलिंग होती है। मैंने पहले भी कई किरदार निभाए हैं। लेकिन इस किरदार को लेकर लोग जिस तरह की बातें कर रहे हैं। वह मेरे लिए नई चीज है। दूसरी चीज आजकल गुरु जी करके बहुत मैसेज आ रहे हैं। बैंक की नौकरी छोड़ने के बाद कुछ समय के लिए पार्ट टाइम प्रोफेसर का जॉब किया था। इस सीरीज को देखकर मेरे बहुत सारे स्टूडेंट्स के मैसेज आते हैं कि सर ये तो आपने सिखाया नहीं था। ऐसा कहकर लोग मजे ले रहे हैं। इसके लिए सीरीज के मेकर को धन्यवाद देना चाहूंगा। अब तक आपने जो किरदार निभाए हैं, उसमें लुक भी अलग रहा है? मैंने आज तक जितने भी किरदार किए हैं। वो सभी अलग- अलग लुक के रहे हैं। चाहे वो पहली फिल्म ‘वार्निंग’ रही हो, जिसमें मूंछें थी। उसके बाद ‘एमएस धोनी: द अनटोल्ड स्टोरी’ में क्लीन शेव लुक था। इस फिल्म से काफी लोग पहचानते हैं। उसके बाद ‘काला', ‘बंबई मेरी जान’, ‘इनसाइड एज’ में जो भी किरदार रहे हैं। उसमें या तो चश्मा दिया गया, या फिर मूंछें,दाढ़ी और लंबे बाल थे। काफी लंबे समय के बाद ऐसा रोल आया है, जैसे रोड पर घूमता हूं, वैसा है। इसलिए लोग किरदार से पहचानते हैं। जब इस सीरीज के लिए आपको नरेशन दिया गया तब किरदार को लेकर क्या फीलिंग थी? हमने इस दुनिया को कभी देखा ही नहीं था। कॉमेडी को थ्रिलर की तरह ट्रीट करना एकदम नया था। हर किरदार को बहुत ही बारीकी के साथ लिखा गया था। पुनीत कृष्णा जी पूरा रिसर्च कर चुके थे। उन्होंने पूरे प्रोसेस को समझाया। मेरे लिए तैयारी करने के लिए सब कुछ स्क्रिप्ट था। हर किरदार का अलग मतलब भी होता है। मेरा किरदार भले ही देसी घोड़ा है, लेकिन अगर दिक्कत होती है तो वह चूहा भी बन जाता है। खुद को देसी घोड़ा की दुनिया में ढालने का प्रोसेस क्या था? ‘त्रिभुवन मिश्रा सीए टॉपर’ और ‘काला’ की शूटिंग एक साथ चल रही थी। काला की शूटिंग कोलकाता में रही थी और त्रिभुवन की शूटिंग नोएडा में चल रही थी। भाषा को लेकर मुझे कोई समस्या नहीं थी। नोएडा में मैंने काम किया है, मुझे पता है कि वहां के लोगों का बोलने का लहजा क्या है। मेरे लिए जरूरी यह था कि जब परफॉर्म करूं तो नाटकीय ना लगे। पुनीत कृष्णा और अमृत राज गुप्ता ने ह्यूमन इमोशन को बहुत ही बारीकी से पेश किया है। रियल लाइफ में किसी देसी घोड़े जैसे शख्स से मुलाकात हुई है, जब आपने अपनी तरफ से कोई रिसर्च किया होगा? मैंने अपनी तरफ से कोई रिसर्च नहीं किया है। मेरी सारी रिसर्च पुनीत सर के माध्यम से ही थी। शो के बाद ऐसे मैसेजेस जरूर आए हैं। कुछ लोग रियल लाइफ में देसी घोड़ा समझ बैठे हैं। एक तरफ आप ‘काला’ कर रहे थे जिसमें अलग तरह का किरदार था। ‘त्रिभुवन मिश्रा सीए टॉपर’ में अलग किरदार। एक किरदार से दूसरे किरदार में एक ही समय में खुद को चेंज कैसे करते थे? पहले जितनी तैयारी हो सके कर लेना चाहिए। ‘काला’ में ट्रांसजेंडर प्ले कर रहा था। उसकी एक जर्नी है। उसके बारे में रिसर्च कर चुका था। जब आप किसी सेट पर पहुंचते हैं तो उस सेट की दुनिया आपको अपने अंदर ले लेती है। खुद को चेंज करने की जरूरत नहीं पड़ती है। मैं जो किरदार प्ले करता हूं मुझे लगता है कि मेरे से बाहर है। एक बार के. के. मेनन जी ने कहा था कि हमारे अंदर राम से लेकर रावण तक हर कोई होता है। मेरे अंदर शायद एक सीरियल किलर भी होगा। मेरी जिंदगी में ऐसी सिचुएशन नहीं आई, जो उस इमोशन को बाहर ले आए। हमारे अंदर बहुत सारे किरदार हैं। काला के सेट पर अलग एनर्जी और अलग लोग थे। ‘त्रिभुवन मिश्रा सीए टॉपर’ में आपने इतना अच्छा किरदार निभाया है, आगे किस तरह के किरदार निभाना चाहते हैं? वैसे तो मुझे हर तरह क किरदार पसंद हैं। लेकिन मैं बायोपिक करना पसंद करूंगा। एक इंसान की जिंदगी जीना मुझे बहुत पसंद है। कुछ ऐसा आएगा जो मुझसे बहुत अलग होगा। मेरा करने का बहुत मन है। किसकी बायोपिक में काम करना चाहेंगे? मैं राहुल द्रविड़ की बायोपिक में काम करना चाहूंगा। करियर के शुरुआती दौर के बारे में बताएं, पेरेंट्स का क्या रिएक्शन था जब आपने उनको एक्टिंग प्रोफेशन के बारे में बताया? मेरी पैदाइश दिल्ली की है। मेरे पिता जी नेवी में थे। उन्होंने जल्दी रिटायरमेंट ले ली थी। मेरी मां टीचर थी। मैं अच्छा स्टूडेंट था, इसलिए नौकरी जल्दी लग गई। मैंने उन्हें कभी एक्टिंग के बारे में बताया ही नहीं था। मैं जॉब के साथ मुंबई आ गया। एक साल के बाद जॉब छोड़ दिया और पेरेंट्स को जॉब छोड़ने के तीन महीने के बाद बताया। उस दिन तो घर में बहुत ड्रामा हुआ। एक दिन पिता जी बोले कि तुमको जो करना है, करो। बैंक की नौकरी छोड़ने के बाद जब पूरी तरह से एक्टिंग में उतर गए तब कैसी जर्नी रही? मेरी जर्नी में अभी तक ऐसा कोई मौका नहीं आया कि एक फ्राइडे ने सब कुछ बदल दिया हो। पहली फिल्म ‘वार्निंग’ से कुछ फायदा नहीं हुआ। उसके बाद मेरे पास डेढ़ साल तक काम नहीं था। मैंने पार्ट टाइम जॉब किया और अच्छे मौके की तलाश में रहा। अचानक मुझे ‘एमएस धोनी: द अनटोल्ड स्टोरी’ में काम मिला। ‘एमएस धोनी: द अनटोल्ड स्टोरी’ से आपकी फिर एक अलग पहचान बनी होगी? फिल्म में भले ही रोल बड़ा नहीं था, लेकिन धोनी के जीजा के किरदार में पहचान मिली। मैं इस फिल्म को लेकर सिर्फ इसलिए उत्साहित था कि यह धोनी की बायोपिक थी और नीरज पांडे के डायरेक्शन में काम करने का मौका मिल रहा था। अब पेरेंट्स के कैसे रिएक्शन हैं? कहते हैं शादी कर लो। अभी बहुत खुश है। अगर आज इस मुकाम पर हूं तो उनका बहुत सपोर्ट रहा है। इस क्षेत्र में काम करने के लिए फैमिली का सपोर्ट होना बहुत जरूरी है।

from बॉलीवुड | दैनिक भास्कर https://ift.tt/nQ2B81c
via IFTTT

27th Roman rostrum found off coast of Sicily

Another bronze rostrum from the 3rd century B.C., the 27th since underwater excavations began 20 years ago, has been found in the waters of the Aegadian Islands in western Sicily. The vicious ramming beak was mounted to the bow of a Roman warship that fought in the 241 B.C Battle of the Aegates, the last naval battle of the First Punic War.

The rostrum was first spotted on the seabed at a depth of 260 feet by the research vessel Hercules. The deepwater submarine of the Society for Documentation of Submerged Sites (SDSS) then explored the site and confirmed that the object was indeed a rostrum. It was raised and transferred to a laboratory for examination and conservation by archaeologists of the Superintendency of the Sea of the Region of Sicily.

The new rostrum shows similarities to others found in previous campaigns, with a relief decoration on the front representing a Montefortino helmet with three feathers on top. However, the marine encrustations covering it still prevent the verification of any inscriptions.

The Battle of the Aegates (aka Egadi Islands) saw a fleet of 200 Roman ships arrayed against 100 Carthaginian ships (many of them previously captured from Rome). The Roman navy won a decisive victory that led to Carthage’s surrender and the end of the war. The large number of ships in the comparatively small field explains the extraordinary concentration of rostra have been found in the waters of the Aegatean archipelago. Before the explorations at Aegates began, the number of rostra found could be counted on the fingers of one hand.



* This article was originally published here

‘गैर धर्म में शादी के लिए अपना रिलीजन बदला’:शर्मिला टैगोर बोली थीं- शादी के पहले पेरेंट्स को मिले थे धमकी भरे टेलीग्राम

एक्ट्रेस शर्मिला टैगोर और मंसूर अली खान पटौदी ने कुछ समय डेट करने के बाद शादी कर ली थी। जिस वक्त दोनों ने शादी की थी, उस समय इंटर-रिलीजन मैरिज जैसी चीजें अनसुनी थी। शादी के लिए शर्मिला को अपना धर्म भी बदलना पड़ा था। इसके बाद मंसूर अली ने उन्हें नया नाम आयशा दिया था। एक पुराने इंटरव्यू में सिमी गरेवाल से बात करते हुए शर्मिला टैगोर ने कहा था, ‘यह आसान नहीं था और न ही मुश्किल था। इसका सामना करना और समझना जरूरी था। आप इसके बारे में बहुत अधिक लापरवाह नहीं हो सकते। शादी से पहले मैं बहुत धार्मिक नहीं थी। अब मुझे लगता है कि मैं हिंदू धर्म और इस्लाम के बारे में ज्यादा जानती हूं।’ सास के साथ पहली मीटिंग में घबराई हुई थीं शर्मिला इस इंटरव्यू में शर्मिला ने अपनी सास नवाब बेगम साजिदा सुलतान के बारे में भी बात की। उन्होंने बताया कि वे एक-दूसरे के साथ अच्छा बॉन्ड शेयर करती थीं। उन्होंने कहा, ‘जब मैं पहली बार अम्मा से मिली, तब मैं निश्चित रूप से घबराई हुई थी। उन्होंने मुझसे पूछा था- आप मेरे बेटे के बारे में क्या सोचती हैं? इस पर मैंने कहा कि वे मुझे पसंद हैं। फिर उन्होंने सवाल किया कि आगे क्या करने का इरादा है? मैंने जवाब में कहा कि मुझे अभी तक नहीं पता, मैं अभी उनसे मिली हूं।’ ‘गैर धर्म में शादी करने पर जान से मारने की धमकियां मिली थीं’ बरखा दत्त के साथ एक पुराने इंटरव्यू में शर्मिला ने खुलासा किया था कि जब उन्होंने गैर धर्म में शादी करने का फैसला किया था, तब उन्हें जाने से मारने की धमकियां मिली थीं। उन्होंने कहा था, ‘जब कोलकाता में शादी हो रही थी, तब मेरे पेरेंट्स को टेलीग्राम मिल रहे थे कि शादी में गोलियां बोलेंगी। इस वजह से टाइगर के परिवार को भी थोड़ी चिंता सताने लगी थीं। हालांकि शादी और बाद में रिसेप्शन में कुछ नहीं हुआ था।'

from बॉलीवुड | दैनिक भास्कर https://ift.tt/GhrzQgd
via IFTTT

महेश भट्ट ने शाहरुख को बताया महान इंसान:बोले- उनके साथ मैंने 2 फ्लॉप फिल्म बनाई, फिर भी उनका रवैया पॉजिटिव रहा

फिल्ममेकर महेश भट्ट का कहना है कि शाहरुख खान स्टारर दो फिल्में बॉक्स ऑफिस पर पिट गई थीं, जिसे उन्होंने डायरेक्ट किया था। इतना बुरा होने के बाद भी शाहरुख ने उनसे दूरी नहीं बनाई। महेश भट्ट ने कहा कि कई फिल्मी सितारे उन डायरेक्टर्स से दूरी बना लेते हैं जो उनके साथ हिट फिल्में देने में सक्षम नहीं होते हैं। लेकिन शाहरुख का रवैया उनके प्रति बिल्कुल नहीं बदला था। ‘फ्लॉप फिल्म देने पर एक्टर का रवैया डायरेक्टर के प्रति बदल जाता है’ रेडियो नशा को दिए इंटरव्यू में महेश भट्ट ने कहा, ‘किसी ऐसे शख्स को ट्रीट करने के लिए एक राजा और सज्जन व्यक्ति की जरूरत होती है, जिसने कोई हिट फिल्म नहीं दी है। हमारा रिश्ता कॉमर्शियल होता है। यहां लेन-देन है। जब कोई डायरेक्टर किसी स्टार के साथ फ्लॉप फिल्म देता है तो अक्सर स्टार का रवैया बदल जाता है। फेलियर के बावजूद भी किसी व्यक्ति के प्रति आपके मन में जो सम्मान है उसे बरकरार रखने के लिए एक अलग तरह के नेचर की जरूरत होती है। इस वजह से यह दिखाता है कि वह (शाहरुख) किस तरह के या कितने अच्छे इंसान हैं। ’ फिल्ममेकर ने आगे कहा कि बुरी फिल्में भी अच्छी फिल्मों की तरह ही जुनून के साथ बनाई जाती हैं। ‘शाहरुख महान इंसान हैं’ यह पहली बार नहीं है कि महेश भट्ट ने शाहरुख खान की तारीफ की है। कुछ समय पहले उन्होंने पिंकविला को दिए इंटरव्यू में कहा था, ‘वे (शाहरुख) बहुत बड़े आदमी हैं। वे एक महान इंसान हैं।’ फरीदा जलाल बोली थीं- शाहरुख एक सीन को कई बार शूट करते हैं फरीदा जलाल ने फिल्म डुप्लीकेट में शाहरुख खान के साथ काम किया था। इस बारे में उन्होंने एक पुराने इंटरव्यू में कहा था, ‘शाहरुख सेट पर हमेशा एनर्जेटिक रहते हैं। फिल्म डुप्लीकेट में मैंने उनकी मां का रोल निभाया था। फिल्म के डायरेक्टर महेश भट्ट हमेशा परेशान रहते थे क्योंकि शाहरुख हर सीन को कई बार शूट करते थे। बता दें, शाहरुख ने महेश भट्ट की बेटी आलिया भट्ट के साथ फिल्म डियर जिंदगी में काम किया था। इसके अलावा वे आलिया की फिल्म डार्लिंग्स के को-प्रोड्यूसर रहे हैं।

from बॉलीवुड | दैनिक भास्कर https://ift.tt/2WZnfE7
via IFTTT

हेमा कमेटी पर सवाल किया तो भड़के एक्टर सुरेश गोपी:मीडिया से बदसलूकी की, बोले- कोर्ट हर बात का जवाब देगा

मलयालम फिल्‍मों के सुपरस्‍टार और केंद्रीय मंत्री सुरेश गोपी का एक वीडियो वायरल है। वीडियो में एक्टर पत्रकारों से बदसलूकी करते नजर आ रहे हैं। दरअसल, सुरेश मंगलवार को त्र‍िशूर के हरि निलयम गेस्ट हाउस से बाहर निकल रहे थे। यहां पत्रकारों ने उनसे बीजेपी अध्यक्ष के. सुरेंद्रन द्वारा सीपीएम विधायक मुकेश और जस्‍ट‍िस हेमा कमेटी की रिपोर्ट पर सवाल कर लिया। मुकेश पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगे हैं। यह सवाल सुनते ही सुरेश गोपी भड़क गए और उन्होंने पत्रकारों को धक्‍का दिया। एक्टर ने जाते-जाते यह भी कहा कि मामले में काेर्ट हर बात का जवाब देगा। कोर्ट का फैसला आने दो मुकेश पर लगाए गए आरोपों पर गोपी ने कहा, 'क्या अदालत ने मुकेश के बारे में कुछ कहा? तुम इस मामले का इस्तेमाल पैसे कमाने के लिए कर सकते हो। इसमें कोई दिक्कत नहीं है। लेकिन सभी शिकायतें इस समय सिर्फ आरोप हैं। तुम लोगों को क्या बता रहे हो? पहले कोर्ट का फैसला आने दो।’ हेमा कमेटी के सवाल पर उंगली दिखाई जस्‍ट‍िस हेमा कमेटी की रिपेार्ट सामने आने के बाद से मलयालम फिल्म इंडस्‍ट्री में एक्ट्रेसेस लगातार कई बड़े एक्टर्स और फिल्ममेकर्स पर आरोप लगा रही हैं। इस बारे में पूछे जाने पर भी सुरेश गोपी ने मीडिया को फटकार लगा दी। उन्होंने कार में सवार होने से पहले पत्रकार को धक्‍का दिया, उंगली दिखाकर उसे चेताया और फिर गाड़ी में बैठकर चले गए। इस खबर से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें... यौन शोषण के आरोप के बाद मलयालम मूवी-आर्टिस्ट एसोसिएशन भंग:एक्टर मोहनलाल समेत 17 मेंबर्स का इस्तीफा, इनमें से 3 के खिलाफ शिकायत यौन शोषण के आरोपों के बाद मलयालम मूवी आर्टिस्ट एसोसिएशन (AMMA) को मंगलवार, 27 अगस्त को भंग कर दिया गया। इससे AMMA के प्रेसिडेंट और पूरी खबर यहां पढ़ें... मीनू मुनीर ने सीनियर एक्टर पर लगाए गंभीर आरोप:कहा- शूटिंग के दौरान शारीरिक-वर्बल शोषण हुआ, मलयाली इंडस्ट्री छोड़ने का दबाव बनाया गया मलयाली फिल्म इंडस्ट्री बीते लंबे समय से विवादों से घिरी हुई है। कई मलयाली एक्ट्रेसेस और आर्टिस्ट ने दिग्गज अभिनेताओं पर यौन शोषण के आरोप लगाए हैं। पूरी खबर यहां पढ़ें... दुष्कर्म के आरोप में डायरेक्टर रंजीत के खिलाफ FIR:श्रीलेखा मित्रा ने शिकायत में कहा, रोल देने के लिए घर बुलाया फिर शरीर पर हाथ फेरने लगे मलयाली फिल्म इंडस्ट्री लगातार आ रहे शारीरिक शोषण के मामलों से विवादों में घिरी हुई है। इसी बीच बंगाली एक्ट्रेस श्रीलेखा मित्रा ने मशहूर मलयाली डायरेक्टर रंजीत पूरी खबर यहां पढ़ें...

from बॉलीवुड | दैनिक भास्कर https://ift.tt/cANFHsC
via IFTTT

‘Hitler’s People’ by Richard Evans review

‘Hitler’s People’ by Richard Evans review JamesHoare

* This article was originally published here

Nostalgic Indians flock to cinemas to watch old hits

Dozens of Indian films, some made more than 20 years ago, are being released again in cinemas - why?

from BBC News https://ift.tt/OYfXqI5

Nostalgic Indians flock to cinemas to watch old hits

Dozens of Indian films, some made more than 20 years ago, are being released again in cinemas - why?

from BBC News https://ift.tt/O1CTuj3

2,500-year-old iron fibula found in Poland

A rare heavy bronze brooch dating back 2,500 years has been discovered near the village of Śniatycze in the Lublin Voivodeship of southeastern Poland. It is only the fifth fibula of this type to be found in Poland, and the only one of them not to have been found in a grave of the Lusatian culture.

Discovered by a metal detectorist working with the official permission of the Provincial Office for the Protection of Monuments in Lublin, the fibula is 7cm (2.8 inches) long and 2.4 cm (1 inch) wide at the widest point of the almond-shaped bow. The top surface of the bow is decorated with two parallel lines. One end of the bow bends down into a sheath for the fastening needle. The sheath then bends back upwards and is topped by a button shield 1.4 cm (.6 inches) in diameter. The spring and needle are lost, but the rest of the brooch is intact.

The shape, massiveness and decoration identifies it as an ornament of the last period of the Lusatian culture, the Hallstatt D period (ca. 550-400 years B.C.).

‘This find is of great importance to archaeologists. Both from a conservation point of view, because we have a new archaeological site and it may be a Lusatian culture cemetery, and from a research and cognitive point of view’, says Wiesław Koman, an archaeologist from the Zamość branch of the Provincial Office for the Protection of Monuments in Lublin.

The metal detectorist who found the fibula also found two medieval weapons in the same location: an iron flail head and an iron battle axe.

Scientists date the flail head, an early medieval weapon, to the 11th-13th century. The object has a rounded body, approx. 7 cm long and approx. 2.7 cm thick, and a large hole for attaching a rope or strap. There are visible signs of damage on its surface.

The iron battle axe is dated to the 13th-15th century. The weapon is 15 cm long, has a slightly arched blade – up to 6.7 cm – and a head measuring 3 by 2.5 cm. Scientists assessed the condition of the axe as very good.

Archaeologists plan to return to the site to survey it thoroughly. The artifacts discovered thus far will be transferred to the Zamość Museum.



* This article was originally published here

Why Gen Z & Millennials are hung up on answering the phone

A recent survey found a quarter of people aged 18 to 34 never answer the phone.

from BBC News https://ift.tt/pE39WQc

जब एंबुलेंस से ‘लगान’ के सेट पर पहुंचे एके हंगल:86 की उम्र में दिया था परफेक्ट शॉट, पद्म भूषण मिलने पर बोले- इसका क्या करूंगा

फिल्म ‘शोले’ का मशहूर डायलॉग ‘इतना सन्नाटा क्यों है भाई...’ सुनते ही मन में जिस एक्टर की छवि उभरती है उनका नाम है अवतार किशन हंगल। आजादी के बाद पाकिस्तान से भारत आए और 52 साल की उम्र में बॉलीवुड डेब्यू करने वाले ए.के. हंगल साहब की आज 12वीं पुण्यतिथि है। एक नजर उनकी लाइफ जर्नी पर… 86 की उम्र में फ्रैक्चर बोन के साथ शूट किया- अखिलेंद्र मिश्रा हंगल साहब की पुण्यतिथि पर दैनिक भास्कर ने फिल्म ‘लगान’ में उनके साथ काम करने वाले एक्टर अखिलेंद्र मिश्रा से बात की। अखिलेंद्र ने बताया, ‘हम जब ‘लगान’ की शूटिंग कर रहे थे तब हंगल साहब सेट पर बाथरूम में गिर गए थे। इसके बाद उनको हॉस्पिटल में एडमिट किया गया। उन्हें दो महीने का बेड रेस्ट दिया गया। इसके बावजूद वो एम्बुलेंस में सेट पर आए। वो स्ट्रेचर पर आए... उठकर अपनी खटिया पर बैठे... एक बार गाना सुना और एक ही टेक में ओके कर दिया। लगभग 86 साल की उम्र में हंगल साहब का कमर में फ्रैक्चर होने के बावजूद भी इतना परफेक्शन देखकर सेट पर सभी ने उनके लिए बहुत देर तक तालियां बजाईं।’ बोले- लाइट्स ठीक नहीं, मुझे गर्मी महसूस नहीं हो रही अखिलेंद्र ने आगे कहा- ‘हंगल साहब का एक किस्सा बीपी सिंह जी बताते हैं जो ‘आहट’ और ‘CID’ के डायरेक्टर थे। हंगल साहब जब ‘आहट’ के एक एपिसोड की शूटिंग कर रहे थे तब उन्होंने बीपी सिंह को बुलाकर कहा कि मेरे ऊपर लाइट थोड़ा कम है। बीपी सिंह ने जाकर चेक किया तो वाकई लाइट थोड़ी कम थी। उन्होंने उसे ठीक किया और शॉट देने के बाद हंगल साहब से पूछा कि उन्हें कैसे पता चला कि लाइट कम थी, तो हंगल साहब ने जवाब दिया कि मैं लाइट की गर्मी ठीक तरह से महसूस नहीं कर पा रहा था।’ कभी टेलर हुआ करते थे इसलिए खुद अपने कपड़े डिजाइन करते थे उनका पहनावा जो था वो एक-दम क्लासी था। उनके व्यक्तित्व में ही अलग आकर्षण था। वो खुद अपने कपड़े डिजाइन करते थे क्योंकि एक जमाने में वो टेलरिंग करते थे। उन्हें लगता कि कोई और क्या ही मेरे कपड़े डिजाइन करेगा.. मैं खुद करता हूं। ‘शोले’ के किरदार में अपनी आंखें ढूंढते थे एक बार हमने उनसे पूछा कि हंगल साहब आपने ‘शोले’ में जो अंधे का रोल किया उसका कैरेक्टराइजेशन कैसे किया? उन्होंने बताया कि मेरे लिए चैलेंजिंग था, क्योंकि इससे पहले कई एक्टर्स अंधे का रोल कर चुके थे। ऐसे में मैंने अपने कैरेक्टर को ऐसे डिजाइन किया जैसे वो अपनी आंख ढूंढ रहा है। कहना यह है कि कुछ इस तरह वो अपने किरदारों को डिटेल्स के साथ निभाते थे। संजीव कुमार को बैक स्टेज से उठाकर हीरो बनाया मैं उनके साथ थिएटर के दिनों से काम करता आ रहा था। उनके घर आता-जाता था। वो मुझे थिएटर की बारीकियां सिखाते थे। एक बार उन्होंने अपना एक किस्सा सुनाया कि जब 1955 में वो डमरू प्ले डायरेक्ट कर रहे थे तब फाइनल शो में लीड एक्टर आया नहीं। एक लड़का आया जो बैक स्टेज काम करता था और उनसे पूछा कि आपको एतराज ना हो तो ये रोल मैं कर दूं ? हंगल साहब ने उसे डांट कर भगा दिया। जब तीसरी घंटी तक लीड एक्टर नहीं आया तो हंगल साहब ने उस लड़के को बुलाया और बोला तुम ही लीड रोल कर लो। उस लड़के ने लीड एक्टर से बेहतर काम किया और उसका नाम था संजीव कुमार।' हमने उन्हें अप्रोच किया तो बहुत खुश हुए: रविंद्र गौतम 98 साल की उम्र तक काम करने वाले हंगल साहब का आखिरी प्रोजेक्ट टीवी शो ‘मधुबाला’ था। इसके डायरेक्टर रविंद्र गौतम ने भास्कर को दिए इंटरव्यू में बताया, 'हमने इस शो को हिंदी सिनेमा के 100 साल पूरे होने पर शुरू किया था। हम चाहते थे कि शो में किसी एक ऐसे इंसान को कास्ट करें जिसने हिंदी सिनेमा की कई जनरेशन देखी हो। हमने हंगल साहब को अप्रोच किया तो वो बहुत ज्यादा खुश हुए। आते ही पूछा- स्क्रिप्ट कहां है? हंगल साहब जब ‘मधुबाला’ के सेट पर आए तब उनकी उम्र 97 साल थी। सेट पर उनके सम्मान में हर कोई खड़ा हुआ। हमने उन्हें सेट पर एक अलग से रूम दिया जिसमें उनके लिए एक बेड था। हमने कहा कि सर आप आराम कीजिए, शॉट रेडी करके हम आपको बुला लेंगे तो वो बोले कि बुला तो लेंगे पर स्क्रिप्ट कहां है? फिर वो बोले कि एक आदमी भेज दीजिए मेरे साथ लाइन्स के लिए..। शॉट से पहले बोले- रिहर्सल तो कर लो जहां हम सोच रहे थे कि उनका शॉट जल्दी से लेकर उन्हें फ्री कर दें, वहां वो शॉट से पहले हमें टोकते हुए बोले कि रिहर्सल तो कर लो भाई…! उस वक्त हमें बड़ी शर्म आई कि अरे यार ये काम जल्दी-जल्दी खत्म करने के चक्कर में हम क्राफ्ट का प्रोसेस फॉलो करना तो भूल ही गए और ये शख्स 97 की ऐज में भी रिहर्सल के लिए तैयार है। बोले- नामकरण के बाद सेवई की खीर खाऊंगा इसके बाद जब उन्होंने शॉट दिया तब उन्होंने पूरी एक्टिंग प्रोसेस एंजॉय की। उन्होंने कोई री-टेक नहीं लिया। ऑन द स्पॉट सबकुछ इम्प्रोवाइज कर लिया। सीन ओके होने के बाद हंगल साहब बोले कि यह नामकरण का सीन था ना? तो नामकरण के बाद सेवई की खीर खाते हैं, फिर हमने सेट पर उनके लिए खीर मंगवाई थी। वो 97 की ऐज में भी हमें डेडिकेशन सिखा गए जब वो सेट से जा रहे थे तब हमारे लिए बहुत ही इमोशनल मोमेंट था। उस उम्र में उन्होंने अपनी क्राफ्ट के लिए जो पैशन दिखाया, वो देखकर हम हैरान रह गए। वो इतना डाउन टु अर्थ थे कि सेट पर आने के बाद मुझसे पूछते थे कि मेरा सीन क्या है सर? हंगल साहब थोड़ी से देर में हमें यह सिखा गए कि डेडिकेशन क्या चीज है। आज के दौर में कई सीनियर एक्टर्स बैठे रहते हैं और स्टार्स आकर बोलते हैं कि सर प्लीज पहले मेरा शॉट कर लीजिए.. वहीं 97 की ऐज में वो खराब तबीयत में भी मुझसे एक बार भी नहीं बोले कि मेरा शॉट जल्दी ले लो। उन्होंने पूरा इंतजार किया डायरेक्टर के इंस्ट्रक्शंस का। मैंने लाइफ में बड़े स्टार्स के साथ ज्यादा काम तो किया नहीं तो मेरे लिए यही सबसे बड़ी उपलब्धि है कि मैंने ‘शोले’ से जुड़े एक्टर के साथ काम किया। वो हमें काफी कुछ सिखाकर गए।

from बॉलीवुड | दैनिक भास्कर https://ift.tt/XY7eIZn
via IFTTT

Why Gen Z & Millennials are hung up on answering the phone

A recent survey found a quarter of people aged 18 to 34 never answer the phone.

from BBC News https://ift.tt/dl3uxMk

मलयालम एक्ट्रेसेस से यौन शोषण के आरोप, SIT बनी:हेमा कमीशन की रिपोर्ट में दावा- हीरो करते हैं मनमानी, रोल के बदले फेवर मांगते हैं मेकर्स

केरल सरकार ने मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में यौन शोषण के आरोपों की जांच के लिए एक सीनियर पुलिस अधिकारी के नेतृत्व में एक विशेष जांच दल (SIT) बनाने का फैसला किया है। दरअसल 19 अगस्त को हाईकोर्ट की पूर्व जज हेमा ने मलयालम इंडस्ट्री में एक्ट्रेसेस के साथ हो रहे र्दुव्यवहार को लेकर केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन को 295 पन्नों की एक रिपोर्ट सौंपी थी। इस रिपोर्ट में मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में चल रहे कास्टिंग काउच और सेक्सुअल हैरेसमेंट जैसे गंभीर मुद्दों का जिक्र है। इस रिपोर्ट की कॉपी आरटीआई एक्ट के तहत मीडिया को भी सौंपी गई है। एक्टर सिद्दीकी पर दुष्कर्म का आरोप, राज्य फिल्म पुरस्कार जीत चुके इस बीच एक मलयाली एक्ट्रेस ने एक्टर सिद्दीकी पर दुष्कर्म का आरोप लगाया। जिसके बाद सिद्दीकी ने असोसिएशन ऑफ मलयालम मूवी आर्टिस्ट्स के महासचिव पद से इस्तीफा दे दिया। बता दें कि 300 मलयालम फिल्मों में काम कर चुके सिद्दीकी फिल्म सासनेहम सुमित्रा के लिए केरल राज्य फिल्म पुरस्कार से सम्मानित हो चुके हैं। दूसरी ओर, एक और एक्ट्रेस ने नंदनम जैसी अवॉर्ड विनिंग फिल्म का निर्देशन करने वाले रंजीत पर दुर्व्यवहार का आरोप लगाया है। इसके बाद उन्होंने केरल चित्रकला अकादमी के प्रमुख पद से इस्तीफा दे दिया है। एक्ट्रेस के अनुसार पालेरी मानिक्यम फिल्म के निर्माण के दौरान रंजीत ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया था। महिलाओं ने लगाए गलत डिमांड के आरोप कमीशन की रिपोर्ट फिल्म इंडस्ट्री के अंदर हुई कई ऐसी घटनाओं पर सवाल खड़े करती है, जिससे मलयालम फिल्म इंडस्ट्री का वर्क कल्चर सवालों के घेरे में है। रिपोर्ट के मुताबिक मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में काम करने वाली कई महिलाओं ने आरोप लगाया है कि काम शुरू करने से पहले ही उनके साथ गलत डिमांड की जाती है। रिपोर्ट में लिखा गया है कि ये चकाचौंध से भरी दुनिया है जिसमें दूर से सब सही लगता है लेकिन अंदर से यह पूरी तरह घ‍िनौनी है। मेल एक्टर्स और मेकर्स का दबदबा रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि मलयालम फिल्म इंडस्ट्री कुछ मेकर्स, निर्देशकों और एक्टर्स के नियंत्रण में है। ये सभी पुरुष हैं। वे पूरे मलयालम फिल्म इंडस्ट्री को नियंत्रित करते हैं और वहां काम करने वाले लोगों पर हावी होते हैं। इन पावरफुल लोगों के ग्रुप को 'माफिया' कहा गया है क्योंकि वे अपने खिलाफ बोलने वालों के करियर को बर्बाद करने की ताकत रखते हैं। रिपोर्ट में कुछ बड़े एक्टर्स के इस ग्रुप शामिल होने का दावा किया गया है। 2017 में हुआ था हेमा कमीशन का गठन 2017 में एक मलयाली एक्ट्रेस पर यौन उत्पीड़न का आरोप 7 लोगों पर लगा था। इस मामले में मलयाली सुपरस्टार दिलीप को गिरफ्तार भी किया गया। इसके बाद फिल्म इंडस्ट्री में महिलाओं की स्थिति जांचने के लिए सीएम पिनाराई विजयन ने केरल हाईकोर्ट के पूर्व जज की अध्यक्षता में हेमा कमेटी का गठन किया था। दिसंबर 2019 में यह रिपोर्ट सरकार को सौंपी गई। हालांकि, कानूनी अड़चनों की वजह से यह रिपोर्ट अब तक सार्वजनिक नहीं हुई थी।​​​​​​​

from बॉलीवुड | दैनिक भास्कर https://ift.tt/EvJBHPt
via IFTTT

17th c. Japanese sword found in bombed out Berlin cellar

German archaeologists made an unexpected discovery in an excavation of Molkenmarkt, the oldest square in Berlin: a 17th century Japanese short sword. It was found in the winter of 2022 in the former cellar of a residential building destroyed in World War II. At that time, archaeologists thought it was a military parade sword, and only realized its far more exotic origins after conservation uncovered its details.

The cellar had been filled in with war rubble during the reconstruction of the street. When the Berlin State Office for Monuments archaeologists cleared the rubble and reached the cellar floor, they found all kinds of military gear — harnesses, bridles, stirrups — and one heavily corroded sword. The objects were sent to the Museum of Prehistory and Early History for conservation and analysis.

Restorers cleaned the surface of dirt, corrosion materials and char from World War II bombs, revealing that the “parade sword” was in fact a Wakizashi, a Japanese short sword. It had been severely damaged by heat, but remarkably, the wood grip, fragments of textile wrapping and ray skin still survived. The face of Daikoku, one of the seven gods of luck, was found engraved on the slender handle ferrule.

X-rays showed that the blade, now 10 inches long, had been shortened and the handle was likely added later. The imaging also showed two holes in the tang, but only one of them had a pin and was being used to attach the handle to the blade. This suggests the shortened blade is significantly older than the handle, perhaps even dating back to the 16th century.

How the Wakizashi, the possession of which was once reserved for dignitaries as a status-related weapon, ended up in a filled-up basement of a Berlin residential and commercial building can only be speculated at this point. Perhaps the sword was a gift from the Takenouchi Mission in 1862 or the Iwakura Mission of Japanese ambassadors who visited Europe and the rest of the Western world eleven years later to build relationships and gather impressions. The spatial proximity of the Molkenmarkt with its surrounding aristocratic palaces to the Berlin Palace suggests this. Wilhelm I received the Japanese embassy of the Takenochi Mission in the palace when he was still king, and in 1873 when he was emperor he received the embassy of the Iwakura Mission. However, the origin of the sword cannot be linked to the biographies of the then house owners of Stralauer Strasse at Molkenmarkt.

The sword went on display for the first time at Berlin’s Samurai Museum last night for a few hours as part of the Long Night of Museums, and will soon be exhibited at the PETRI Berlin archaeological museum.



* This article was originally published here

Amy Winehouse Live Lounge performance voted best of 25 years

The late singer's rendition of Valerie won against Stormzy, Arctic Monkeys, Adele and Dua Lipa.

from BBC News https://www.bbc.com/news/articles/cr7r017y41jo

'Very demure, very mindful' - are we missing the joke of viral trend?

A demure TikTok has gone viral, but is it an ironic joke or does it set unrealistic standards for women?

from BBC News https://ift.tt/w3LYuiT

Reading Festival's 'TikTok stage' pulls in the crowds

For the first time ever, the long-running music festival has a stage dedicated to all things Gen Z.

from BBC News https://ift.tt/WvVLnHg

Reading Festival's 'TikTok stage' pulls in the crowds

For the first time ever, the long-running music festival has a stage dedicated to all things Gen Z.

from BBC News https://ift.tt/7hlC2bZ

Copper Age cist tomb unearthed in Valtellina

Archaeologists have unearthed a prehistoric cist tomb at the site a new primary school gym in Berbenno di Valtellina, a town in northern Italy’s Lombardy region. The tomb contains the remains of at least two individuals and preliminary dating indicates it is at least 4,000 years old.

The cist, the first of its kind found in the Valtellina area, is a rectangular cut lined with stone slabs. One of the slabs is much older than the tombs: it is around 5,000 years old and is a stele, shaped and engraved with several objects that suggest it represents a male type. It may have originally been part of a standing stone alignment in a sanctuary. The burial was originally surrounded by a stone circle and likely a mound.

“It can certainly be said that what is emerging from the excavations represents one of the most important archaeological discoveries ever made in Valtellina – says Stefano Rossi, archaeologist of the Superintendency – Several artifacts recovered since the nineteenth century had already indicated that human presence in Berbenno dated back at least to the Bronze Age, but these new findings move the frequentation of the area back at least a thousand years. In particular, the stele statue constitutes the most western testimony of this important cultural phenomenon, dating back to over five thousand years ago. I thank the municipal administration that, understanding the importance of the site, is working to deal with the costs and delays caused by the excavation operations. I am sure that the current inconveniences will be amply repaid by the importance of these findings”.



* This article was originally published here

एडल्ट स्टार चार्लोट की हत्या की भयावह कहानी:​​​​​​​सिरफिरे ने हथौड़े से पीटकर जान ली, फिर 15 टुकड़े कर 2 महीनों तक फ्रिज में छिपाकर रखे

आपने साल 2022 के श्रद्धा वालकर मर्डर केस के बारे में जरूर सुना होगा, जिसमें उसके लिव-इन पार्टनर ने पहले उसका कत्ल किया, फिर लाश के टुकड़े किए और उन्हें दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में ठिकाने लगा दिया। हत्यारा महीनों तक श्रद्धा के मोबाइल से उसके परिजनों और दोस्तों को मैसेज कर उनके जिंदा होने का एहसास दिलाता रहा। इस हत्याकांड का जिक्र इसलिए किया जा रहा है, क्योंकि ठीक उसी साल एक एडल्ट इटालियन मॉडल और स्टार चार्लोट एंजी के साथ भी ऐसी ही घटना हुई थी। एक रोज अचानक चार्लोट एंजी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म छोड़ दिया और लोगों के कॉल रिसीव करने बंद कर दिए। बातचीत का इकलौता जरिया था मैसेज। हफ्ते बीते, लेकिन किसी ने उनकी आवाज नहीं सुनी। जब भी कोई उनसे मुलाकात करना चाहता, तो वो साफ इनकार कर देती थीं। फिर एक रोज अखबारों में एक अज्ञात लाश के 11 टैटू की तस्वीरें छापी गईं। ये ठीक वैसे ही टैटू थे, जैसे चार्लोट एंजी के शरीर पर बने थे। जब करीबियों ने खबर लेने के लिए चार्लोट से संपर्क किया तो उन्होंने मैसेज कर जवाब दिया, ये टैटू मेरी तरह ही लगते हैं, लेकिन खुशकिस्मती से मैं ठीक हूं। हालांकि जब जांच की रफ्तार तेज हुई तो कई चौंका देने वाले खुलासे हुए। चार्लोट की मौत 2 महीने पहले ही हो चुकी थी। जो शख्स उनके फोन से मैसेज कर रहा था, वो कोई और नहीं बल्कि उनका हत्यारा था। आज अनसुनी दास्तान के 3 चैप्टर्स में पढ़िए, चार्लोट एंजी की मर्डर मिस्ट्री और चौंका देने वाले खुलासों की भयावह कहानी- 23 दिसंबर 1995, चार्लोट एंजी का जन्म इटली के सेस्टो कालेंडे वरीसी में हुआ था। उनका असली नाम कैरॉल मर्टेसी था। हालांकि एडल्ट फिल्मों का हिस्सा बनने के बाद उन्होंने अपना नाम बदल लिया। गरीब परिवार में जन्मीं चार्लोट ने होश संभालते ही छोटी-मोटी नौकरियां करनी शुरू कर दी थीं। तकरीबन 22 साल की उम्र में उन्होंने एक परफ्यूम शॉप में बतौर सेल्सगर्ल काम करना शुरू किया था। काम ठीकठाक चल ही रहा था कि कोविड महामारी आते ही उनकी नौकरी चली गई। नौकरी जाने से उनका गुजारा करना मुश्किल होने लगा तो उन्होंने सोशल मीडिया पर बोल्ड तस्वीरें और वीडियोज पोस्ट करनी शुरू कर दी। समय के साथ उनके फॉलोअर्स की लिस्ट में इजाफा होने लगा और उन्हें पूरे इटली में पहचान मिलने लगी। समय के साथ उन्हें एडल्ड स्टार का दर्जा दिया जाने लगा और बढ़ती पॉपुलैरिटी के चलते वो सेस्टो कालेंडो से इटली के मिलान शहर की लोंबोर्डी मेट्रोपॉलिटन सिटी में शिफ्ट हो गईं। उनकी फैन फॉलोइंग में ऐसा इजाफा हुआ कि उन्हें कई एडल्ट फिल्मों में रोल दिया जाने लगा। एक्ट्रेस चार्लोट एंजी ने फेक टेक्सी और गोंजो जैसी टीवी सीरीज में भी काम किया। 20 जनवरी 2022 की बात है, चार्लोट ने अचानक लोगों से संपर्क करना बंद कर दिया। दोस्त हों, रिश्तेदार हों या कलीग, चार्लोट ने हर किसी के कॉल इग्नोर करने शुरू कर दिए। अचानक ही उन्होंने अपने सभी सोशल मीडिया अकाउंट भी डिलीट कर दिए। घरवालों के पास लगातार चार्लोट के मैसेज आया करते थे, जिसमें वो दावा करती थीं कि वो किसी काम से देश से बाहर गई हुई हैं और जल्द ही वो एडल्ट फिल्म इंडस्ट्री छोड़ देंगी। सबने चैट पर बताई उनकी कहानी पर यकीन कर लिया और उनसे सिर्फ चैट पर बात करने लगे। 20 मार्च 2022 टेलीग्राफ की रिपोर्ट के अनुसार, मिलान से 2 घंटे की दूरी पर नॉर्दर्न इटालियन रीजन के गांव पालीन के पास स्थित रिज से गुजरते हुए एक बुजुर्ग आदमी की नजर एक कटे हुए हाथ पर पड़ी। ब्लैक प्लास्टिक बैग से निकल रहे उस हाथ में लेवेंडर नेलपेंट लगी हुई थी। हाथ मिलने पर पुलिस को इन्फॉर्म किया गया, जिसके बाद पुलिस ने आसपास के इलाके की छानबीन शुरू कर दी। जांच में पुलिस को एक महिला के शरीर के करीब 15 टुकड़े काले प्लास्टिक बैग्स में मिले, जिनमें एक सिर भी था। लाश के टुकड़े बुरी तरह सड़ चुके थे, वहीं सिर भी पूरी तरह जला हुआ था, जिससे चेहरे की पहचान कर पाना मुश्किल था। पुलिस ने लाश मिलते ही हाल-फिलहाल में की गई मिसिंग कम्प्लेंट को खंगालना शुरू किया, हालांकि इससे कोई मदद नहीं मिली। जब पोस्टमॉर्टम के दौरान लाश के टुकड़ों को जोड़ा गया तो पुलिस ने देखा कि महिला के शरीर पर कुल 11 टैटू थे। पुलिस ने महिला की पहचान करने के लिए अखबारों में उनके शरीर के 11 टैटू की तस्वीरें पब्लिश करवाईं। अखबारों में टैटू देखकर फिक्रमंद हुए दोस्त-रिश्तेदार जैसे ही इटली के अखबारों में अज्ञात लाश के टैटू की तस्वीरें सामने आईं तो चार्लोट एंजी के करीबी परेशान हो गए, क्योंकि ठीक वैसे ही टैटू उनके शरीर पर भी थे। खुद को देश से बाहर बताने वालीं चार्लोट से जब टैटू की पहचान कर मैसेज के जरिए संपर्क किया गया, तो उन्होंने जवाब में कहा, “ये टैटू मेरी तरह ही लगते हैं, लेकिन खुशकिस्मती से मैं ठीक हूं”। चार्लोट के मैसेज से उनके करीबियों को तसल्ली हो गई। मार्च में एक फैन ने दर्ज करवाई मिसिंग कम्प्लेंट 11-13 मार्च के बीच चार्लोट को लैप डांसिंग क्लब लक्सी मिलानो में आयोजित हो रहे लक्सी इरोटिक फेस्टिवल में परफॉर्म करना था। उस इवेंट में चार्लोट को देखने के लिए सैकड़ों लोग जमा हुए, लेकिन वो वहां पहुंची ही नहीं। इस बात से एक फैन को शक हुआ और उसने चार्लोट के बारे में जानकारी जुटानी शुरू कर दी। जब उनकी कहीं कोई खबर नहीं मिली, तो उस फैन ने चार्लोट की मिसिंग कम्प्लेंट दर्ज करवाई। इसी बीच इटालियन रिपोर्टर एंड्रीय टोर्टोली ने भी चार्लोट के टैटू की तस्वीरें लाश के टैटू से मैच कर लीं। रिपोर्टर ने सूचना मिलते ही खुफिया तरीके से जांच शुरू कर दी। जब रिपोर्टर ने चार्लोट के वॉट्सएप पर मैसेज किए, तो चंद घंटों में ही उन्हें रिप्लाई मिलने लगे। चार्लोट के नंबर से आ रहे जवाब रिपोर्टर को संदिग्ध लगे। उसने पहचान साबित करने के लिए चार्लोट से वॉयस नोट भेजने को कहा, लेकिन इसके बाद से ही चार्लोट के जवाब मिलने बंद हो गए। स्थिति संदिग्ध लगने पर रिपोर्टर ने पुलिस को सूचित किया। जब डीएनए टेस्ट करवाया गया तो वाकई वो लाश के टुकड़े, एडल्ट स्टार चार्लोट एंजी के निकले। अब हर किसी का पहला सवाल था कि अगर चार्लोट की मौत हो चुकी है, तो पिछले दो महीने से उनके नंबर से मैसेज करने वाला शख्स कौन है? चार्लोट एंजी की रिपोर्ट से सामने आया कि उनकी हत्या महीनों पहले ही की जा चुकी थी। उनकी मौत की वजह मारपीट और एक्सेसिव ब्लड लॉस बताई गई। हत्यारे तक पहुंचने के लिए पुलिस ने जांच की रफ्तार तेज कर दी। इस दौरान पुलिस के सामने चार्लोट के 43 साल के पड़ोसी डेविड फोनटाना का नाम सामने आया, जो एक प्रोफेशनल बैंकर और फूड ब्लॉगर थे। जब उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया गया, तो बयान में उन्होंने कहा कि वो चार्लोट को जानते थे, लेकिन उन्हें उनकी गुमशुदगी या हत्या की कोई जानकारी नहीं है। पूछताछ के दौरान डेविड का संदिग्ध रवैया पुलिस को खटक रहा था। इटली पुलिस ने मामले की तह तक जाने के लिए कुछ प्राइवेट डिटेक्टिव हायर किए, जिनसे ये पता लगा कि कुछ महीनों पहले डेविड और चार्लोट को कई मौकों पर साथ देखा गया था। दोनों की मुलाकातों से जुड़ी कुछ सीसीटीवी फुटेज भी पुलिस के हाथ लगीं। आखिरकार दोनों की नजदीकियों की जानकारी मिलते ही पुलिस ने डेविड के घर का सर्च वारंट जारी किया। घर की तलाशी लेने पर वहां ठीक वैसे ही काले प्लास्टिक बैग मिले, जिस तरह के बैग में चार्लोट की लाश मिली थी। पुलिस ने तुरंत घर को सील कर फोरेंसिक टीम बुलाई और डेविड को गिरफ्तार कर लिया। दोबारा डेविड से सख्ती से पूछताछ की गई। इस बार डेविड टूट गया। कई बार अपने बयान बदलने के बाद आखिरकार डेविड ने असल कहानी सुनाई। उसने बताया कि 20 जनवरी को चार्लोट उससे मिलने घर आई थीं। डिनर के बाद दोनों इरोटिक गेम खेलते हुए संबंध बना रहे थे, उसने चार्लोट को बिस्तर से बांधा हुआ था। वो हथोड़े का इस्तेमाल कर वीडियो रिकॉर्ड कर ही रहे थे कि इसी बीच आपा खोते हुए डेविड ने चार्लोट पर हथोड़े से हमला कर दिया। बंधीं हुईं चार्लोट अपना बचाव नहीं कर सकीं और डेविड ने सिरफिरेपन में उन पर हथोडे से कई वार करते हुए उनकी हत्या कर दी। मौत से ठीक पहले डेविड ने जो वीडियो रिकॉर्ड किया था, वो उनके फोन से रिकवर की गई थी। हत्या के बाद उसने शरीर के 15 टुकड़े किए। चेहरे को कुचला और फिर उसमें आग लगा दी। हत्या के बाद डेविड ने चार्लोट की लाश के टुकड़े करीब 2 महीनों तक अपने घर के फ्रिज में छिपाकर रखे और आम जिंदगी जीता रहा। उसने चार्लोट का मोबाइल अपने पास ही रखा, जिससे वो उनके करीबियों को उनके जिंदा होने का एहसास दिलाता रहा। करीब 2 महीने बाद जब मैसेज और कॉल का सिलसिला बढ़ने लगा तो उसने सभी टुकड़ों को बैग में भरकर एक ब्रिज से फेंक दिया। चार्लोट एंजी की हत्या करने पर डेविड फोनटानो को 30 साल की कैद की सजा सुनाई गई है।

from बॉलीवुड | दैनिक भास्कर https://ift.tt/LyNpuSC
via IFTTT

I am sorry and ashamed after BBC sacking - Jenas

The former Match of the Day and One Show presenter admitted sending "inappropriate messages" to colleagues.

from BBC News https://ift.tt/xYOQ3iJ

I am sorry and ashamed after BBC sacking - Jenas

Jenas, who was sacked over allegations he sent inappropriate messages to colleagues, has spoken to the Sun.

from BBC News https://ift.tt/CDfPk6m

Critics are mixed over Sabrina Carpenter's album

The US singer has released her hotly-anticipated sixth album after the success of her single Espresso.

from BBC News https://ift.tt/dSy1RH2

Gustav Vasa: The Father of Modern Sweden?

Gustav Vasa: The Father of Modern Sweden? JamesHoare

* This article was originally published here

New Order cancel gig amid weather warning

The organisers say customers will automatically receive a refund.

from BBC News https://ift.tt/V5bfYwJ

Studio pulls Megalopolis trailer over fake quotes

The fantasy epic from Francis Ford Coppola received mix reviews at this year's Cannes film festival.

from BBC News https://ift.tt/gDvE2aK

Studio pulls Megalopolis trailer over fake quotes

The fantasy epic from Francis Ford Coppola received mix reviews at this year's Cannes film festival.

from BBC News https://ift.tt/BxwM7aC

The Traitors: First UK celebrity series announced

A fourth series for members of the public has been commissioned, with a third already filmed.

from BBC News https://ift.tt/0MmxpQr

Why Do Civil Wars Happen?

Why Do Civil Wars Happen? JamesHoare

* This article was originally published here

Let It Airbnb... Beatles venue turned into holiday flats

The Beatles played The Casbah Coffee Club in Liverpool over 40 times at the start of their career.

from BBC News https://ift.tt/x285jIR

Writer calls for more working-class people in TV

He says class should be considered as a diversity metric as much as other forms of representation.

from BBC News https://ift.tt/DbdEnLQ

Let It Airbnb... Beatles venue turned into holiday flats

The Beatles played The Casbah Coffee Club in Liverpool over 40 times at the start of their career.

from BBC News https://ift.tt/lVcEb8w

‘A Revolutionary Friendship’ by Francis D. Cogliano review

‘A Revolutionary Friendship’ by Francis D. Cogliano review JamesHoare

* This article was originally published here

Jennifer Lopez files for divorce from Ben Affleck

Lopez listed the date of their separation as 26 April in court documents filed in Los Angeles on Tuesday.

from BBC News https://ift.tt/kGBf2hQ

Jennifer Lopez files for divorce from Ben Affleck

Lopez listed the date of their separation as 26 April in court documents filed in Los Angeles on Tuesday.

from BBC News https://ift.tt/KNuP43k

Clean Bandit: We were told to stop making pop music

After four billion streams, the band were pushed to change direction. Here's what happened next.

from BBC News https://ift.tt/2lBP7rR

‘The Tame and the Wild’ by Marcy Norton review

‘The Tame and the Wild’ by Marcy Norton review JamesHoare

* This article was originally published here

ತಿಮ್ಮಪ್ಪನ ಭಕ್ತರಿಗೆ ಗುಡ್​​ನ್ಯೂಸ್; ಹೊಸ ಸೇವೆಗೆ ಟಿಟಿಡಿ ಗ್ರೀನ್ ಸಿಗ್ನಲ್, ಈ ಸಮಸ್ಯೆ ಇನ್ನು ಇರೋದಿಲ್ಲ


via Breaking News News in Kannada, Breaking News Latest News, Breaking News News https://ift.tt/6LMDWpr

बोनी कपूर ने घटाया 14 किलो वजन:फोटो शेयर कर बोले- 8 किलो और घटाऊंगा, दिवंगत पत्नी श्रीदेवी को बताया अपनी इंस्पिरेशन

दिवंगत एक्ट्रेस श्रीदेवी के पति और फिल्म प्रोड्यूसर बोनी कपूर ने हाल ही में इंस्टाग्राम पर अपना एक फोटो शेयर किया। इस फोटो में बोनी का गजब का ट्रांसफॉर्मेंशन नजर आ रहा है। इस फोटो को शेयर करते हुए बोनी ने बताया कि उन्होंने 14 किलो वजन कम कर लिया है और अभी वो 8 किलो वजन और कम करेंगे। बोनी ने यह भी भी बताया कि उनके इस ट्रांसफॉर्मेशन के पीछे की इंस्पिरेशन उनकी दिवंगत पत्नी श्रीदेवी है। वो हर वक्त मेरे साथ रहती है: बोनी फोटो शेयर करते हुए बोनी ने कैप्शन में लिखा, ‘बाल मोटे और घने हो रहे हैं। मैं बेहतर दिखने लगा हूं। 14 किलो वजन कम कर लिया, अभी 8 किलो और कम करना है। मेरी इंस्पिरेशन मेरी जान है। उसकी आर्ट मेरे साथ है, उसकी सोच हमेशा मेरे साथ है, वो खुद पूरे वक्त हमेशा मेरे साथ रहती है।’ भाई संजय बोले- तुम पर गर्व है बोनी की इस फोटो पर बेटी जान्हवी, भाई संजय कपूर, ओरी और वीर पहाड़िया समेत कई सेलेब्स ने कमेंट किया है। वर्कफ्रंट पर बोनी ने 68 साल की उम्र में पिछले साल रिलीज हुई फिल्म ‘तू झूठी मैं मक्कार’ से एक्टिंग डेब्यू किया था। हालांकि, बतौर प्रोड्यूसर इस साल रिलीज हुई उनकी फिल्म ‘मैदान’ बुरी तरह फ्लॉप रही।

from बॉलीवुड | दैनिक भास्कर https://ift.tt/2QVUjH0
via IFTTT

बांग्लादेश से भागकर पश्चिम बंगाल आए हिंदुओं पर फिल्म बनी:प्रोड्यूसर बोले- हमने 6 महीने पहले जो शूट किया, बांग्लादेश में अब वही हो रहा

