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» » » पवन कल्याण का 53वां जन्मदिन:कभी खुद को गोली मारने वाले थे, एक्सीडेंटल एक्टर से पावर स्टार बने; पीएम ने कहा- पवन नहीं, आंधी है
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सबसे पहले देखिए यह तस्वीर... तारीख: 17 अक्टूबर 2022 जगह: विशाखापट्‌टनम में जन सेना पार्टी (JSP) का ऑफिस पार्टी ऑफिस में JSP के प्रेसिडेंट पवन कल्याण एक मीटिंग को संबोधित कर रहे थे। पवन ने कहा, ‘कुछ रूलिंग पार्टी के लाेग यहां तक कि चीफ मिनिस्टर वाई.एस जगन मोहन रेड्‌डी बीते कुछ दिनों से मुझे ‘पैकेज स्टार’ कहकर बुला रहे हैं। वो आरोप लगा रहे हैं कि मैं भारतीय जनता पार्टी (BJP) और तेलुगु देशम पार्टी (TDP) का प्रमोशन करने के लिए उनसे ‘पैकेज’ लेता हूं।’ यह कहते हुए अचानक से पवन के तेवर बदल गए। उन्होंने अपनी चप्पल उतारी और उसे हाथ में उठाकर कहा- ‘अगली बार अगर किसी ने मुझे पैकेज स्टार बुलाया तो मैं उसे इसी चप्पल से मारूंगा…’ तारीख: 7 जून 2024 जगह: नई दिल्ली में पुरानी संसद का सेंट्रल हॉल NDA के निर्वाचित सांसदों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हाल ही में संपन्न हुए आम चुनावों में भाजपा और उसके सहयोगी दलों के प्रदर्शन पर चर्चा कर रहे थे। यहां उन्होंने मंच से कहा- ‘और ये जो यहां पर दिखता है न पवन.. ये पवन नहीं है आंधी है.. ।’ आज इन्हीं पवन कल्याण का 53वां जन्मदिन है। इस माैके पर जानिए कैसे पवन पहले एक्सीडेंटल स्टार बने और फिर आंध्र प्रदेश के डिप्टी सीएम… सुपरस्टार पवन साल 2024 के आंध्र प्रदेश विधानसभा चुनाव में पीथमपुरम सीट से विधायक चुने गए। इसके बाद 100 प्रतिशत स्ट्राइक रेट के साथ विधानसभा की 21 सीटें जीतने वाले पवन अब सीधे डिप्टी सीएम बने हैं। हालांकि पॉलिटिकल करियर में इतनी ऊंचाई पर पहुंचने वाले पवन का व्यक्तिगत जीवन काफी उथल-पुथल भरा रहा। पढ़ाई में कई बार फेल हुए पर कराटे में ब्लैक बेल्ट थे पवन का असली नाम कोनिडेला कल्याण बाबू है। पिता कोनेडेला वेंकट राव कॉन्स्टेबल थे और उनका नियमित रूप से ट्रांसफर होता रहता था। बचपन से ही पवन का मन पढ़ाई में नहीं लगता था। दसवीं पास करने तक वो कई बार फेल हुए पर कराटे में ब्लैक बेल्ट थे। एक दिन मार्शल आर्ट प्रेजेंटेशन इवेंट में उन्होंने अपना नाम कल्याण बाबू की जगह पवन कल्याण लिखवा दिया और यहीं से उनका नाम बदल गया। डिप्रेशन में गए, सुसाइड की कोशिश की एक इंटरव्यू में अपने बचपन का जिक्र करते हुए पवन ने बताया था, 'मैंने बहुत आम जिंदगी जी है। परिवाले वाले जो कहते गए, वो मैं करता गया। खुद के बारे में कभी ज्यादा सोचा नहीं। मेरा ध्यान पढ़ाई पर कम, बाकी चीजों पर ज्यादा रहता था। इसी दौरान मुझे अस्थमा हो गया और इसके चलते मैंने लोगों से मिलना-जुलना कम कर दिया। धीरे-धीरे डिप्रेशन में चला गया। एक दिन बड़े भाई चिरंजीवी की लाइसेंसी पिस्टल से मैंने सुसाइड करने की कोशिश भी की, पर परिवार वालों ने बचा लिया।’ फिल्मों में आने के लिए भाभी ने प्रेरित किया इस घटना के बाद पवन ने जिंदगी को नए तरीके से देखना शुरू किया। कंप्यूटर की पढ़ाई की और योग करने लगे। पवन के बड़े भाई चिरंजीवी और नागेंद्र बाबू साउथ में सुपरस्टार हैं, पर इसके बावजूद पवन एक्टिंग नहीं बल्कि खेती करना चाहते थे। हालांकि उनकी भाभी सुरेखा ने उन्हें फिल्मों में आने के लिए प्रेरित किया और इस तरह वो एक्सीडेंटल एक्टर बन गए। लगातार 6 हिट फिल्में दीं, सबसे ज्यादा फीस लेने वाले एक्टर बने 1996 में फिल्म 'अक्कड़ा अम्मायी इक्कदा अब्बायी' से पवन ने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत की। 1997 से 1999 के बीच लगातार 6 हिट फिल्में देकर वो स्टार बन गए। पवन ने अपने भाई चिरंजीवी से अलग यूथ आइकन की इमेज बनाई। 1998 में रिलीज हुई फिल्म 'सुस्वागतम' से पावर स्टार का टाइटल मिला। इसी दौर में वो तेलुगु फिल्मों के सबसे ज्यादा फीस लेने वाले एक्टर भी बने। 7 फिल्मों में स्टंट को-ऑर्डिनेटर के तौर पर भी काम किया। शाहरुख से ज्यादा पैसे मिल रहे थे, ठुकरा दिया ऑफर 2001 में जहां पवन साॅफ्ट ड्रिंक पेप्सी के ब्रांड एंबेस्डर थे तो वहीं भाई चिरंजीवी कोका-कोला का प्रचार कर रहे थे। उस वक्त एक कोला ब्रांड ने पवन को ऐड करने के लिए शाहरुख खान से ज्यादा पैसे ऑफर किए थे, लेकिन पवन ने वह ऑफर ठुकरा दिया था। उनका कहना था, ‘जब मुझे पता चला कि कोला सेहत के लिए हानिकारक है तो मैंने इसका ऐड करना छोड़ दिया। मेरे लिए पैसों से ज्यादा जरूरी मेरा विश्वास है।’ भाई की पार्टी से पॉलिटिक्स में उतरे, फिर उनका ही विरोध किया साल 2008 में पवन ने भाई चिरंजीवी की पार्टी प्रजा राज्यम के अध्यक्ष के रूप में पॉलिटिक्स में एंट्री ली। 2011 में चिरंजीवी की पार्टी ने कांग्रेस से गठबंधन कर लिया। भाई के इस फैसले से नाखुश होकर पवन ने 2014 में जनसेना पार्टी बना ली और कांग्रेस का जमकर विरोध किया। 2020 में पवन ने बीजेपी से गठबंधन कर लिया। पार्टी और विचार अलग, पर प्रेम आज भी मजबूत पार्टियां और विचार अलग होने के बावजूद भी पवन और उनके भाई चिरंजीवी के बीच कभी कोई दरार नहीं आई। वो आज भी अपने बड़े भाई से सिर झुकाकर मिलते हैं। आज पवन आंध्र प्रदेश सरकार में उप-मुख्यमंत्री हैं। इसके साथ ही वो पंचायत राज, ग्रामीण विकास और ग्रामीण जल आपूर्ति; पर्यावरण, वन, विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री भी हैं। ग्राफिक्स- विपुल किशोर शर्मा

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