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» » » राखी के साथ फिल्म नहीं करना चाहते थे अमिताभ:यश चोपड़ा ने खूबसूरती पर बनाई कभी-कभी; अब 9 कुत्तों, 32 गाय और सांप पालकर काट रहीं जिंदगी

“मेरे करण अर्जुन आएंगे……” ये डायलॉग सुनते ही जहन में राखी गुलजार का चेहरा उकरता है। 70-80 के दशक में सबसे मशहूर एक्ट्रेसेस में शुमार होने वालीं अभिनेत्री की खूबसूरती का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि यश चोपड़ा ने उन्हें देखकर ही 1976 की ब्लॉकबस्टर फिल्म कभी-कभी लिखी थी। वहीं मशहूर लिरिसिस्ट साहिर लुधियानवी ने फिल्म का गाना 'कभी कभी मेरे दिल में ख्याल आता है…' लिखने के लिए राखी की शख्सियत से प्रेरणा ली। सुनील दत्त, राखी के अभिनय के ऐसे मुरीद थे कि जब-जब उन्हें राखी का अभिनय देखने का अवसर मिला, उनकी आंखें नम ही रहीं। 40 दशकों के फिल्मी करियर में राखी ने करीब 100 फिल्मों में काम किया, जिसके लिए उन्हें 2 नेशनल अवॉर्ड, 3 फिल्मफेयर और पद्मश्री से सम्मानित किया जा चुका है। राखी की जिंदगी कई उतार-चढ़ाव से भरी रही, कभी कम उम्र में शादी टूटने का गम तो कभी दूसरी शादी में पति गुलजार की बेवफाई का दर्द झेलना पड़ा। लेकिन उसूलों की पक्की राखी ने कभी हार नहीं मानीं। वो कहती हैं कि मैं अपनी मर्जी और स्वाभिमान की पक्की हूं, चाहे आर्थिक तंगी ही क्यों न हो, लेकिन कभी वो फिल्म या काम नहीं करुंगी, जो पसंद न आए। आज राखी गुलजार 77 साल की हो चुकी हैं। उम्र के इस पड़ाव में भी वो शहर और चकाचौंध से दूर वादियों के बीच अकेले अपनी जिंदगी गुजार रही हैं। कहती हैं अब पैसों की जरुरत नहीं पड़ती, अपने काम खुद करती हूं और जानवरों के साथ जिंदगी खुशी से गुजार रही हूं। पनवेल स्थित उनके फार्महाउस में कई कुत्ते, गाय, सांप और चिड़ियां हैं, जिनका ख्याल वो खुद रखती हैं। आज राखी गुलजार के जन्मदिन के खास मौके पर जानिए उनकी जिंदगी से जुड़े 6 चुनिंदा किस्से- 15 अगस्त 1945 पूरा भारत देश अंग्रेजों के खिलाफ लंबी लड़ाई लड़कर आजादी का जश्म मना रहा था। उसी दिन सुबह-सुबह बंगाल के नदिया जिले के राणाघाट में जूतों का व्यापार करने वाले बंगाली परिवार में राखी का जन्म हुआ। पूरा नाम था राखी मजूमदार। उनके पिता का राणाघाट में जमा-जकड़ा व्यापार था, हालांकि बंटवारे के बाद माहौल बिगड़ने से उनका परिवार वेस्ट बंगाल आकर बस गया। राखी महज 17 साल की थीं, जब 1963 में उनके पिता ने उनकी शादी बंगाली पत्रकार और फिल्म डायरेक्टर अजय बिश्वास से करवा दी। शादी के चंद साल ही बीते कि राखी के लिए पति के साथ तालमेल बैठा पाना मुश्किल होने लगा। यही वजह रही कि महज 18 साल की उम्र में उन्होंने पति को छोड़कर अपने बलबूते पर जिंदगी जीने का फैसला कर लिया। देखने में बेहद खूबसूरत राखी को कई फिल्मों के ऑफर मिलते थे। ऐसे में जब तलाक के बाद जिम्मेदारियां सिर पर आईं, तो उन्होंने फिल्मों में आने का फैसला कर लिया। 20 साल की उम्र में उन्होंने पहली बंगाली फिल्म बोधु बोरोन साइन की, जो साल 1967 में रिलीज हुई। पहली ही फिल्म से राखी ने बंगाली सिनेमा में खासा पहचान बना ली, जिसके बाद उन्हें अगली फिल्म मिली बाघिनी। राखी के अभिनय में वो आकर्षण था कि रीजनल सिनेमा की फिल्म करके भी उन्होंने राजश्री प्रोडक्शन के फाउंडर ताराचंद बड़जात्या का ध्यान खींच लिया। ताराचंद बड़जात्या ने उन्हें हिंदी फिल्म जीवन मृत्यू में कास्ट किया, जिसमें उनके हीरो धर्मेंद्र थे। 