headlines

    05:45 AM

WHAT’S HOT NOW

ಗುರುವಾರ ಕೇಳಿ ಶ್ರೀ ರಾಘವೇಂದ್ರ ರಕ್ಷಾ ಮಂತ್ರ

LIVE LIVE - The Car Festival Of Lord Jagannath | Rath Yatra | Puri, Odisha

LIVE - The Car Festival Of Lord Jagannath | Rath Yatra | Puri, Odisha)

» » » 'PR स्ट्रेटजी से नहीं, काम से पहचान बनाना चाहती हूं':जॉन अब्राहम की को-स्टार सादिया बोलीं- दमदार काम करना चाहती हूं, 'द डिप्लोमैट' में दिखेंगी
SGK ADVERTISING ADDA

फिल्म 'द डिप्लोमैट' में जॉन अब्राहम के साथ नजर आने वाली एक्ट्रेस सादिया खतीब ने हाल ही में दैनिक भास्कर से खास बातचीत की। अपने करियर को लेकर उन्होंने खुलकर बात की और बताया कि क्यों उन्होंने अब तक कम फिल्में की हैं। सादिया का कहना है कि वह पब्लिसिटी और PR स्ट्रेटजी पर भरोसा नहीं करतीं, बल्कि चाहती हैं कि उनके काम की वजह से लोग उन्हें पहचानें। बता दें, फिल्म 'द डिप्लोमैट' में सादिया खतीब उज्मा अहमद का किरदार निभा रही हैं। यह सच्ची घटना पर आधारित फिल्म है, जिसमें एक भारतीय महिला शादी के धोखे में पाकिस्तान फंस जाती है। पढ़िए बातचीत के कुछ प्रमुख अंश: PR स्ट्रेटजी की जगह काम पर भरोसा 'मुझे अब तक जो भी फिल्में मिली हैं, वो सिर्फ ऑडिशन के जरिए मिली हैं। अगर ऑडिशन अच्छा गया, तो काम मिला, नहीं तो नहीं। कई बार लोगों ने कहा कि 'तुम नजर नहीं आ रही हो' या 'सीन में नहीं हो'। लेकिन सीन से उनका मतलब क्या है? पैसे देकर खबरें छपवाना? PR एजेंसी को फोन करके कहना कि मुझे दिखाओ? आजकल इतने सोशल मीडिया पेजेस और प्लेटफॉर्म्स हैं, जहां पैसा देकर खुद को लाइमलाइट में लाया जाता है। पर मेरी परिभाषा कुछ और है। मैं चाहती हूं कि मेरा काम इतना दमदार हो कि लोग खुद पूछें - ये लड़की कौन है? और उसी आधार पर मुझे अपनाएं। हां, शायद आगे चलकर मुझे भी PR करना पड़े, लेकिन मेरी पहचान मेरे टैलेंट से बने, यही मेरी पहली प्राथमिकता है।' जॉन अब्राहम के साथ काम करने का अनुभव फिल्म 'द डिप्लोमैट' में जॉन अब्राहम के साथ काम करने के अनुभव पर सादिया हंसते हुए कहती हैं, 'जॉन बहुत डिसिप्लिन्ड हैं, लेकिन बहुत चिल और मजेदार इंसान भी हैं। कभी-कभी वो मेरे खाने की प्लेट देखते और कहते, 'इसमें बहुत कैलोरीज हैं।' लेकिन मैं खाने की दीवानी हूं और खाने से कभी समझौता नहीं कर सकती। कई बार तो मुझे लगता था कि काश जॉन भी वही खाते, जो मैं खाती।' (हंसते हुए) फिटनेस को लेकर सख्त लेकिन खाना छोड़ना नामुमकिन अपनी फिटनेस को लेकर सादिया बताती हैं, 'बीच में मेरा वजन थोड़ा बढ़ गया था, तो मैंने वर्कआउट शुरू किया। ट्रेनर हायर किया और वो बेचारा रोज मुझे फोन करके बुलाता था कि - 'बहन, तुम्हारी फिल्म रिलीज होने वाली है।' (हंसते हुए) दो महीने मैंने फिटनेस पर