‘बांग्लादेश में 1 अक्टूबर 2001 को एक घटना हुई थी। बहुसंख्यकों ने वहां की एक हिंदू फैमिली पर हमला किया, फिर उन्हें मार दिया। घर में 14 साल की बच्ची थी। जेहादियों ने उस बच्ची के साथ गैंगरेप किया। मंजर इतना खौफनाक था कि उसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। मां को लगा कि उसकी बेटी अब मर जाएगी। उसने उन दानवों से रोते हुए कहा कि एक-एक करके करो, वर्ना मेरी बच्ची मर जाएगी। एक मां के मुख से निकले शब्द अपने आप में किसी की आत्मा झकझोर देंगे। यह घटना उस वक्त तो दबा दी गई, लेकिन बांग्लादेश की राइटर तस्लीमा नसरीन ने जब इस बर्बरता पर एक किताब लिखी, तब यह मामला बड़े लेवल पर हाईलाइट हुआ। इसी फैमिली की एक दूसरी बच्ची किसी तरह वहां से बचकर निकल जाती है और पश्चिम बंगाल में पनाह लेती है। हालांकि पश्चिम बंगाल में उसे भी काफी उत्पीड़न झेलना पड़ता है। वो लव जिहाद का शिकार होती है, रोहिंग्या मुसलमान उसका शोषण करते हैं।’ ये बातें बताई हैं, वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र त्यागी ने। वसीम रिजवी लखनऊ शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष रह चुके हैं। उन्होंने कुछ समय पहले हिंदू धर्म स्वीकार कर लिया है। अब वे पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश में हिंदुओं की स्थिति पर एक फिल्म लेकर आ रहे हैं, जिसका टाइटल है- द डायरी ऑफ वेस्ट बंगाल। वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र त्यागी ने कहा कि आज बांग्लादेश में हिंदुओं की जो वर्तमान स्थिति है, उन्होंने फिल्म में पहले ही वो सब दिखा दिया है। फिल्म 6 महीने पहले ही शूट हो चुकी है। हमने वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र त्यागी से इस सेंसिटिव मुद्दे पर फिल्म बनाने की वजह पूछी। क्या वे इसके जरिए सच्चाई दिखाना चाहते हैं या फिर किसी खास धर्म को टारगेट करना चाहते हैं। उन्होंने एक-एक करके हमारे सभी सवालों के जवाब दिए। पढ़िए.. सवाल- आपने इस मुद्दे पर फिल्म बनाने की क्यों सोची, लगा नहीं कि सामाजिक सद्भाव बिगड़ सकता है? जवाब- हमारी फिल्म फैक्ट्स पर बेस्ड है। क्या आप इनकार करेंगे कि इस वक्त बंगाल में हिंदुओं की स्थिति बद से बदतर है। वहां रोहिंग्या मुसलमान आग उगल रहे हैं। वहां की सरकार सत्ता में बने रहने के लिए उन्हें पहचान पत्र मुहैया करा रही है। उन्हें लीगल सिटीजनशिप प्रोवाइड कर रही है, ताकि वे एक खास पार्टी के लिए वोट करते रहें। ये बाहर से आए लोग अब देश के हर कोने में पसरते जा रहे हैं, जो कहीं न कहीं नेशनल सिक्योरिटी के लिए खतरे की घंटी है। सवाल- इस फिल्म की रिलीज की टाइमिंग पर सवाल उठ सकता है, इस वक्त बांग्लादेश में जो हो रहा है, वो किसी से छिपा नहीं है। जवाब- हमारी फिल्म 6 महीने पहले ही बन चुकी है। बांग्लादेश में तो अभी एक महीने पहले उपद्रव शुरू हुआ है। हां, एक बात जरूर है कि हमने जो भी फिल्म में दिखाया है, वही इन दिनों बांग्लादेश में हो रहा है। बांग्लादेश में हिंदू हमेशा से पीड़ित रहे हैं, जो आज खुल कर पूरी दुनिया देख रही है। शेख हसीना के देश छोड़ते ही वहां की कट्टरपंथी ताकतों ने हिंदुओं का जीना मुहाल कर दिया है। उनके घर लूटे जा रहे हैं, मंदिर तोड़े जा रहे हैं। महिलाओं के साथ यौन हिंसा जैसी खबरें भी आ रही हैं। सवाल- क्या आपने अपनी फिल्म में लव जिहाद पर भी बात की है? जवाब- लव जिहाद और गजवा ए हिंद जैसी विचारधाराएं हमारे देश के लिए खतरा है हीं, इसमें कोई दो राय है क्या? सिर्फ लोगों की जान लेना आतंकवाद थोड़ी है। लव जिहाद को अंजाम देने वाले लोग वैचारिक आतंकवादी हैं। वे गैर मुस्लिम लड़कियों का पहले ब्रेनवॉश करते हैं और फिर उनसे शादी करके धर्म परिवर्तन करा देते हैं। हमारी फिल्म में इसी पर बात की गई है। सवाल- फिल्म के ट्रेलर में मदरसे का सीन है, बम बनाने के दौरान गलती से पूरा मदरसा उड़ जाता है। ऐेसे सीन्स रखने का क्या तात्पर्य है? जवाब- हमने खुद से तो दिखाया नहीं है। पहले भी बताया कि यह एक सच्ची घटनाओं पर आधारित फिल्म है। पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद के एक मदरसे में बम बनाने की ट्रेनिंग दी जाती थी। एक दिन वहां गलती से ब्लास्ट हो गया। पूरा मदरसा उड़ गया। जांच में पता चला कि एक बांग्लादेशी टीचर वहां लड़कों को बम बनाने की ट्रेनिंग दे रहा था। जब ऐसे केसेस सुनने को मिलते हैं तो सारे मदरसों पर सवालिया निशान खड़ा हो जाता है। सवाल- क्या आपको लगता है कि आतंकी विचारधारा वाले सच में किसी धर्म को मानते होंगे? जवाब- यह तो अजीब बात है। धर्म के नाम पर ही आज पूरी दुनिया में ये लोग आतंक मचा रहे हैं। मजहब को आगे करके ही ये लोग हंगामा मचाते हैं। आप मुझे खुद बताइए, आतंकियों की लाशों को दफनाया ही क्यों जाता है, जलाया क्यों नहीं जाता। उनकी मौत पर फातिहा ही क्यों पढ़ा जाता है। ये लोग ही अपने मजहब को बदनाम कर रहे हैं। सवाल- विरोधी तो आपको एंटी मुस्लिम बताते हैं, क्या आप जानबूझकर मुस्लिमों के खिलाफ बोलते हैं? जवाब- यह सब चीजें बस मेरी बात को दबाने के लिए कही जाती हैं। मैं जो बात कहता हूं क्या उसका किसी के पास तोड़ है? क्या यह सच नहीं है कि आज बंगाल का हिंदू वहां से पलायन करने पर मजबूर है। यही तथ्य मैंने अपनी फिल्म में भी दिखाया है। मैं कभी भी एक ईमानदार मुसलमान के खिलाफ बात नहीं करता। जो कट्टरपंथी हैं, उनके खिलाफ तो बोलना ही पड़ेगा। ये जो कट्टरपंथी हैं, उनसे नुकसान सिर्फ औरों को नहीं, बल्कि खुद मुसलमानों को भी है। सवाल- आप जो बताना चाह रहे, क्या उसकी जानकारी केंद्र सरकार या खुफिया एजेंसी को नहीं है, फिर एक्शन क्यों नहीं लेते? जवाब- जानकारी तो केंद्र सरकार और खुफिया एजेंसी को बिल्कुल है। हालांकि अब मिलिट्री एक्शन तो कर नहीं सकते। कार्रवाई धीरे-धीरे हो रही है, लेकिन जेहादियों के लिंक्स इतने मजबूत हैं कि वे जल्दी पकड़ में नहीं आते। जितने पकड़े जाते हैं, उससे ज्यादा लोगों को ये धर्म के नाम बरगलाकर वापस भर्ती करा लेते हैं। एक मरता है तो 10 पैदा हो जाते हैं। सवाल- क्या आपको किसी पार्टी की तरफ ऐसी फिल्म बनाने के लिए फंडिंग की गई है? जवाब- अगर फंडिंग की गई होती तो मैं अपनी फिल्म में बड़े स्टार्स लेकर नहीं आता? हमने एक-एक पाई जोड़कर यह फिल्म बनाई है। किसी से कोई हेल्प नहीं ली। सिनेमा समाज को आइना दिखाता है। लोग थिएटर से हंसते हुए निकलते हैं, मैं चाहता हूं कि यह फिल्म देखने के बाद लोग रोएं। सवाल- क्या आपको अपनी जान की फिक्र नहीं है? इस फिल्म को बनाने को लेकर आप के खिलाफ फतवा जारी हुआ है। जवाब- मेरी जिंदगी एक मकसद के लिए है। मेरे दिल से उस दिन डर निकल गया, जब एक हेलिकॉप्टर क्रैश में मुझे खरोंच तक नहीं आई। मुझे दाऊद इब्राहिम ने मारने के लिए गुर्गे भेजे थे, जिन्हें क्राइम ब्रांच दिल्ली की टीम ने पकड़ लिया था। मुझे मौत से डर नहीं लगता। हम सभी को जिंदगी से डरना चाहिए न कि मौत से। मौत तो अटल है, एक दिन आएगी ही। जहां तक फतवे की बात है, मैं इन मौलानाओं को सीरियसली नहीं लेता। सवाल- फिल्म को बंगाल में बैन भी किया जा सकता है, आपके खिलाफ केस भी हो सकता है। क्या इसके लिए तैयार हैं? जवाब- बैन तो नहीं करना चाहिए क्योंकि हमने फिल्म के जरिए सच्चाई दिखाई है। मैंने तो पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को फिल्म देखने के लिए इनविटेशन भी भेजा है। हम चाहते हैं कि वे आएं और फिल्म देखें जिससे उनकी भी आंखें खुले। हम चाहते हैं कि वे AC वाले कमरे से निकलें और बंगाल के सताए हुए हिंदुओं का दुख-दर्द समझें। अब फिल्म के लीड एक्टर्स यजुर और अर्शिन से बातचीत.. सवाल- क्या आप दोनों को यह फिल्म करते वक्त डर नहीं लगा? अर्शिन- मैंने तो शुरुआत में फैमिली को बताया ही नहीं था कि ऐसी किसी फिल्म में काम करने जा रही हूं। मम्मी-पापा को जब पता चला तो वे थोड़े नर्वस जरूर हो गए। परिवार के कई लोगों ने तो मुझे सुना भी दिया। जब मैंने कहानी सुनी तो मुझे ऐसा बिल्कुल नहीं लगा कि यह फिल्म किसी धर्म के खिलाफ है। मुझे यह भी लगता है कि मैं हर किसी को खुश नहीं रख सकती। यजुर- एक एक्टर को स्क्रिप्ट और उसके रोल पर ही फोकस करना चाहिए। मुझे फिल्म की कहानी काफी रियलस्टिक लगी। चूंकि यह मेरी पहली फिल्म है, इसके जरिए मुझे अपना टैलेंट दिखाने का मौका मिला। फिल्म की शूटिंग के वक्त क्या दिक्कतें आईं? अर्शिन- हमें बंगाल जाकर शूट करना था। वहां लो प्रोफाइल रहना था, ताकि आस-पास पता न चले कि हम फिल्म शूट कर रहे हैं। ऊपर से हमारे साथ कैमरा वगैरह भी थे, उन्हें भी छिपा कर रखना था। छोटे-छोटे होटलों में रहते थे, ताकि किसी को कोई शक न हो। जंगलों में शूट करने जाते थे, जहां वैनिटी वैन भी नहीं जा सकती थी। जंगलों में ही फ्रेश होना पड़ता था। बांग्लादेश की वर्तमान स्थिति को समझने के लिए ये स्टोरीज पढ़िए.. 1.बांग्लादेश में बेटियां घर में कैद, मंदिरों पर हमले: किशनगंज में बसे बांग्लादेशी बोले- साथ रहकर अपनी जान बचा रहे हिंदू 'बांग्लादेश में रह रहे हमारे रिश्तेदार (हिंदू परिवार) ग्रुप में रह रहे हैं। अपनी सुरक्षा को लेकर वे डरे हुए हैं। बहनों का घर से निकलना मुश्किल हो गया है। वहां मंदिरों में हमले हो रहे हैं। हम सरकार से अपील करते हैं, जैसे हमें भारत आने दिया उन्हें भी आने दिया जाए।' ये कहना है बांग्लादेश से भारत लौटे शरणार्थी प्रिय रंजन का। पूरी खबर पढ़ें.. 2. बांग्लादेश में बनी एक-एक मूर्ति तोड़े सरकार: कट्टरपंथी नेता रब्बानी बोले- देश में इस्लामी निजाम लाएंगे, सभी लड़कियां हिजाब पहनें हिफाजत-ए-इस्लाम, यानी इस्लाम के रक्षक। ये बांग्लादेश के सबसे बड़े इस्लामिक संगठन का नाम है। 2010 में बना ये संगठन जल्दी ही धर्म की प्रेशर पॉलिटिक्स का सेंटर पॉइंट बन गया। प्रधानमंत्री मोदी के बांग्लादेश दौरे के विरोध से लेकर हिंदुओं और मंदिरों पर हमले में भी इसका नाम आया। पूरी खबर पढ़ें.. ​​​​​​

from बॉलीवुड | दैनिक भास्कर https://ift.tt/zqwIUi3
via IFTTT