1970 में रिलीज हुई ये फिल्म राखी के लिए मील का पत्थर साबित हुई। उनके पास सुबोध मुखर्जी की फिल्म शर्मीली, सुनील दत्त की रेशमा और शेरा जैसी कई बड़ी-बड़ी फिल्में मिलने लगीं। फिल्म रेशमा और शेरा में राखी को सुनील दत्त के साथ जगह मिली थी। इस फिल्म में उन्होंने एक विधवा की भूमिका निभाई थी। जब राखी सेट पर आईं, तो सुनील दत्त ने उन पर कोई खासी दिलचस्पी नहीं दिखाई, लेकिन जैसे ही शूटिंग शुरू हुई तो सब कुछ बदल गया। पहले ही शॉट में नई नवेली दुल्हन बनीं राखी को विधवा होने की खबर दी जाने वाली थी। जैसे ही कैमरा शुरू हुआ, वैसे ही राखी ने भावुक अंदाज में चूड़ियां तोड़कर सिंदूर पोंछना शुरू कर दिया। राखी का अभिनय इतना असल था कि सेट पर मौजूद हर शख्स भावुक हो गया। सुनील दत्त ने एक इंटरव्यू में बताया है कि उन्हें लगा कि वो वाकई कोई असल हादसा देख रहे हैं। उनकी आंखों में आंसू थे। बताते चलें कि जब राखी ने करियर के शुरुआत में विधवा की भूमिका निभाई, तब कई लोगों ने उनसे कहा था कि उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए। इससे उनके करियर पर बुरा असर पड़ेगा। हालांकि राखी का उसूल था कि वो उन फिल्मों को जरूर करेंगी, जिनमें उन्हें एक्सपैरिमेंट करने का मौका मिले, चाहे फिर वो विधवा का रोल हो या अपनी उम्र से बड़े हीरो अमिताभ बच्चन की मां का रोल। लगातार हिट पर हिट फिल्में देते हुए 70 के दशक में राखी ने खुद को बतौर एक्ट्रेस स्थापित कर लिया था। इसी बीच मशहूर लिरिसिस्ट गुलजार साहब (संपूर्ण सिंह कालरा) राखी की खूबसूरती से मोहित हो गए। उम्र में 11 साल बड़े होने के बावजूद गुलजार साहब ने एक रोज राखी को शादी का प्रस्ताव दे दिया। राखी ने भी बिना सोचे झट से हामी भर दी। राखी अपने करियर के पीक पर थीं, ऐसे में कई लोगों ने उन्हें शादी न करने का सुझाव दिया था, हालांकि उन्होंने किसी की न सुनी। कहा जाता है कि गुलजार साहब ने राखी से शादी करने की एकशर्त रखी थी। शर्त थी कि शादी के बाद राखी फिल्मी दुनिया छोड़ देंगी और परिवार संभालेंगी। राखी का मानना था कि गुलजार साहब का दिल कभी-न-कभी जरूर बदलेगा। आखिरकार 1973 में राखी ने गुलजार साहब से शादी कर ली और फिल्मी जगत को अलविदा कह दिया। शादी के बाद फिल्मों से दूर होने का फैसला राखी को खलने लगा था। चकाचौंध और चाहनेवालों की भीड़ से घिरी रहने वालीं राखी के लिए घर काम में समय काटना मुश्किल होने लगा। उन्होंने कई बार गुलजार साहब से कहा कि वो उनके साथ कोई फिल्में बनाएं, लेकिन उनकी बात को हर बार टाल दिया गया। उस दौर के मशहूर फिल्ममेकर यश चोपड़ा ने राखी की खूबसूरती को ध्यान में रखकर फिल्म कभी-कभी लिखी थी। हालांकि जब तक फिल्म की स्क्रिप्ट तैयार हुई, राखी शादी कर इंडस्ट्री छोड़ चुकी थीं। उनकी जगह किसी और एक्ट्रेस को कास्ट करना यश चोपड़ा के लिए नगवारा था। ऐसे में उन्होंने राखी से मुलाकात कर उन्हें ही फिल्म ऑफर की। राखी को जब पता चला कि साहिर लुधियानवी ने भी उनकी सुंदरता देखकर ही फिल्म के गाने लिखे हैं, तो वो भी इस फिल्म में काम करने के लिए राजी हो गईं। लेकिन फिल्म करने के लिए राखी को पति गुलजार की इजाजत चाहिए थी। बीबीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार, उस समय गुलजार साहब अपने डायरेक्शन और लेखन की फिल्म आंधी की शूटिंग कश्मीर में कर रहे थे। राखी फिल्म को लेकर इस कदर उत्साहित थीं कि उन्होंने बिना समय गंवाए कश्मीर जाना बेहतर समझा। जैसे ही राखी कश्मीर पहुंचीं, तो उनके ऊपर दुख के पहाड़ टूट पड़े। उन्होंने देखा की फिल्म आंधी के सेट पर गुलजार साहब और फिल्म की लीड एक्ट्रेस सुचित्रा सेन काफी घुले-मिले हुए हैं। दोनों की नजदीकियों से कई बातें पनप रही थीं। राखी ने इस मुद्दे पर नाराजगी जताई और घर लौट आईं। जब गुलजार साहब शूटिंग से फारिग होकर पहुंचे तो राखी उन्हें छोड़ने का मन बना चुकी थीं। राखी ने साल 1974 में बेटी मेघना के साथ पति का घर छोड़ दिया और फिर फिल्म कभी-कभी का ऑफर स्वीकार लिया। पति से अलग होने के बावजूद राखी ने कभी उनसे तलाक नहीं लिया। फिल्म कभी-कभी में यश चोपड़ा राखी के साथ अमिताभ बच्चन और शशि कपूर को साइन करना चाहते थे। राखी तो जैसे-तैसे मान गईं, लेकिन जब अमिताभ को पता चला कि उन्हें स्क्रीन पर राखी के साथ रोमांस करना है, तो उन्होंने फिल्म ठुकरा दी। दरअसल, अमिताभ बच्चन और राखी करीबी दोस्त थे। राखी, उन्हें लंबू कहती थीं और अमिताभ उन्हें दीदी। ऐसे में वो दीदी मानने वाली राखी के साथ रोमांस कैसे करते। जब ये बात राखी को पता चली तो उन्होंने समझाते हुए कहा- हम कलाकार हैं, हमारी रियल लाइफ, रील लाइफ से काफी अलग होती है। राखी के समझाने पर अमिताभ बच्चन मान गए। कभी-कभी फिल्म के ब्लॉकबस्टर होने के बाद राखी-अमिताभ की जोड़ी भी हिट हो गई। दोनों ने साथ में कसमें वादे, त्रिशूल और काला पत्थर जैसी कई फिल्मों में साथ नजर आए। हालांकि उनकी फिल्म कसमे वादे का वो किस्सा बेहद मशहूर है, जिसमें राखी ने सेट पर गलती से अमिताभ को थप्पड़ जड़ दिया था। दरअसल, सीन की जरुरत के मुताबिक राखी को एक टेक में अमिताभ को थप्पड़ मारना था, जिसके जवाब में वो उन्हें धमकी देते हैं। जैसे ही सीन शुरू हुआ और अमिताभ उनके करीब आए, वैसे ही राखी ने बेझिझक उनको असल में थप्पड़ मार दिया। थप्पड़ इतना जोरदार था कि सेट पर मौजूद हर शख्स हैरान रह गया। शॉट जारी था तो अमिताभ उस वक्त तो कुछ नहीं कह सके, लेकिन उन्होंने जब उन्होंने डायलॉग कहा, तो हर कोई समझ गया कि वो असल में धमकी दे रहे हैं। शॉट खत्म होने के बाद राखी ने उन्हें समझाया कि वो सिर्फ सीन दे रही थीं। इस पर भी अमिताभ ने मजाकिया अंदाज में उन्हें धमकी देकर कहा कि वो इसका बदला जरूर लेंगे। बताते चलें कि 4 दशकों तक हिंदी सिनेमा में अपना योगदान देने के बाद अब राखी गुलजार चकाचौंध से दूर रहना पसंद करती हैं। वो क्लॉस्ट्रोफोबिक हैं, ऐसे में उन्हें भीड़ या शोर में रहना पसंद नहीं है। ऐसे में मुंबई से चंद किलोमीटर दूर पनवेल स्थित अपने फार्महाउस में जिंदगी गुजार रही हैं। अपने फार्महाउस में राखी अपने सारे काम खुद ही करती हैं और लोगों से मिलना पसंद नहीं करतीं। क्विंट की रिपोर्ट के अनुसार, राखी गुलजार के फार्महाउस का नाम रूट्स है, जहां उन्होंने 9 कुत्ते, 32 गाय, कई तरह की चिड़ियां और सांप पाल रखे हैं। जब उनसे पूछा गया कि क्या सांपों के साथ उन्हें डर नहीं लगता तो जवाब में एक्ट्रेस ने कहा- तुम शहर में रहने वाले लोगों सांप से डरते हो। अगर तुम उसे नुकसान नहीं पहुंचाओगे, तो वो भी नहीं काटेगा। राखी फार्महाउस में खेती करती हैं और अपने सभी पालतु जानवरों कों नहलाने-धुलाने से लेकर खाना खिलाते तक सारी जिम्मेदारियां खुद ही उठाती हैं। राखी काम के लिए नौकरों पर आश्रित रहना भी पसंद नहीं करती हैं।

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