पूरा ध्यान दिया। मैं बेसिक चीजों का ध्यान रखती हूं - चीनी नहीं खाती, नमक में रॉक सॉल्ट यूज करती हूं और घर का खाना कम तेल में बनता है। लेकिन खुद पर जुल्म नहीं करती, अगर बाहर अच्छा खाना मिले, तो मजे से खाती हूं।' कम फिल्में करने की असली वजह सादिया के अब तक कम फिल्मों में नजर आने पर उन्होंने खुलासा किया, 'इसके पीछे दो वजहें हैं। मेरी पहली फिल्म 'शिकारा' 2020 में लॉकडाउन के दौरान रिलीज हुई, फिर 2022 में 'रक्षाबंधन' आई। इसके दो महीने बाद ही मैंने 'द डिप्लोमैट' की शूटिंग शुरू कर दी थी, जिसमें थोड़ा वक्त लगा। मेरे लिए हर प्रोजेक्ट मायने रखता है, इसलिए जब कोई कहानी मुझे दिल से पसंद नहीं आई, तो मैंने उसे नहीं किया। दूसरी तरफ, जिन बड़े प्रोजेक्ट्स के लिए मैंने ऑडिशन दिए, वहां शायद मैं फिट नहीं बैठी। वहां बड़े स्टार्स की जरूरत थी और मैं उस वक्त उतनी बड़ी स्टार नहीं थी। इसलिए 'शिकारा' के बाद लगभग एक साल तक इंतजार किया, जब तक 'रक्षाबंधन' जैसी दमदार कहानी नहीं मिली। अब 'द डिप्लोमैट' जैसा सैटिस्फाइंग रोल मिला है, तो मैं बहुत खुश हूं।' बचपन से ही जिद्दी और मजबूत इरादों वाली सादिया बताती हैं कि उनकी पर्सनैलिटी हमेशा से मजबूत रही है और कहीं न कहीं वह अपनी फिल्म 'द डिप्लोमैट' के किरदार उज्मा अहमद से मिलती-जुलती हैं। उन्होंने बचपन का एक मजेदार किस्सा शेयर किया, 'मैं सीढ़ियों पर बैठी थी और मम्मा नीचे किसी काम में बिजी थीं। मम्मी ने मुझे बुलाया कि खुद नीचे आ जाओ। लेकिन मैंने जिद पकड़ ली कि, नहीं, आप ऊपर आओ और मुझे लेकर जाओ। मम्मा को लगा कि बहुत जिद्दी हो रही हूं, तो उन्होंने कहा, 'ठीक है, खुद आएगी नीचे।' और मुझे वहीं छोड़ दिया। मैं सुबह 12 बजे से शाम 5 बजे तक वहीं बैठी रही, नीचे नहीं उतरी। आखिरकार, मम्मी खुद ऊपर आईं और मुझे गोद में लेकर नीचे ले गईं। आज जब मैं सोचती हूं, तो लगता है कि मेरी पर्सनैलिटी बचपन से ही ऐसी रही है। जो ठान लिया, वो कर के ही मानूंगी।' आगे की प्लानिंग भविष्य की प्लानिंग पर सादिया कहती हैं, 'अब जब मैंने 'द डिप्लोमैट' जैसा रोल कर लिया, तो सोच रही थी कि कुछ भी कर सकती हूं, लेकिन नहीं, मेरे लिए क्वालिटी ज्यादा मैटर करती है। मैंने शायद कुछ प्रोजेक्ट्स छोड़कर गलती की, लेकिन सही भी किया, क्योंकि मेरे लिए क्वांटिटी से ज्यादा क्वालिटी जरूरी है। अब मैं छोटे-मोटे रोल भी करूंगी, लेकिन शर्त ये है कि वो मुझे अच्छे लगें।'

from बॉलीवुड | दैनिक भास्कर https://ift.tt/l5HZS93
via IFTTT

«
Next
This is the most recent post.
»
Previous
दीया मिर्जा ने 'तुमको ना भूल पाएंगे' का बताया एक्सपीरियंस:पहले एक्ट्रेसेस का महत्व नहीं था, डायलॉग पर आपत्ति जताई तो जवाब मिला- चुप रहो

No comments: